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जातिवादी मानसिकता का मुकाबला करें-लक्ष्य

जातिवाद का बहुजन समाज के बच्चों पर भी हो रहा बुरा असर

भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' की घर-घर भीमचर्चा संपंन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 7 October 2021 05:25:35 PM

lakshya kee ghar-ghar bheema charcha

लखनऊ। जातिवादी मानसिकता आज भी हर क्षेत्र में जीवित है, जो देश समाज और व्यवस्था का हर प्रकार से बड़ा नुकसान कर रही है। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' की महिला टीम ने घर-घर भीम चर्चा अभियान के अंतर्गत लखनऊ के गोमतीनगर में शशि के निवास स्थान पर ऐसे ही विषय पर भीम चर्चा का आयोजन किया, जिसमें लक्ष्य कमांडरों ने एक चिंता और विचारों के साथ भीमचर्चा के दौरान यह बात कही। भीम चर्चा का विषय था-'जातिवादी मानसिकता और बहुजन समाज की स्थिति तथा बहुजन समाज में जन्में महापुरुषों का योगदान'। विस्तार से हुई चर्चा में चिंता व्यक्त की गई कि जातिवादी मानसिकता के कारण बहुजन समाज के बच्चों को भी इससे दो-चार होना पड़ रहा है, चाहे वह गांव हो, सामाजिक राजनीतिक या कार्यक्षेत्र हो, स्कूल, कॉलेज या कोई संस्थान हो, बहुजन समाज के लोगों को इसका शिकार होना पड़ रहा है।
लक्ष्य कमांडरों ने जोर देते हुए प्रश्न किया कि ऐसी स्थिति में बच्चों के मस्तिष्क पर क्या गुजरती होगी, इसका अंदाजा वो ही लोग लगा सकते हैं, जो स्वाभिमान को अच्छे से समझते हैं। उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता से स्वयं ही संघर्ष करना होगा, इसके खिलाफ निर्भीकता से आवाज़ बुलंद करनी होगी, तभी जाकर समानता की ओर बढ़ा जा सकेगा, अन्यथा हजारों वर्ष से चली आ रही इस बीमारी से छुटकारा मिलना मुश्किल ही नहीं, असम्भव ही बना रहेगा। लक्ष्य कमांडरों का कहना था कि स्कूल-कॉलेजों में इस बीमारी से दो चार हो रहे बच्चे जातिवाद के अपने कड़वे अनुभव साझा करते हैं, इसलिए हमही इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगे। भीम चर्चा में लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम, लाजो कौशल, देवकी बौद्ध, शशि, सिमरन चौधरी, सृष्टि चौधरी और कुलदीप ने हिस्सा लिया।

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