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भारत में मौसम विज्ञान का हुआ विकास

जम्मू भी वैज्ञानिक उपलब्धियों का हिस्सा बना-राज्यमंत्री

जम्मू में डीडब्ल्यूआर और पायलट सोंडे का उद्घाटन

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Monday 6 September 2021 03:28:53 PM

inauguration of dwr and pilot sonde in jammu

जम्मू। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू में भारतीय मौसम विज्ञान कार्यालय में नवीनतम उन्नत और अत्याधुनिक डॉपलर मौसम रडार एवं स्वदेशी जीपीएस आधारित पायलट सोंडे का उद्घाटन किया। भारत में मौसम विज्ञान के विकास पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि देशभर में 2014 से अबतक 12 डॉपलर मौसम राडार लगाए गए हैं, जो इस बात का संकेत है कि अब तकनीकी विकास पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू में आईएमडी कार्यालय सभी नवीनतम मौसम विज्ञान उपकरणों, विकिरण उपकरणों और भूकंपीय उपकरणों से सुसज्जित नोडल मौसम विज्ञान वेधशाला है।
पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश के दूसरे हिस्सों की तरह जम्मू भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की समृद्ध वैज्ञानिक उपलब्धियों की लंबी छलांग का हिस्सा बन गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कई नए वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों का उल्लेख किया, जिसमें कठुआ में उत्तर भारत का पहला बायोटेक औद्योगिक पार्क, उत्तर भारत का पहला अंतरिक्ष केंद्र और केंद्रीय विश्वविद्यालय, भारत के लैवेंडर की अगुवाई में बैंगनी क्रांति और आईआईआईएम जम्मू का लांच किया गया पहला कैनबिस औषधीय पौधा, भद्रवाह में पहला राष्ट्रीय उच्च ऊंचाई चिकित्सा संस्थान, कठुआ में पहला मेगा-क्विंटल बीज प्रसंस्करण संयंत्र, नवीनतम मौसम पूर्वानुमान उपकरण की स्थापना शामिल है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों की सुविधा केलिए सांझीछत, पटनीटॉप में उच्च ऊंचाई वाले रेडियो रिले स्टेशन आदि इसके उदाहरण हैं, ये सभी नए जम्मू के स्मारक हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने मीडिया से इन स्मारकों को भी कवर करने की अपील की, जिससे कि अहम जानकारी उन संबंधित लोगों तक पहुंच सके, जिनमें छात्र, स्टार्ट-अप, अपनी जीविका चलाने वाले, किसान, यात्री एवं आम नागरिक शामिल हैं और जो आसानी से इन अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करके अपनी जीविका को बेहतर कर सकेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि मीडिया भी एक संबंधित पक्ष है, क्योंकि आज का मीडिया प्रसारण उपग्रह संचार जैसे प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपकरणों पर बहुत अधिक निर्भर है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अरोमा (सुगंधित) खेती, परमाणु ऊर्जा, मौसम विज्ञान आदि में करियर की अपार संभावनाएं और रोज़गार अवसर हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक्स-बैंड डॉपलर मौसम रडार जम्मू क्षेत्र को प्रभावित करने वाली मौसम की घटनाओं की वास्तविक समय की निगरानी और रिपोर्टिंग प्रदान करने में मदद करेगा, विशेष रूपसे कृषि और पर्यटन पूर्वानुमान सहित विभिन्न क्षेत्रों में मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने में सहायक होगा, इसका फायदा माता वैष्णो देवी के तीर्थयात्रियों को भी मिलेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू में एक्स-बैंड डॉपलर मौसम रडार, जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेहतर मौसम सेवाएं प्रदान करेगा और बेहतर मौसम पूर्वानुमान केलिए न्यूमेरिकल मौसम पूर्वानुमान मॉडल केलिए एक इनपुट प्रदान करेगा। आईएमडी के डीजी मौसम विज्ञान डॉ एम महापात्रा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रमुख सचिव आलोक कुमार, जम्मू-कश्मीर के संभागीय आयुक्त राघव लंगर, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र दिल्ली के प्रमुख चरण सिंह और आईएमडी के हेड अपर इंस्ट्रूमेंट्स डिवीजन केसी साईकृष्णन भी उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह न केवल लोगों केलिए जीवन में आसानी और लोगों केलिए वातावरण को आसानी लाएगा, बल्कि निजी प्लेयर देश में वैज्ञानिक और नवीन वातावरण को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि भले ही भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा बहुत देर से शुरु की, लेकिन देश मंगलयान और चंद्रयान से संयुक्तराज्य अमेरिका के नासा जैसे दुनिया के प्रमुख अंतरिक्ष संस्थानों को इनपुट देने की स्थिति में है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अधिक से अधिक बजटीय आवंटन प्रदान करके विज्ञान के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और उसी के आधार पर एक पखवाड़े पहले लाल किले की प्राचीर से 75वें स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की थी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने कोविड-19 केलिए दुनिया के पहले और स्वदेशी रूपसे विकसित डीएनए आधारित वैक्सीन को उपयोग की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान फरीदाबाद का ट्रांसलेशनल हेल्थ द्वारा हासिल किया गया, जो एक बड़ा मील का पत्थर है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आज शेष विश्व केलिए विज्ञान में क्यू मास्टर है, क्योंकि हमारे वैज्ञानिक मानव संसाधन की गुणवत्ता कहीं अधिक श्रेष्ठ है और दुनिया के कई वैज्ञानिक उन्नत भारत से कई क्षेत्रों में उन्नत होने का सहयोग ले रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान आज भारत के हर क्षेत्र और हर घर में किसी न किसी रूपमें शामिल हो चुका है, चाहे वह डिजिटल तकनीक हो, ई-ऑफिस, ऑनलाइन शिक्षा आदि के रूपमें सूचना प्रौद्योगिकी, जो अब एक संदेश है कि इसके बाद पूरा विकास विज्ञान आधारित और प्रौद्योगिकी आधारित होगा।

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