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गृहमंत्री ने की बीपीआरएंडडी के काम की प्रशंसा

सर्वश्रेष्ठ पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों को ट्रॉफ़ियां और पुरस्कार बांटे

बिना कानून व्यवस्था के लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता-शाह

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Saturday 4 September 2021 06:29:26 PM

51st foundation day celebrations of bureau of police research and development

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस पर आज नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुए। गृहमंत्री ने इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों को ट्रॉफ़ियां पुरस्कार और पुलिस प्रशिक्षण में उत्कृष्टता केलिए पदक भी प्रदान किए। अमित शाह ने बीपीआरएंडडी के प्रकाशनों का विमोचन किया, हिंदी लेखन में पंडित गोविंदबल्लभ पंत सम्मान प्रदान किए। गृहमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक-2020 की रजत पदक विजेता एस मीराबाई चानू को भी सम्मानित किया। गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए 51 वर्ष तक अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना बहुत बड़ी बात है और बीपीआरएंडडी ने अपने काम का दम भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी का काम बहुत महत्वपूर्ण काम है, जब वो पहले यहां आए थे तो उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा था कि बीपीआरएंडडी के बिना अच्छी पुलिसिंग की कल्पना नहीं हो सकती।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि संघीय ढांचे में क़ानून व्यवस्था राज्य का विषय होता है और संघीय ढांचे को मज़बूती देने केलिए सभी राज्यों की क्रियांवयन एजेंसी यानी पुलिस और उसके संगठनों को जोड़ने वाली एक कड़ी बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां देश के परिप्रेक्ष्य में आती हैं, अलग-अलग पार्टी और विचारधारा की सरकारें होती हैं, क्षेत्रीय दलों की भी सरकारें होती हैं, इन सबसे हटकर अगर क़ानून व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करना है तो उसके लिए उसे जोड़ने वाली एक कड़ी चाहिए, 51 साल में बीपीआरएंडडी ने देश में क़ानून व्यवस्था की दृष्टि से सभी राज्यों को जोड़ने वाली इस कड़ी का काम बख़ूबी किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस बल को अपग्रेड करने के लिए दिन-रात काम करने की जरूरत है। अमित शाह ने कहा कि देश ने आज़ादी के बाद लोकतंत्र और गणतंत्र को अपनाया तथा लोकतंत्र हमारे देश का और प्रजामन का स्वभाव है, लोकतंत्र में व्यक्ति की स्वतंत्रता सीधे क़ानून व्यवस्था के साथ जुड़ी होती है, बिना कानून व्यवस्था के लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ लोगों को अपनी-अपनी क्षमता और बुद्धि के अनुसार ख़ुद को विकसित करने का अवसर मिले और देश का विकास हो, यही लोकतंत्र है।
अमित शाह ने कहा कि सफल लोकतंत्र केलिए ज़रूरी है कि व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, क़ानून के दायरे में उसको जो अधिकार मिले हैं, वो उसे निर्बाध रूपसे मिलते रहें और संविधान ने जो कर्तव्य दिए हैं, उनका भी वो निर्वहन करता रहे और इन दोनों के मिलाप से देश का विकास आगे बढ़े। गृहमंत्री ने कहा कि क़ानून व्यवस्था को ठीक रखने का काम देश की पुलिस करती है, देश की सीमा सुरक्षा में जुटे सभी बल करते हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी बलों, पुलिस संस्थानों को अपग्रेड करना, प्रशिक्षण देना, ख़ामियों को सुधारने का काम बीपीआरएंडडी ने किया है। अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र को सफल बनाने में सबसे बड़ा योगदान बीट कॉंस्टेबल का है, जो नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बीट सिस्टम में सुधार किए बिना बेसिक पुलिसिंग अच्छी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि बीट सिस्टम को रिवाइव, अपडेट और इसका टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन करने केलिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ना जाने किन कारणों से पुलिस की इमेज को खंडित करने का एक तरह से एक अभियान भी चल रहा है, जैसे कुछ घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और अच्छी घटनाओं को प्रसिद्धि नहीं देना। अमित शाह ने कहा कि पूरे सरकारी अमले में सबसे कठिन काम पुलिस का है। गृहमंत्री ने कहा कि जब पूरा देश त्यौहार माना रहा होता है, तब हमारे पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे होते हैं, सबसे कठिन ड्यूटी शायद ही किसी अन्य सरकारी कर्मी की हो।