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लॉ एंड ऑर्डर में एनसीआरबी प्रेरणास्रोत-गृहमंत्री

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का 37वां स्थापना दिवस समारोह मनाया

'देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सभी लोगों केलिए है हर्ष का दिन'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 11 March 2022 05:57:22 PM

amit shah address in ncrb foundation day celebrations

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 37वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि एनसीआरबी की 37 साल की यह यात्रा लॉ एंड ऑर्डर केसाथ जुड़ी हुई सभी एजेंसियों केलिए प्रेरणास्रोत है और आज का दिन देश की आंतरिक सुरक्षा केसाथ जुड़े सभी लोगों केलिए हर्ष का दिन है। उन्होंने कहाकि कोई भी संस्था 37 वर्ष तक सतत रूपसे काम करे तो ये तय हो जाता हैकि इसके काम की प्रासंगिकता कितनी है, एनसीआरबी को, चाहे सरकार कोई भी रही हो, हमेशा बल और हौसला मिला है, क्योंकि इसकी उपयोगिता है। गृहमंत्री ने कहाकि अपराध नियंत्रण केलिए एक स्थान पर इसका डेटा उपलब्ध होना, उसका विश्लेषण होना, विभागीकरण करना और अपराध नियंत्रण केलिए अलग-अलग प्रकार की रणनीति बनाना बहुत जरूरी है। अमित शाह एनसीआरबी के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने वाले देश के पहले केंद्रीय गृहमंत्री हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि जबतक हम आईपीएस अफ़सरों से थाने में बैठे हुए व्यक्ति तक इन सारी सुविधाओं को नहीं पहुंचाएंगे, तबतक हमें इसका फायदा नहीं मिलेगा और यह जिम्मेदारी एनसीआरबी की है। उन्होंने कहाकि डेटा के अंदर तीन चीजें महत्वपूर्ण हैं-डेटा का एक्सेस, एक अच्छे फॉर्मेट में रजिस्ट्रेशन और उसके उपयोग केलिए टूल बनाना, इस काम को तीन हिस्सों में बांटकर एनसीआरबी अगले 5 साल में डेटा की उपयोगिता को कम से कम 20 प्रतिशत बढ़ाएगी तो आजादी के अमृत महोत्सव में उसका यह बहुत बड़ा काम होगा। उन्होंने कहाकि रणनीति तभी बन सकती है, जब मौजूदा चुनौती का विश्लेषण किया जाए और तथ्य हमारे सामने हो, हमें चुनौतियों का सामना करने केलिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी हो और इन दोनों केबीच गति के अंतर का विश्लेषण कर उसे रणनीति का हिस्सा बनाएं। अमित शाह ने कहाकि देश की आंतरिक सुरक्षा विशेषकर क़ानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने में एनसीआरबी की बहुत बड़ी भूमिका है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि जब वे गुजरात के गृहमंत्री थे, तब गुजरात के पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर आईजी स्तर की क्राइम कॉंफ्रेंस नियमित रूपसे होती थीं, जिनको परिणामलक्षी बनाने केलिए डेटा चाहिए और जब इसपर काम करते हैं तो एनसीआरबी का डेटा बहुत काम आता है और इसके माध्यम से सीमांत जिलों की क़ानून-व्यवस्था पर नियंत्रण करने में भी ख़ासी मदद मिलती है। उन्होंने कहाकि जब विभिन्न राज्य पुलिस एकवर्षीय कार्ययोजना बनाती हैं तो ये पता चलता हैकि इनका स्रोत एनसीआरबी का डेटा होता है, हर राज्य को अपनी वार्षिक पुलिस रणनीति बनाने में एनसीआरबी के डेटा का उपयोग करना चाहिए और अपराध नियंत्रण में इसका बहुआयामी और बहुउद्देशीय उपयोग होना चाहिए तभी ये संस्था परिणामलक्षी बनेगी। अमित शाह ने कहाकि एनसीआरबी एक मस्तिष्क की तरह काम करता है और एक्शन तभी संभव है, जब राज्य इसके डेटा का उपयोग करें।
गृहमंत्री ने कहाकि एनसीआरबी ने अपने तरीक़े से बहुत सारी चीज़ों को संजोकर डेटा संरक्षण और डेटा विश्लेषण का एक बहुत अच्छा ख़ाक़ा बनाया है, इसका उपयोग तभी हो सकता है, जब इसे सिर्फ़ एक पुस्तक ना मानते हुए हर ज़िले, थाने, रेंज और डीजीपी मुख्यालय में इसका विश्लेषण कर उसका उपयोग करने की आदत डालें। गृहमंत्री ने कहाकि सिर्फ़ डेटा बनाने से कुछ नहीं होता, राज्यों में जाकर संवाद करना पड़ेगा, इसके बारे में बताना पड़ेगा, इसके उपयोग की पद्धति बतानी होगी, कुछ राज्यों ने इसका उपयोग किया है, इसकी बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने का काम करना चाहिए। अमित शाह ने कहाकि आज अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम हैकाथॉन का भी उद्घाटन हुआ है और बीपीआरएंडडी को हर राज्य में इसे प्रत्यारोपित करना चाहिए, क्योंकि हैकाथॉन से बहुत सारी चुनौतियों का हल निकल सकता है। अमित शाह ने कहाकि सीसीटीएनएस का उपयोग सही अर्थों में संतोषजनक है और इसके क्रियांवयन का ज़िम्मा भी एनसीआरबी को मिला है।
गृहमंत्री ने कहाकि देश के इतने सारे पुलिस स्टेशनों को जोड़ना आसान बात नहीं है, तकनीक के माध्यम से ये सब जुड़ तो गए, लेकिन अब आगे बढ़ने केलिए साझेदार ढूंढने होंगे और इसके उपयोग केलिए लोगों को प्रशिक्षित करना होगा। उन्होंने कहाकि सीसीटीएनएस पर देश के 16,390 पुलिस स्टेशन जुड़ चुके हैं, लेकिन अभी देश की केंद्रीय एजेंसियां जैसे सीबीआई, एनसीबी और एनआईए इसके साथ नहीं जुड़ी हैं, भारत की सभी एजेंसियां सीसीटीएनएस को कुछ ही दिनों में ज़रूर जॉइन करें और डेटा को शत-प्रतिशत पूर्ण बनाएं। गृहमंत्री ने कहाकि एनसीआरबी का एक डेटाबेस तैयार होना चाहिए और क्राइम कंट्रोल करने केलिए इस डेटा का उपयोग ही इसका उद्देश्य होगा। उन्होंने कहाकि यह डाटा कहीं भी क्राइम को अलग तरीके से नहीं दिखाता है, बल्कि वह आईपीसी की आंख से ही दिखाता है, इसकी एक सोशल आई भी तैयार करनी चाहिए और इसे आईपीसी की आंख से देखने की जगह अलग प्रकार से देखकर एक अलग प्रकार से तैयार कर सकते हैं तो क्राइम कंट्रोल में बहुत बड़ा फायदा होगा। समारोह में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्र, केंद्रीय गृह सचिव, एनसीआरबी के निदेशक और गृह मंत्रालय तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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