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'मार्चे डू फिल्म' में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन

भारत के साथ विदेशी फिल्मों और विदेशी सह-निर्माण को प्रोत्साहन

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने दो योजनाओं का किया अनावरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 19 May 2022 01:22:22 PM

inauguration of india pavilion at 'marche du film'

पेरिस। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांस फिल्म मार्केट 'मार्चे डू फिल्म' में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया और इंडिया पवेलियन को बधाई देते हुए कहाकि इंडिया पवेलियन हमारी प्रतिष्ठा का प्रतीक है और आज केवल आपके विश्वास एवं प्रयास से यह कल भारतीय स्वप्नों का पथ प्रदर्शक बनेगा। भारत को विदेशी फिल्म निर्माण केलिए एक पसंदीदा केंद्र बनाने के उद्देश्य से सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत केसाथ विदेशी फिल्मों और विदेशी सह-निर्माण की शूटिंग को प्रोत्साहन देने केलिए दो योजनाओं का अनावरण किया। उन्होंने कहाकि श्रव्य-दृश्य सह-निर्माण केलिए प्रोत्साहन योजना और भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग केलिए प्रोत्साहन योजना जैसी इन दो योजनाओं का उद्देश्य भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग की क्षमता को बढ़ाना है। अनुराग ठाकुर ने बतायाकि आधिकारिक सह-निर्माण केलिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माण कंपनियां भारत में क्वालीफाइंग व्यय पर अधिकतम 2 करोड़ रुपये के अधीन 30 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति का दावा कर सकती हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहाकि भारत में शूटिंग करने वाली विदेशी फिल्में अधिकतम 50 लाख रुपए (65,000 अमेरिकी डॉलर) तक पर अतिरिक्त 5 प्रतिशत बोनस का दावा कर सकती हैं, क्योंकि भारत में 15 प्रतिशत या अधिक जनशक्ति को नियोजित करने केलिए अतिरिक्त प्रतिपूर्ति दी जाएगी। उन्होंने कहाकि ये योजनाएं भारत केसाथ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देंगी, विदेशी फिल्म निर्माताओं से निवेश आकर्षित करेंगी और भारत को फिल्मांकन केंद्र के रूपमें बढ़ावा देने में सहायता करेंगी। भारतीय सिनेमा की गहरी सामाजिक पृष्ठभूमि की व्याख्या करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारतीय सिनेमा में रचनात्मकता, उत्कृष्टता, नवाचार सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व के विषयों की संवेदनशीलता केसाथ-साथ विकसित हुए हैं। उन्होंने कहाकि भारतीयों के मूल्यों, विश्वासों और अनुभवों को प्रतिबिंबित करते हुए भारतीय सिनेमा ने भी उनकी आशाओं, स्वप्नों और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया है।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारतीय संस्कृति में निहित होनेके बावजूद भारतीय फिल्म उद्योग एक सार्वभौमिक चरित्र को प्रदर्शित करने में सफल रहा है। उन्होंने कहाकि हमारे संरक्षण के दौरान सदियों पुरानी कहानियों को भारतीय फिल्म निर्माता प्रौद्योगिकी के माध्यम प्रस्तुत करने में अपनी अभिनव कला का उपयोग कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारतीय सिनेमा सिर्फ 6000 वर्ष पुरानी सभ्यता और 1.3 अरब कहानियों की गाथा ही नहीं, अपितु दर्शकों के दृष्टिकोण के माध्यम से मानवीय प्रतिभा, विजय और नए भारत के पथ की गाथा भी है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि भारत का सिनेमा दौड़ना चाहता है, उड़ना चाहता है बस रुकना नहीं चाहता। उन्होंने कहाकि इस सुंदर यात्रा के माध्यम से भारतीय सिनेमा ने वैश्विक फिल्म निर्माताओं को प्रेरित किया है और उनसे प्रेरणा भी ली है और 2020 भारत में कला एवं फिल्म निर्माण का सबसे अच्छा समय रहा है। उन्होंने कहाकि भारतीय सिनेमा एक आदर्श बदलाव के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि इन कुछ वर्ष में स्ट्रीमिंग क्रांति ने देश में तूफान ला दिया है और फिल्मों के निर्माण, वितरण एवं इन्हें देखने के मामले में डिजिटल प्लेटफार्मों की लोकप्रियता बदल चुकी है, वैश्विक और भारतीय सिनेमा के उपभोक्ताओं केपास अब पहले से कहीं अधिक विकल्प हैं।
