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परिणामोन्मुखी अनुसंधान को बढ़ावा दें-नायडू

भारत उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है

पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया गया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 13 September 2021 04:01:53 PM

venkaiah naidu at the inaugural of puducherry technological university

पुद्दुचेरी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने केलिए अनुसंधान एवं विकास केलिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, स्वास्थ्य और गरीबी जैसी समकालीन चुनौतियों का समाधान करने वाले परिणामोन्मुखी अनुसंधान को बढ़ावा देने केलिए उद्योग जगत के साथ अधिक संपर्क स्थापित करें। उपराष्ट्रपति ने पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में ये बातें कहीं। उन्होंने छात्रों से सामाजिक रूपसे प्रासंगिक अनुसंधान करने और राष्ट्र को मजबूत बनाने एवं लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशी लाने केलिए नए विचारों के साथ आने केलिए कहा। गौरतलब है कि पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जिसका गठन 1986 में स्थापित पांडिचेरी इंजीनियरिंग कॉलेज को अपग्रेड करके किया गया है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन, विनिर्माण और ड्रोन प्रौद्योगिकियों जैसे विविध क्षेत्रों में 15 स्टार्ट-अप को सफलतापूर्वक इनक्यूबेट करने केलिए संस्थान में स्थापित अटल इनक्यूबेशन सेंटर की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने भारत के दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि निजी उद्यमों केलिए अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने के साथ इस क्षेत्र में कई आशाजनक स्टार्ट-अप सामने आए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 45 प्रतिशत स्टार्ट-अप की नेतृत्व टीमों में एक महिला उद्यमी है और यह स्वस्थ प्रवृत्ति अधिक महिलाओं को उद्यमी बनने केलिए प्रेरित करेगी। वेंकैया नायडू ने जाति, धर्म और लिंग के नाम पर बनाई गई कृत्रिम बाधाओं को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कहा कि उन्‍हें यह देखने केलिए एक पीढ़ी तैयार करनी चाहिए, ताकि सभी प्रकार के सामाजिक भेदभाव समाप्त हो जाएं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शिक्षण संस्थानों से छात्रों में नवाचार, उद्यमशीलता और प्रयोग की भावना का संचार करने का आग्रह किया, ताकि वे देश को आगे ले जा सकें। स्टार्ट-अप को समर्थन देने केलिए परिभाषा को व्यापक बनाने, नियमों को सरल बनाने और कर में छूट प्रदान करने जैसे कई सरकारी उपायों की चर्चा करते हुए उन्होंने उद्योगजगत को भी आगे आने और युवा उद्यमियों का समर्थन करने, धन उपलब्ध कराने और उनके उद्यमों को विकसित करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में उद्योग अकादमिक साझेदारी को आगे बढ़ाना होगा। उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षण किट और सस्ते वेंटिलेटर के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और रसद में नवाचारों के बीच जीवन रक्षक नवाचारों के साथ आने केलिए भारतीय स्टार्ट-अप की भी प्रशंसा की। वेकैया नायडू ने कहा कि सबसे बुरा समय समाप्त होता दिख रहा है और हम कोविड के बाद की भरपाई की ओर ध्‍यान दे रहे हैं। यह कहते हुए कि ऑनलाइन शिक्षा कक्षा में सीखने का विकल्प नहीं हो सकती उन्होंने छात्रों के जल्द से जल्द स्कूलों और कॉलेजों में लौटने की आवश्यकता पर बल दिया।
देशभर में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े नि:शुल्क टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने जनप्रतिनिधियों से टीके के प्रति हिचकिचाहट के बारे में लोगों में जागरुकता पैदा करने और यह ध्‍यान रखने का आग्रह किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों के सभी लोग टीकाकरण करवाएं। उन्होंने कहा कि पुद्दुचेरी इंजीनियरिंग कॉलेज ने केंद्रशासित प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वेंकैया नायडू ने कहा कि यह उत्कृष्टता केलिए कई अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा जैसेकि अंतर्राष्‍ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग और नए पाठ्यक्रम शुरु करने में स्वायत्तता। उन्होंने पीटीई की स्थापना को पुद्दुचेरी प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। महान क्रांतिकारी योगी, दार्शनिक और कवि अरबिंदो के शब्दों को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा केवल करियर बनाने या आजीविका कमाने केलिए नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य अनुशासित और सक्षम नागरिकों को मातृभूमि की सेवा केलिए प्रतिबद्ध करना है।
उपराष्ट्रपति ने पीटीयू के शिक्षकों और छात्रों से कहा कि इन पंक्तियों को भविष्य के प्रयासों में आप सभी केलिए एक मार्गदर्शक के रूपमें काम करने दें। उपराष्ट्रपति ने अरबिंदो, सुब्रमण्यम भारती और चिदंबरम पिल्लई जैसे महान नेताओं के जीवन की कहानियों को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक है, सभीसे प्रकृति का सम्मान करने और सद्भाव में रहने का आह्वान किया। पुद्दुचेरी के उपराज्यपाल डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन, मुख्यमंत्री एन रंगासामी, पुद्दुचेरी विधानसभा के अध्यक्ष इमबलम आर सेल्वम, पुद्दुचेरी विधानसभा के उपाध्यक्ष पी राजावेलु, पुद्दुचेरी सरकार के मंत्री ए नमस्सिवयम, के लक्ष्मी नारायणन, एके साई जे सरवनन, पुद्दुचेरी विधानसभा के सदस्य पीएमएल कल्याण सुंदरम, पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ के विवेकानंदन और गणमान्‍य व्‍यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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