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'बांग्लादेश मुक्ति का हिस्सा बनने पर भारत को गर्व'

भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति में बांग्लादेश का विशेष स्थान-राष्ट्रपति

'बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम इतिहास का एक प्रेरणास्पद अध्याय है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 16 December 2021 01:33:09 PM

ram nath kovind paying homage at the national martyrs memorial in savar

ढाका। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांग्लादेश की तीन दिन की राजकीय यात्रा पर हैं, कल ढाका में हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचने पर उनकी बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद ने गर्मजोशी से अगवानी की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की कोविड महामारी के प्रकोप केबाद यह पहली राजकीय यात्रा है। हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति का रस्मी स्वागत किया गया और उन्हें सलामी गारद पेश की गई। उसके बाद उन्होंने सावर में जातिर स्मृति सौध का दौरा किया और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। वे 32 धानमंडी में जातिर जनक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान स्मृति जादूघर गए और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बांग्लादेश के प्रमुख राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात की, जिनमें राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमिन शामिल थे। इन बैठकों में राष्ट्रपति ने मुजीब बोर्षो के ऐतिहासिक अवसर, बांग्लादेश की मुक्ति की 50वीं वर्षगांठ और भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय रिश्तों के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बांग्लादेश की सरकार और बांग्लादेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम हाल के इतिहास का एक प्रेरणास्पद अध्याय है तथा इसका हिस्सा बनने में भारत को गर्व है। उन्होंने कहाकि 50 वर्ष पहले भारत और बांग्लादेश ने विशेष मैत्री का युग शुरू किया था, जो हमारी समान भाषा, सम्बंध, धर्म और सांस्कृतिक एकता तथा आपसी सम्मान पर आधारित है।
राष्ट्रपति ने कहाकि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में बांग्लादेश का विशेष स्थान है। उन्होंने कहाकि बांग्लादेश के साथ भारत की विकास साझेदारी अत्यंत समग्र और विस्तृत आयाम रखती है, इसके साथ ही हमारे आपसी रिश्ते इतने परिपक्व हैंकि हम जटिल से जटिल समस्याओं का निदान कर सकते हैं। व्यापार और संपर्कता केबारे में राष्ट्रपति ने कहाकि संपर्कता, भारत-बांग्लादेश सम्बंधों का महत्वपूर्ण स्तंभ है, दोनों देशों को अपनी भौगोलिक निकटता से बहुत कुछ हासिल करना है। उन्होंने इस बात पर हर्ष व्यक्त कियाकि बांग्लादेश, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझीदारों में शरीक है। उन्होंने कहाकि भारत चाहता हैकि दोनों देशों के बीच ज्यादा सांगठनिक और निर्बाध व्यापार हो। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष, परमाणु प्रौद्योगिकी, रक्षा, औषधि तथा उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहाकि औपचारिक समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते से द्विपक्षीय व्यापार को बहुत गति मिलेगी।
कोविड महामारी के दौरान भारत-बांग्लादेश केबीच सहयोग का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने महामारी के दौरान बांग्लादेश से मिलने वाले समर्थन की सराहना की। उन्होंने इसबात पर खुशी जाहिर की कि भारत से सबसे पहले वैक्सीन प्राप्त करने वाले देशों में बांग्लादेश भी था तथा वह भारत निर्मित वैक्सीनों का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है। बहुस्तरीय मंचों पर सहयोग के बारे में राष्ट्रपति ने कहाकि भारत-बांग्लादेश के पास तमाम मुद्दों पर व्यापक एजेंडे हैं और उनकी चिंताएं भी साझा हैं, खासतौर से दक्षिण-एशिया के बारे में जिसके मद्देनज़र करीबी सहयोग की जरूरत है। शाम को राष्ट्रपति ने बंगभवन में रात्रिभोज में शिरकत की, जो उनके सम्मान में बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने दिया था। राष्ट्रपति ने विजय दिवस परेड का भी अवलोकन किया और मुजीब बोर्षो के समापन पर बांग्लादेश के विजय दिवस समारोह में हिस्सा लिया, इसकी मेजबानी बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने की।

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