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'देश के हर मोर्चे पर सीआरपीएफ का परचम'

नांदेड़ में सीआरपीएफ का अखिल भारतीय वृक्षारोपण अभियान

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया एक करोड़वे पौधे का रोपण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 September 2021 06:37:21 PM

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नांदेड़ (महाराष्ट्र)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 'अखिल भारतीय वृक्षारोपण अभियान-2021' में आज नांदेड़ में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में 1 करोड़वे पौधे का रोपण करते हुए कहा है कि हमारी सीआरपीएफ का देश के हर मोर्चे पर परचम लहरा रहा है। इस अवसर पर बल के महानिदेशक, वरिष्ठ अधिकारी और जवान उपस्थित थे। अमित शाह ने कहा कि बल के लिए यह हर्ष का विषय है, वृक्षारोपण का जो एक लक्ष्य तय किया गया था वह उनके हाथों से पीपल का एक पौधा लगाने पर पूरा हो गया है। गौरतलब है कि देशभर के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने 170 से ज़्यादा ज़िलों में एक करोड़ पौधे लगाने लक्ष्य रखा था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पूरा हुआ। गृहमंत्री ने कहा कि जब यह कार्यक्रम शुरू किया गया था, तब उन्होंने आग्रह किया था कि लंबी आयु के पौधे अधिक लगाए जाएं, जिनका पृथ्वी को फायदा मिल सके और उनके सुझाव के अनुसार लगाए गए पौधों में 60 प्रतिशत से ज्यादा पौधे ऐसे हैं, जिनकी आयु 100 वर्ष से भी अधिक होगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि जब बहुत सारी व्यवस्थाएं नहीं थीं, तब 1959 में भारत-चीन सीमा से सटा हॉटस्प्रिंग हो या सरदार चौकी, भुज, हर जगह पर सबसे पहले दुश्मन को चुनौती देने का काम सीआरपीएफ ने किया है। अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के बाद देश आगे बढ़ता गया और सीआरपीएफ़ के काम में आमूल-चूल परिवर्तन आता गया है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने हर परिवर्तन को बहुत ही सहज तरीके से आत्मसात करके अपने आपको नए खाके में ढाला है। अमित शाह ने सीआरपीएफ़ के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि उसपर देश की सीमाओं की और आंतरिक सुरक्षा की ज़िम्मेदारी थी, फिर देश में दंगे रोकने की ज़िम्मेदारी आई, फिर वामपंथी उग्रवादियों से लड़ने की ज़िम्मेदारी, पूर्वोत्तर की जिम्मेदारी, कश्मीर की ज़िम्मेदारी आ गई, सीआरपीएफ ने हर आवश्यकता के अनुसार हर अपेक्षा को पूरा करने का काम बख़ूबी किया है और हर मोर्चे पर सीआरपीएफ की विजय पताका को गौरव के साथ आसमान तक फहरा दिया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कई लोगों को ये बात अतिश्योक्ति लग सकती है, लेकिन वे स्वयं इसे वास्तविकता मानते हैं कि सीआरपीएफ के बगैर देश की आंतरिक सुरक्षा की कल्पना हो ही नहीं सकती। उन्होंने कहा कि पूरे देश को सीआरपीएफ़ जवानों के त्याग, बलिदान पर गर्व है, देश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने में उनका योगदान उल्लेखनीय है। गृहमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और हमने यहां एक करोड़वां पौधा लगाया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी आज़ादी के बाद देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया, क्योंकि उस वक़्त दुनिया में भी बहुत कम लोग ऐसे थे, जो इस पर ध्यान देते थे, लोग सड़कें बनाते, इमारतें बनाते, पीने के पानी की व्यवस्था करते, शिक्षा केलिए संरचनाएं होती थीं, सभी क्षेत्रों में विकास होता था, लेकिन नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सर्वप्रथम सरकार में जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया और ये भारत में पहलीबार था कि शासन ने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया।
अमित शाह ने कहा कि यहां नर्सरी भी बनाई गई है, वृक्षों की मृत्युदर को ध्यान में रखकर उन्हें फिरसे लगाने की व्यवस्था की गई है। गृहमंत्री ने कहा कि ये पौधा ऐसी जगह लगाया जा रहा है, जो मराठवाड़ा का एक हिस्सा है, नांदेड़ में गुरू गोविंद सिंह की स्मृति में आज भी हुज़ूर साहब बना हुआ है और आज ही के दिन ये हिस्सा आज़ाद हुआ था, इसी दिन हैदराबाद के निज़ाम के ज़ुल्मी शासन से ये पूरा क्षेत्र आज़ाद हुआ था। अमित शाह ने कहा कि देश के पहले गृहमंत्री और भारतरत्न सरदार वल्लभभाई पटेल ने दृढ़ता, वीरता और रणनीतिक कुशलता केसाथ इनके नापाक इरादों को नाक़ामयाब करते हुए इस पूरे क्षेत्र को अखंड भारत का हिस्सा बनाने में सफलता प्राप्त की थी। अमित शाह ने कहा कि निज़ाम की क्रूर फ़ौजों के सामने लड़ाई लड़कर ये हिस्सा आज भारत के साथ है और इसके लिए हुआ सर्वोच्च बलिदान देश कभी नहीं भुला सकता।
अमित शाह ने कहा कि अंधाधुंध विकास से दुनिया के पर्यावरण को ख़ासा नुकसान भी पहुंचा है, ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज ऐसे दो ख़तरे बने हैं, जो हर देश के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश, अकाल, भूस्खलन अब काफ़ी संख्या में सामने आ रहे हैं और इनका मूल कारण जलवायु परिवर्तन है। अमित शाह ने कहा कि प्रकृति के साथ संतुलन को बनाए रखने से ही इन सभी विकृतियों को रोका जा सकता है, प्रकृति और क़ुदरती संपत्तियों का दोहन करना चाहिए, शोषण नहीं। उन्होंने कहा कि विकास की गति के साथ-साथ ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चिंता को व्यवस्था में ही शामिल करना होगा और उसका सबसे सरल रास्ता है, वृक्षों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी, तभी ऑक्सीजन मिलती रहेगी और ओज़ोन की परत सुरक्षित रहेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर के सीआरपीएफ़ और सीएपीएफ़ के जवानों से स्वयं को एक वृक्ष के साथ जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ख़ुद को एक वृक्ष से जोड़िए, वह आत्मसंतुष्टि देगा और जीवन जीने केलिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण भी देगा।
अमित शाह ने कहा कि एक पौधे को बड़ा होते देखने से लेकर उसे सींचने और उसकी देखभाल करने के प्रयासों के बाद जब वो छाया देने लगता है और वातावरण को शुद्ध करने लगता है, तब जो संतोष मिलता है उसका कोई माप नहीं है। उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाना सरकार का कार्यक्रम है, उसको जीवित रखना, बड़ा करना और एक पौधे को वृक्ष में परिवर्तित करना जवान का कार्यक्रम होना चाहिए। गृहमंत्री ने कहा कि पुराणों, उपनिषदों और वेदों में धार्मिक दृष्टि से वृक्ष के महत्व को समझाया गया है, पुराणों में कहा गया है कि दस पुत्रों से ज़्यादा फ़ायदा एक वृक्ष देता है। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं, क्योंकि सभी वृक्षों में श्रेष्ठ वृक्ष पीपल ही है, जो सबसे ज़्यादा ऑक्सीजन वापिस देता है, पीपल का वृक्ष कार्बन डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड को कम करता है और सबसे ज़्यादा ऑक्सीजन देता है।

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