भारत को एक पसंदीदा फिल्मांकन केंद्र बनाने केलिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहाकि हमारे पास एक मजबूत बौद्धिक संपदा शासन है, साथही डिजिटल माध्यम अब थिएटर और फिल्मों के प्रचार एवं प्रसार के अन्य स्थापित तरीकों का पूरक बन चुका है, उपभोक्ता की पसंद को बेहद व्यापक स्तर पर प्राथमिकता दी गई है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहाकि भारत सरकार रचनात्मक उद्योगों को समर्थन के माध्यम से इसे संरक्षित करने केलिए प्रतिबद्ध है। व्यापक स्तर पर अपनी फिल्मों को पुनः प्रतिष्ठा दिलाने के कार्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहाकि सरकार ने राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के अंतर्गत विश्व की सबसे बड़ी फिल्म पुनः प्रतिष्ठा परियोजना का शुभारंभ किया है और इस अभियान केतहत अनेक भाषाओं और विधाओं में 2200 फिल्मों को उनका पूर्व गौरव प्रदान किया जाएगा।
अनुराग ठाकुर ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण के आधिकारिक पोस्टर का भी अनावरण किया। इस अवसर पर अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने कहाकि भारत ने कई वर्षों तक वैश्विक फिल्म उद्योग में योगदान दिया है और अब स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भारत केसाथ कान फिल्म महोत्सव की भागीदारी वास्तव में प्रतिष्ठित है। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहाकि भारत कई कहानियों का देश है और जमीनी स्तर की ये कहानियां वैश्विक प्रमुखता लिए हैं। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने कहाकि यह एक गर्व का क्षण हैकि भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर कांस में सुर्खियों में रहा, उन्होंने कहाकि भारतीय सिनेमा महानता के शिखर पर है और कांस में यह उपलब्धि केवल एक शुभारंभ है। शेखर कपूर ने कहाकि भारत कहानियों का देश रहा है और अब भारतीय संस्कृति पश्चिमी सिनेमा केलिए भी एक प्रमुख संस्कृति बन जाएगी। प्रसून जोशी ने कहाकि फिल्म निर्माण को इतना आसान बनाने की जरूरत है कि छोटे शहरों के उभरते फिल्म निर्माता भी अपनी कल्पना को साकार रूप देने के मामले में अपने को सशक्त महसूस करें।
अभिनेत्री पूजा हेगड़े ने कहाकि वह ब्रांड इंडिया केतौर पर वहां थीं और यह एक सम्मान की बात हैकि भारत का कंट्री ऑफ ऑनर के तौरपर वहां होना इस बात का साक्ष्य है कि भारत सही उपलब्धि की दिशा में बढ़ रहा है। अभिनेत्री वाणी त्रिपाठी ने सिनेमा में भारतीय महिलाओं की भूमिका पर विचार व्यक्त करते हुए कहाकि भारत की महिलाओं का आज दुनियाभर में सम्मान किया जा रहा है जैसाकि दीपिका ने जूरी सदस्य बनकर यह साबित किया है। फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने कान फिल्म समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़ा। दर्शकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहाकि भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के समक्ष बेहतर तरीके से जानने का मौका दिया है, भारतीय सिनेमा दुनिया में भारत की बढ़ती सॉफ्ट पावर का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

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