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना कालखंड में देश के प्रधानमंत्री से लेकर देश के बच्चों तक ने पुलिसबल की सेवाओं को दिल से सराहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में देशभर में कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से असम तक पुलिसकर्मियों ने बहुत अच्छा काम किया, इसे डॉक्यूमेंटेड किया जाना चाहिए और डॉक्यूमेंट्री भी बननी चाहिए, उनके ये अच्छे काम कई सालों तक देश और समाज याद रखे, इस प्रकार की व्यवस्था के साथ सब राज्यों के पुलिसबल और सीएपीएफएस को साथ में रखकर होना चाहिए, क्योंकि पुलिस की क़ुरबानी, बलिदान कम चर्चा का विषय होता है। उन्होंने कहा कि 75 साल में पुलिसबल के 35,000 से अधिक जवानों ने विभिन्न कामों में अपने प्राणों का बलिदान दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिसबल के इस समर्पण का सम्मान करने केलिए दिल्ली में पुलिस स्मारक बनाया, जो ये बताता है कि किस तरह हमारा पुलिस बल 35,000 बलिदानों के साथ पूरे गौरव से देश की सेवा में खड़ा है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार पुलिस स्मारक पर उन्होंने कहा था कि देशभर के विभिन्न राज्यों से पुलिस बलिदानों की एक डॉक्यूमेंट्री बने और उसे यहां आने वाले बच्चों को दिखाया जाए, 16 राज्यों ने बच्चों के टूर में पुलिस स्मारक को स्थल के रूप में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी सभी राज्य सरकारों से संकलन करके इमेज बिल्डिंग के लिए अच्छा मैटीरियल तैयार करे। गृहमंत्री ने कहा कि चुनौतियां स्थाई नहीं होती, देश के सामने चुनौतियां बदलती रहती हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अटैक, ड्रोन अटैक, नारकोटिक की तस्करी, फेक करेंसी, हवाला रैकेट सबसे बड़ी चुनौती है और बीपीआरएंडडी एक ऐसा संस्थान है, जिसे चुनौतियों के हिसाब से अपने काम को बदलना चाहिए, बीपीआरएंडडी का मुख्य कार्य बदलती चुनौतियों का आंकलन कर विश्वभर में बेस्ट प्रेक्टीस का अध्ययन कर हमारे पुलिस बलों को तैयार करना है।
अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय सीआरपीसी, आईपीसी और साक्ष्य अधिनियम में आमूलचूल परिवर्तन करने केलिए ढेर सारे काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी ने इसमें काफ़ी अच्छा योगदान किया है। अमित शाह ने कहा कि वे बीपीआरएंडडी के चार्टर में कुछ चीज़ें जोड़ना भी चाहते हैं। अमित शाह ने कहा कि जिस प्रकार की सीमा की सुरक्षा की चुनौती आज हमारे सामने आई हैं, उसे देखते हुए सीएपीएफएस का आधुनिकीकरण, ट्रेनिंग, संचालन और ऑपरेशन स्किल बढ़ाने के लिए भी बीपीआरएंडडी को काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कि यदि ज़रूरी हुआ तो गृह मंत्रालय ब्यूरो के चार्टर में सुधार भी करेगा। अमित शाह ने कहा कि हमारी भू सीमा और समुद्री सीमा सुरक्षित रहे और इसमें कोई कोताही न हो, इसके लिए यह बहुत ही ज़रूरी है। गृहमंत्री ने कहा कि ब्यूरो को सुधारों को ज़मीन पर कितना उतारा गया है, इसको संस्थागत बनाने का काम करना चाहिए, इस व्यवस्था को संस्थागत बनाए बिना हमारे सुधार प्रेक्टिकल हैं या नहीं और इन सुधारों को लागू करने केलिए हम पुलिस को प्रेरित कर पाए या नहीं यह नहीं जान सकते, इसलिए बीपीआरएंडडी में एक संस्थागत व्यवस्था होनी चाहिए कि देशभर में जो पुलिस सुधार होते हैं वो ज़मीन पर कितने उतरते हैं।