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एकता के अमृत से विघटन के ज़हर को मारें-मोदी

भारत की एकता में रजवाड़ों के योगदान को समर्पित संग्रहालय बनेगा

प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 1 November 2022 01:49:13 PM

pm pays tribute to sardar patel at statue of unity

केवड़िया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले गृहमंत्री लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुजरात में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूपमें स्थापित उनकी भव्य प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर जाकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मोरबी में हुई भयावह दुर्घटना के हताहतों केप्रति गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि यद्यपि वे केवड़िया में हैं, लेकिन उनका हृदय मोरबी की दुर्घटना के पीड़ितों केसाथ है, एक तरफ हृदय दुख से बोझिल है, वहीं दूसरी तरफ कर्म और कर्तव्य का पथ है। उन्होंने कहाकि कर्तव्यपथ और उत्तरदायित्व की भावना उन्हें राष्ट्रीय एकता दिवस में खींच लाई है। प्रधानमंत्री ने उन सभीके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने दुर्घटना में अपने प्राण खो दिए और पीड़ितों के परिवारों को आश्वस्त कियाकि सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, राज्य सरकार बचाव कार्य में जुटी है और राज्य एवं केंद्र सरकार हर संभव सहयोग कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि सेना और वायुसेना की टीमों केसाथ एनडीआरएफ की टीमों को बचावकार्य में लगाया गया है, साथही अस्पतालों में पूरी सहायता दी जा रही है, जहां घायलों का उपचार चल रहा है। उन्होंने बतायाकि घटना की जांच करने केलिए एक समिति भी गठित कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 में एकता दिवस की महत्ता को रेखांकित किया, क्योंकि इस वर्ष में हमने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किए हैं और हम नए संकल्पों केसाथ बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हरस्तर पर एकता जरूरी होती है, चाहे वह परिवार में हो, समाज या राष्ट्र में। उन्होंने कहाकि यह भावना हर जगह 75,000 एकता दौड़ों के रूपमें परिलक्षित हो रही है। उन्होंने कहाकि देश सरदार वल्लभभाई पटेल के दृढ़ संकल्प से प्रेरणा ग्रहण कर रहा है, हर नागरिक देश की एकता और पंचप्रण का संकल्प ले रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरदार पटेल जैसे नेताओं के नेतृत्व के बिना हमारे स्वतंत्रता संघर्ष की कल्पना करना कठिन है, अगर 550 से अधिक रियासतों का विलय न किया जाता, तब क्या हुआ होता? प्रधानमंत्री ने प्रश्न कियाकि अगर हमारे रजवाड़ों ने बलिदान की गहरी भावना और मां भारती में आस्था न व्यक्त की होती? उन्होंने कहाकि यह असंभव कार्य सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूर्ण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरदार पटेल की जयंती और एकता दिवस हमारे लिए कैलेंडर की तारीखें नहीं हैं, वे भारत की सांस्कृतिक शक्ति का महोत्सव हैं। उन्होंने कहाकि भारत केलिए एकता कभी मजबूरी नहीं रही, यह हमेशा हमारे देशकी विशेषता और विलक्षणता रही है। उन्होंने कहाकि मोरबी में जो दुर्घटना हुई, उस जैसी आपदा के समय पूरा देश एकसाथ आगे आ जाता है और देशके हर भागमें लोग प्रार्थना करते हैं, मदद पहुंचाते हैं, महामारी के समय, दवा, राशन और वैक्सीन में सहयोग के मामले में ताली-थाली के भावनात्मक मेल के रूपमें यह एकता खुलकर प्रकट हुई थी। उन्होंने कहाकि खेलों में सफलता, उत्सवों के समय और जब हमारी सीमाओं पर खतरा आता है तथा जब हमारे सैनिक सीमाओं की रक्षा में तत्पर होते हैं, तबभी यही भावना दिखाई देती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ये सब भारत की एकता की गहराई का प्रतीक हैं। उन्होंने कहाकि यह एकता सदियों से आक्रांताओं को खटकती रही है, आक्रांताओं ने विघटन का बीज बोकर इसे कमजोर करना चाहा, हालांकि एकता के अमृत ने उनकी साजिशों को नाकाम कर दिया, एकता का यह अमृत हमारी चेतनधारा में मौजूद रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे सावधान रहने को कहा, क्योंकि कुछ ताकतें भारत के विकास और प्रगति से जलती हैं और वे जाति क्षेत्र भाषा के आधार पर विघटन केलिए सक्रिय हैं, प्रयास कर रही हैं, इन प्रयासों केतहत इतिहास कोभी विघटनकारी रूपमें प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने गुलामी की मानसिकता, स्वार्थभाव, तुष्टिकरण, भाई-भतीजावाद, लालच और भ्रष्टाचार केप्रति भी सावधान किया, क्योंकि येसब देशको विभाजित तथा कमजोर कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि हमें एकता के अमृत से विघटन के जहर को काटना होगा। प्रधानमंत्री ने एकता दिवस पर सरदारजी के सौंपे गए दायित्व को फिरसे दोहराया और कहाकि राष्ट्र की एकता को