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'लिंगुई द सेक्रेड बॉन्ड्स' को यूनेस्को गांधी पदक

अरबी व फ्रेंच भाषा में बेल्जियम फ्रांस जर्मनी की सहनिर्मित फिल्म

नारी संघर्ष का एक साहसिक चित्रण और मानवता की सीख

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 29 November 2021 02:44:05 PM

unesco gandhi medal for 'lingui the sacred bonds'

पणजी। 'लिंगुई, द सेक्रेड बॉन्ड्स' अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर एक सहनिर्मित ड्रामा फिल्म है, जो एक मां और बेटी केबीच में पवित्र संबंधों तथा पुरुषों के निर्धारित कठोर कानूनों के खिलाफ उनके अस्तित्व की कहानी को बयां करती है। इस फिल्म ने इफ्फी के 52वें संस्करण में आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक प्राप्त किया है। यह फिल्म नारी संघर्ष का एक साहसिक चित्रण और मानवता की एक सीख है। फिल्म बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी द्वारा सहनिर्मित है तथा इसे अरबी और फ्रेंच भाषा में बनाया गया है। महात्मा गांधी के प्रचारित शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के मूल्यों तथा उनके आदर्शों को बढ़ावा देने केलिए चाड फिल्म निर्माता महमत सालेह हारून की फिल्म लिंगुई द सेक्रेड बॉन्ड्स को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार हेतु चुना गया।
गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण के समापन समारोह में पुरस्कार की घोषणा की गई। इस कलाकृति के माध्यम से फिल्म निर्माता महमत सालेह हारून ने उन सभी महिलाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की है, जो पुरुषों की सनक के अनुसार स्थापित पितृसत्तात्मक समाज में रहने केलिए संघर्ष करती हैं। यह फिल्म लैंगिक मुद्दों और महिलाओं की शिक्षा के मौलिक अधिकारों के बारेमें जागरुकता भी बढ़ाती है। फिल्म को 94वें अकादमी पुरस्कार 2022 में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म केलिए चाडियन प्रविष्टि के रूपमें भी चुना गया है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण में इसवर्ष दुनियाभर से नौ फिल्मों को आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक केलिए प्रतिस्पर्धा करने केलिए चुना गया था।
इस श्रेणी की प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्मों में 21वां टिफिन (भारत), कमिटमेंट हसन (तुर्की), किलिंग द यूनाच खान (ईरान), कूझंगल (भारत), लिंगुई-द सेक्रेड बॉन्ड्स (चाड, फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी), नाइट फॉरेस्ट (जर्मनी), निराये थाथकलुल्ला मरम (भारत), टोक्यो शेकिंग (फ्रांस) और व्हेन पोमेग्रेनेट्स हॉवेल (ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान) शामिल थीं। हर साल इफ्फी, आईसीएफटी, पेरिस तथा यूनेस्को किसी एक फिल्म को गांधी पदक प्रदान करने केलिए एकसाथ आगे आते हैं। आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार केलिए प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्मों को पहले इफ्फी में दिखाया जाता है और फिर आईसीएफटी जूरी यूनेस्को के आदर्शों पर फिल्मों का मूल्यांकन करती है।
यूनेस्को ने 1994 में महात्मा गांधी के जन्म की 125वीं वर्षगांठ पर स्मारक पदक जारी किया था, तबसे आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार एक ऐसी फिल्म को दिया जा रहा है, जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को सबसे अच्छी तरह से दर्शाती है। गौरतलब हैकि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को एशिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक माना जाता है, इफ्फी कई अन्य आयोजनों केबीच आकर्षक फिल्मों, मास्टरक्लास, इन कंवर्सेशन सत्रों का एक मिश्रण चयनित कर एकसाथ लाता है। इफ्फी के 52वें संस्करण में 73 देशों की 148 अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों सहित 300 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

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