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ढेर सारे काम किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने वैधानिक ढांचे को सुदृढ़ करने केलिए बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में धारा 370 और 35A को निरस्त करना, सीआरपीसी, आईपीसी में परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सीमम गवर्नेंस के मूल मंत्र को चरितार्थ करने का काम पूरी भावना के साथ किया है। उन्होंने कहा कि हमने एनआईए अधिनियम में संशोधन किया, सशस्त्र अधिनियम में बदलाव, यूएपीए क़ानून में बदलाव, नार्को के माध्यम से चार स्तरीय संरचना कर नारकोटिक्स पर बहुत बड़ी नकेल कसने केलिए अभियान की शुरुआत की है। गृहमंत्री ने कहा कि देशभर की पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने विगत 25 साल में सबसे ज़्यादा नारकोटिक्स पिछले दो साल के अंदर पकड़कर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है। अमित शाह ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर में बहुत सारे समझौते किए हैं, एनएलएफटी का समझौता, ब्रू शरणार्थियों का पुनर्वसन, बोडो शांति समझौता और कार्बी आंगलोंग के साथ समझौता किया।
गृहमंत्री ने कहा कि लगभग 3700 हथियारबंद काडरों ने आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में आने का काम किया है, ये लोग हथियारों के साथ जंगल में रहते थे और पिछले दो साल में ये आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि जो हथियार डालेगा, उससे संवादकर हम उसे मुख्यधारा में लाने का पूरी निष्ठा से प्रयास करेंगे और जिनके हाथ में हथियार हैं, पुलिस उनसे निपट सकती है, मगर जो संवाद करना चाहता है, उसके लिए रास्ते खुले हैं। उन्होंने कहा कि सारे उग्रवादी संगठनों के साथ अलग अलग स्तर पर बात चल रही है। गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को निचले स्तर तक पहुंचाने और डेमोक्रेसी को जम्मू-कश्मीर की जनता तक पहुंचाने के लिए त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव करवा गए, यहां लोकतंत्र के मायने कुछ सांसदों और विधायकों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हर गांव के पंच सरपंच भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने कि 22000 लोग इस व्यवस्था में अपना योगदान दे रहे हैं, यह मोदी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
गृहमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी की स्थापना, एफएसएल यूनिवर्सिटी की स्थापना, अपराधिक न्याय प्रणाली का सीसीटीएन के साथ समन्वय का काम हुआ है, ई अभियोजन और ई फ़ोरेंसिक की दिशा में भी हम बहुत तेज़ी से काम कर रहे हैं। गुजरात में नेशनल एकेडमी फ़ॉर कोस्टल पुलिसिंग की भी स्थापना हुई, नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल देश को समर्पित किया जा चुका है, इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने की ज़रूरत है। अमित शाह ने कहा कि जल्दी ही नेटग्रिड राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय स्तर पर निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल का एक बहुत अच्छा प्रयोग किया है, एफसीआरए में भी आमूलचूल परिवर्तन किया है। गृहमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा हमारा पुलिस बल संभाल रहा है, देश की सीमाएं हमारे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल संभाल रहे हैं और वे जिस मुस्तैदी के साथ हमारे बॉर्डर को संभाल रहे हैं और हमारा पुलिस बल आंतरिक सुरक्षा को संभाल रहा है हम बिल्कुल सलामत हाथों में हैं।
अमित शाह ने कहा कि अगला एक दशक आंतरिक सुरक्षा केलिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोदीजी के नेतृत्व में जिस प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का जो लक्ष्य हमने रखा है और जो ढेर सारे सुधार हो रहे हैं, वो निर्बाध रूपसे चलते रहें हमें इस दिशा में कार्य करना है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग का जो विचार रखा है, उसे धरातल पर उतारना हम सबका काम है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बीपीआरएंडडी अपने सौ साल पूरे करने के समय और अधिक प्रासंगिक होगी और ब्यूरो के महानिदेशक के नेतृत्व में यह और आगे बढ़ेगी। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक, गृह मंत्रालय, पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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