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यूपी में बेरोज़गारी दर में कमी आई-मुख्यमंत्री

खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो में योगी की गहरी दिलचस्पी

मुख्यमंत्री ने यूपी में खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड का कार्य सराहा

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Monday 25 October 2021 10:44:01 AM

khadi festival & silk expo in lucknow

लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो-2021 का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं रेशम विभाग की यह प्रदर्शनी 30 अक्टूबर तक चलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो-2021 का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खादी के सूत की माला चढ़ाई, प्रदर्शनी का अवलोकन किया और चरखे से सूत काता। मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल खादी विपणन विकास सहायता योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोज़गार योजना एवं प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थियों को चेक, ऋण स्वीकृति प्रमाणपत्र एवं राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार वितरित किए, सोलर चरखे, विद्युत चालित चाक, दोना-पत्तल मशीनें एवं माटी कला बोर्ड के लाभार्थियों को टूलकिट का वितरण किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहाकि खादी स्वदेशी, सम्मान तथा स्वावलम्बन का प्रतीक है और खादी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी ने देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मंत्र दिया, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किए बगैर कोई भी देश या समाज अपने जीवन को सम्मानपूर्वक आगे नहीं बढ़ा सकता। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने प्रदेश में देशी, स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों को तकनीक से जोड़ते हुए आगे बढ़ाने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। मुख्यमंत्री ने कहाकि एक जनपद एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा माटी कला बोर्ड से जुड़ी योजनाएं आज प्रदेश में एक ब्रांड के रूपमें उभरी हैं। उन्होंने कहाकि खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने प्रधानमंत्री की प्रेरणा से खादी के उत्पादन को नई तकनीकी से जोड़ा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ग्रामीण क्षेत्र में बेरोज़गार नवयुवकों को स्वरोज़गार उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोज़गार योजना तथा भारत सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम का संचालन कर रहा है। उन्होंने कहाकि विगत 4 वर्ष में इन योजनाओं में 1 लाख 86 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध कराया गया है, वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 50 हजार व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहाकि राज्य सरकार वर्ष 2019 में जनपद पीलीभीत और बहराइच में एक-एक रीलिंग मशीन की स्थापना कराकर प्रदेश में ही धागाकरण करा रही है, इस वित्तीय वर्ष में 13 और रीलिंग मशीनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है और ये मशीनें इसी वित्तीय वर्ष में स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहाकि रेशम उत्पादन हेतु वृक्षारोपण, कोया उत्पादन व धागाकरण हेतु केंद्र और प्रदेश सरकार से सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 90 प्रतिशत उत्पादन का अनुदान तथा निःशुल्क प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता दी जाती है।
योगी आदित्यनाथ ने कहाकि उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी की दर में कमी आई है। उन्होंने कहाकि प्रदेश में वर्ष 2017 में बेरोज़गारी दर 17 से 18 प्रतिशत थी, जो आज घटकर मात्र 5 प्रतिशत के स्तरपर रह गई है, जो यह दर्शाता हैकि राज्य सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहाकि खादी एवं ग्रामोद्योगी उत्पादों के वृहद स्तरपर प्रचार-प्रसार एवं खादी उत्पादों को आम जनमानस में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से ग्रामोद्योग प्रदर्शनियों का राष्ट्रीय, राज्य, मण्डल एवं जनपद स्तरपर आयोजन कराया जाता है। उन्होंने कहाकि प्रदेश में लोगों को मांगलिक अवसरों पर खादी या परम्परागत उद्योगों के उत्पादों को उपहार स्वरूप देना चाहिए, इससे खादी को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुल 57 जनपदों में 3 अलग प्रकार के रेशम का उत्पादन होता है, मैदानी क्षेत्र के 44 जनपदों में शहतूती रेशम, विंध्याचल व बुंदेलखंड के 13 जनपदों में टसर रेशम तथा यमुना के तटीय 8 जनपदों में एरी रेशम का उत्पादन होता है। उन्होंने कहाकि प्रदेश में रेशम की खपत 3 हजार मीट्रिक टन है।
मुख्यमंत्री ने कहाकि यूपी के इन क्षेत्रों में रेशम व्यवसाय केलिए अपार सम्भावनाएं हैं, उस दृष्टि से इसको प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है, जबकि रेशम का उत्पादन 300 मीट्रिक टन है, सरकार रेशम उत्पादन में वृद्धि केलिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहाकि पूर्व में प्रदेश के लाभार्थी प्रशिक्षण केलिए राज्य से बाहर कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश जाते थे, राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में मिर्जापुर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण पूर्ण कराकर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय रेशम बोर्ड की मांग पर लखनऊ में क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान केन्द्र की स्थापना हेतु 5 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी गई है, इस अनुसंधान केंद्र की स्थापना का कार्य भारत सरकार के स्तरपर विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी राज्य में अनुसंधान केंद्र की स्थापना केलिए प्रयासरत है।
खादी महोत्सव का यह कार्यक्रम दीपावली से ठीक पूर्व तक चलेगा। कार्यक्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के सपने को धरातल पर उतारा है, प्रदेश में खादी को निरंतर प्रोत्साहन दिए जानेसे आज उत्तर प्रदेश के खादी उत्पाद दक्षिण भारत के खादी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि खादी महोत्सव के कार्यक्रम में फैशन शो का आयोजन भी किया जा रहा है, खादी को विदेशों में बड़े स्टोरों में पहुंचाने का कार्य भी किया जा रहा है। राज्यमंत्री खादी एवं ग्रामोद्योग चौधरी उदयभान सिंह ने कार्यक्रम में कहाकि उत्तर प्रदेश में खादी ने अपनी करवट बदली है, खादी के प्रति लोगों का रुझान बदला है। इस अवसर पर औद्योगिक विकास राज्यमंत्री धर्मवीर सिंह, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष गोपाल अंजान, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग एवं सूचना नवनीत सहगल, शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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