स्वतंत्र आवाज़
word map

'जम्मू-कश्मीर में तेज हुआ निवेश और व्यवसाय'

जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक योजना में भागीदारी के लिए पोर्टल लांच

मोदी सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों का भरोसा बढ़ा-अमित शाह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 1 September 2021 04:34:13 PM

people of jammu and kashmir have increased confidence in modi government-amit shah

जम्मू/ नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास केलिए नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत इकाइयों के पंजीकरण केलिए वेब पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में निवेश और तेज औद्योगिक विकास की एक नई सुबह की शुरुआत हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि धारा 370 और 35ए जाने केबाद जम्मू-कश्मीर में रोज़गार और ख़ुशहाली आएगी। अमित शाह ने कहा कि इस पोर्टल से जम्मू-कश्मीर में 50,000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का निवेश आएगा और इसके तहत जम्मू-कश्मीर का सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी विकास होगा। गृहमंत्री ने कहा कि भारत का औद्योगिक विकास, उसके लिए अच्छा वातावरण और दुनिया के साथ स्पर्धा करने वाली नीति ये मोदी सरकार का हॉलमार्क है। उन्होंने कहा कि इसका फ़ायदा जम्मू-कश्मीर तक नहीं पहुंचता था, यहां के युवाओं को रोज़ग़ार केलिए सरकारी उपक्रमों पर निर्भर रहना पड़ता था, इसमें सबसे बड़ी बाधा धारा 370 और 35ए थी, लेकिन इनको निरस्त करने के बाद, एक खुला वातावरण बना और रोज़ग़ार की ढेर सारी संभावनाएं जम्मू-कश्मीर के लिए बनीं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देशभर के उद्योगपति भी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का विकास हो, यहां निवेश करके वो अपना तो फ़ायदा करेंगे ही, साथ ही जम्मू-कश्मीर के विकास में योगदान भी देना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी में प्लांट और मशीनरी पर 300 प्रतिशत तक का रिफंड दस साल तक केलिए दिया गया है, ब्याज सब्सिडी और रिवाइवल पैकेज की भी इसमें व्यवस्था है और इससे एक जो वातावरण बनेगा उससे कई सहायक उद्योग भी जम्मू-कश्मीर में आएंगे। अमित शाह ने कहा कि पहले से चल रहे उद्योगों केलिए इसमें कई प्रावधान किए गए हैं, जिसका फ़ायदा वे उठा सकते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि इससे लाखों युवाओं को रोज़गार मिलना सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, शिक्षा और आईटी के अलावा ढेर सारी संभावनाओं को भी ये नीति आगे बढ़ाएगी। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2019 से विकास का वातावरण बनाने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास केलिए प्रधानमंत्री ने 7 नवंबर 2015 को श्रीनगर में 80,068 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी, उसमें से लगभग 58,627 करोड़ रुपए की 54 परियोजनाओं का काम शुरू हो चुका है, जिनमें से 17 योजनाएं शत-प्रतिशत पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सहायता के रूपमें राज्य को 30 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि जारी की गई है। जम्मू-कश्मीर में 7 नए मेडिकल कॉलेज और 5 नए नर्सिंग कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं और मेडिकल सीटों की संख्या 500 से बढ़ाकर लगभग दोगुनी कर दी गई है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई पनबिजली परियोजनाएं चालू की गई हैं, जिनसे राजस्व बढ़ने के साथ ही उद्योगों को भी फ़ायदा होगा, 9,167 करोड़ रुपए की 196 मेगावाट क्षमता वाली पनबिजली परियोजना लगभग 31,380 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करेगी, कृषि का विकास होने से यहां के लोगों की आय बढ़ेगी और अर्थतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि किश्तवार ज़िले में 8,120 करोड़ रुपए की लागत से 1000 मेगावाट क्षमता वाली पाकल ढुल परियोजना सबसे बड़ी परियोजना है, इसका काम दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा और इससे 3330 मिलियन यूनिट वार्षिक बिजली उत्पादन होगा। अमित शाह ने कहा कि वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को जम्मू-कश्मीर ने लागू कर दिया है और उज्ज्वला, डीबीटी, सौभाग्य और कई योजनाएं जम्मू-कश्मीर में शत-प्रतिशत लागू हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक महत्वाकांक्षी योजना में 2022 से पहले हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था और 15 अगस्त 2022 तक जम्मू-कश्मीर सरकार ये लक्ष्य पूरा करेगी। गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हर व्यक्ति को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला है और अबतक 94,990 लोग इसका लाभ ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत अबतक 56000 नए घर बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 10,500 घर बनाकर दे दिए गए हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 1,36,722 घरों को स्वीकृति दे दी गई है, जिनमें से 47,323 घर देने का काम पूरा हो चुका है।
अमित शाह ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में क्या फ़र्क आया है, उनसे मैं ये कहना चाहता हूं कि 70 साल में पिछली सरकारें राज्य के लगभग 2,20,000 परिवारों को घर, शौचालय और बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करा पाए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2-3 साल में ही ये सभी ज़रूरी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध करा दीं। उन्होंने कहा कि योजना में इस बात का ध्यान रखा गया है कि कम विकसित क्षेत्रों में उद्योग लगाने वालों को अधिक फ़ायदा मिलेगा, जिससे उद्योगों की दृष्टि से जम्मू-कश्मीर का सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी विकास हो सके। उन्होंने कहा कि लगभग 50 लाख लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर से 1736 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है, जम्मू-कश्मीर में एक यूटी काडर भी है, जिससे पर्याप्त संख्या में मानव बल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी, साथ ही हिंदी और अंग्रेज़ी को उर्दू और डोगरी के साथ आधिकारिक भाषा का दर्जा दे दिया गया है जिससे कार्य और सुगम होंगे। गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए, बिना एक भी गोली चले ये चुनाव हुए और आज सभी लोग अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं तथा इन चुनावों से जम्मू-कश्मीर में विकास की एक नई शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित होने से यहां आनेवाले पर्यटकों की संख्या बहुत बढ़ी है और अब पर्यटक यहां आकर मुक्त हवा का आनंद ले रहे हैं और ख़ुद को यहां से जोड़ भी पा रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने उद्योगपतियों से अनुरोध किया कि वो यहां आएं और इस योजना का लाभ उठाकर जम्मू-कश्मीर में निवेश करें और इसे देश का सबसे विकसित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ें। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ स्थानीय लोगों की ही नहीं है, बल्कि हम सबकी भी है, तभी जम्मू-कश्मीर के साथ हमारा मन का रिश्ता बनेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और उनके प्रशासन ने बहुत अच्छा काम किया है और स्थानीय जनता केसाथ संवाद स्थापित किया है, जिसने जम्मू-कश्मीर की जनता का विश्वास बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और पूरा देश जम्मू-कश्मीर के विकास केलिए कटिबद्ध है। इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय, वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश, वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]