समुद्री सुरक्षा अभियानों केलिए प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ
क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर साझा प्रतिबद्धता व्यक्त कीस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 7 September 2021 03:25:35 PM
विशाखापत्तनम। भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रीयर एडमिरल तरुण सोबती वीएसएम की कमान में भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत का कार्यबल 6 से 10 सितंबर 2021 तक 'ऑसिंडेक्स' के चौथे संस्करण में भाग ले रहा है। रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी अनजैक क्लास फ्रिगेट एचएमएएस वारामुंगा, जिसने भारतीय नौसेना के साथ मालाबार अभ्यास में भाग लिया था, वह भी इस अभ्यास का हिस्सा है। ऑसिन्डेक्स के इस संस्करण में भाग लेने वाली नौसेनाओं के जहाजों, पनडुब्बियों, हेलीकॉप्टरों और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों के बीच कॉम्प्लेक्स सरफेस, सब सरफेस और हवाई अभियान शामिल हैं। भाग लेने वाले भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत क्रमशः नवीनतम स्वदेशी रूपसे डिजाइन और निर्मित गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट तथा एंटी-सबमरीन कार्वेट हैं।
पूर्वी नौसेना कमान के तहत विशाखापत्तनम में ये जहाज भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं। वर्ष 2015 में द्विपक्षीय आईएन-आरएएन समुद्री अभ्यास के रूपमें शुरु हुए ऑसिन्डेक्स की जटिलता पिछले कुछ वर्ष में बढ़ गई है और बंगाल की खाड़ी में 2019 में आयोजित अभ्यास के तीसरे संस्करण में पहलीबार पनडुब्बीरोधी अभ्यास शामिल हैं। युद्धाभ्यास के चौथे संस्करण में दोनों देशों की सरफेस युनिट्स एचएमएएस रैंकिन, एक कॉलिन्स क्लास ऑस्ट्रेलियन सबमरीन, रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फ़ोर्स पी-8ए और एफ-18ए एयरक्राफ्ट के साथ-साथ दोनों नौसेनाओं के इंटीग्रल हेलिकॉप्टरों के साथ अभ्यास कर रही। यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं के अंतर-संचालन को और मजबूत करने, सर्वोत्तम प्रथाओं से लाभ उठाने और समुद्री सुरक्षा अभियानों केलिए प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा।
ऑसिंडेक्स युद्धाभ्यास 18 अगस्त 2021 को भारतीय नौसेना तथा ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रमुख के हस्ताक्षरित जॉइंट गाइडेंस का वास्तविक प्रतिनिधित्व करता है। यह महत्वपूर्ण दस्तावेज दोनों देशों के बीच 2020 व्यापक रणनीतिक साझेदारी से जुड़ा है और इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने वाली क्षेत्रीय तथा वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के प्रति साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करना है। कोविड संबंधी प्रतिबंधों के बावजूद इस अभ्यास का आयोजन भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच मौजूदा तालमेल का प्रमाण है।