मजबूत करने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है और यह तभी संभव होगा, जब देशका हर नागरिक जिम्मेदारी की भावना केसाथ कर्तव्यों का निर्वहन करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि जिम्मेदारी की भावना, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास वास्तविकता बनेगा तथा भारत विकासपथ पर बढ़ेगा। उन्होंने कहाकि सरकारी योजनाएं बिना किसी भेदभाव के देशके हर व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि जिस तरह से सूरत, गुजरात के लोगों तक मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध है, उसी तरह अरुणाचल प्रदेश के सियांग के लोगों को भी मुफ्त वैक्सीन उसी आसानी से उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे मेडिकल संस्थान अब केवल गोरखपुर मेही नहीं, बल्कि बिलासपुर, दरभंगा, गुवाहाटी, राजकोट और देशके अन्य भागों मेभी मौजूद हैं। उन्होंने बतायाकि रक्षा गलियारे का विकास कार्य न केवल तमिलनाडु में, बल्कि उत्तरप्रदेश मेभी पूरे जोर-शोर से चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वैसेतो विभिन्न क्षेत्रोंमें भिन्न-भिन्न भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन सरकारी योजनाएं पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को जोड़ते हुए भारत के हर भूभाग तक पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि अवसंरचना में अंतराल जितना कम होगा, एकता उतनी मजबूत होगी। उन्होंने कहाकि भारत सबको समाविष्ट करने के सिद्धांत पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य हैकि हर योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबके लिए आवास, सबके लिए डिजिटल कनेक्टिविटी, सबके लिए स्वच्छ ईंधन, सबके लिए बिजली जैसी योजनाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि शत-प्रतिशत नागरिकों तक पहुंचने का मिशन इस तरह की सुविधाएं देने तक सीमित नहीं है, बल्कि जोर संयुक्त लक्ष्य, संयुक्त विकास और संयुक्त प्रयास के साझा उद्देश्य पर है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जीवन की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति देश केप्रति आम आदमी के विश्वास का माध्यम बनी है तथा संविधान भी आम आदमी के आत्मविश्वास के माध्यम के रूपमें काम कर रहा है।
भारत केलिए सरदार वल्लभभाई पटेल की परिकल्पना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि हर भारतवासी केलिए समान अवसर होंगे और समानता की भावना पैदा होगी, आज देश इस परिकल्पना को साकार होते देख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन आठ वर्ष में देशने हर उस क्षेत्रको प्राथमिकता दी है, जिन्हें दशकों तक उपेक्षित रखा गया। उन्होंने कहाकि देशने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की परंपरा शुरू की है, ताकि हम जनजातियों के गौरव को याद कर सकें, देशके कई राज्यों में जनजातीय संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि एकतानगर भारत के एक आदर्श शहर के रूपमें विकसित हो रहा है, जो न केवल देशमें, बल्कि पूरे विश्वमें अभूतपूर्व होगा। उन्होंने कहाकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रूपमें दुनिया की सबसे विशाल प्रतिमा की प्रेरणा हमारे बीच है। एकतानगर के विकास मॉडल पर प्रधानमंत्री ने कहाकि जब देशमें पर्यावरण की रक्षा केलिए किसी मॉडल शहर की बात होगी, एकतानगर का नाम आएगा, जब देशमें बिजली बचाने वाले एलईडी से प्रकाशित किसी आदर्श शहर, सौर ऊर्जा से चलने वाले क्लीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बात आएगी, पशु-पक्षियों, विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतुओं के संरक्षण की बात होगी तो सबसे पहले एकतानगर का नाम आएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्हें मियावाकी फॉरेस्ट और मेज गार्डेन का लोकार्पण करने का अवसर मिला। उन्होंने रेखांकित करते हुए कहाकि एकता मॉल, एकता नर्सरी, विविधता में एकता को प्रदर्शित करने वाला विश्व वन, एकता फेरी, एकता रेलवे स्टेशन, ये सारे उपक्रम राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की प्रेरणा हैं। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता उपरांत देशकी एकता में सरदार साहब की भूमिका को रेखांकित करते हुए बतायाकि सदियों तक राज करनेवाले शाही परिवारों ने कर्तव्य भावना केसाथ देशकी एकता की नई व्यवस्था केलिए अपने अधिकारों का बलिदान कर दिया, जिसका कारण सरदार पटेल का प्रयास था। उन्होंने कहाकि आजादी केबाद दशकों तक शाही परिवारों के इस योगदान की उपेक्षा की जाती रही है, लेकिन जल्द ही इन शाही परिवारों के बलिदान केप्रति समर्पित एक संग्रहालय एकतानगर में बनाया जाएगा और यह संग्रहालय देशकी एकता केलिए त्याग की परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुंचाएगा।

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