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रक्षा परियोजनाओं में निजी साझेदार जुड़ें-वेंकैया

उपराष्ट्रपति ने बेंगलुरू में एचएएल की एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग देखी

'भारत को रक्षा महाशक्ति बनाने में स्वदेशी उत्पादों की प्रमुख भूमिका'

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Saturday 21 August 2021 01:37:21 PM

venkaiah naidu witnessing the tejas fighter jet at the tejas assembly hangar

बेंगलुरू। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाने केलिए स्वदेशी रूपसे विकसित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का विकास करने तथा आधुनिक सैन्य हार्डवेयर के निर्यात हब के रूपमें उभरने की आवश्यकता पर जोर दिया है। बेंगलुरू के एचएएल परिसर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड तथा एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वदेशी उत्पाद आगे आनेवाले वर्षों में एक एयरोस्पेस तथा रक्षा महाशक्ति के रूपमें भारत को तेजी से विकसित करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। अत्याधुनिक मिसाइलों, उपग्रहों तथा अंतरिक्ष वाहनों के निर्माण में भारत की क्षमता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विरोधाभास यह है कि हम अभीभी विश्व के सबसे बड़े शस्त्र आयातकों में से एक हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास में तेजी लाने के जरिए इस स्थिति में बदलाव लाने की अपील की।
उपराष्ट्रपति ने सुरक्षाबलों की उनके असाधारण साहस तथा पेशेवर रवैये की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि किसी भी चुनौती का सामना करने तथा किसी भी सुरक्षा खतरे से मजबूती से निपटने केलिए हमारे सशस्त्र बल पूरी तरह सुसज्जित हों। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन कुछ देश भारत के विरुद्ध आतंकवाद का पोषण और समर्थन कर रहे हैं तथा कुछ देश विस्तारवादी प्रवृत्तियों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश की शांति और समृद्धि केलिए हमारी सीमाओं की सुरक्षा और हिफाजत बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी अपने दृष्टिकोण में विस्तारवादी नहीं रहा है, हमारा दृष्टिकोण शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और आतंक तथा व्यवधान की ताकतों को रोकने का है। उन्होंने कहा कि भारत अपने लोगों की प्रगति और विकास केलिए मजबूत बनना चाहता है। रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने केलिए सरकार की कई नीतिगत पहलों का उल्लेख करते हुए वेंकैया नायडू ने सार्थक परिणामों केलिए रक्षा परियोजनाओं में निजी साझीदारों को जोड़ने की आवश्यकता रेखांकित की।
वेंकैया नायडू ने कहा कि रक्षा क्षेत्र केलिए एफडीआई सीमा में बढ़ोत्तरी, उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारों की स्थापना का निर्णय तथा रक्षा मंत्रालय द्वारा दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची की अधिसूचना भारतीय रक्षा उद्योग केलिए बड़ा अवसर प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस लड़ाकू विमानों केलिए हाल ही में संपन्न समझौते में एचएएल के साथ बड़ी संख्या में भारतीय कंपनियों के जुड़ाव की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी परियोजनाओं में भारतीय एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग प्रणाली को एक गतिशील आत्मनिर्भर प्रणाली में रूपांतरित करने की क्षमता है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि इस प्रक्रिया में उद्योग तथा शोधकर्ताओं के बीच सक्रिय सहयोग के जरिए तेजी लाई जा सकती है। वेंकैया नायडू ने एक एयरोस्पेस हब के विकास केलिए शिक्षा क्षेत्र तथा उद्योग के बीच तालमेल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे नवोन्मेषण को बढ़ावा मिलेगा तथा इस प्रमुख क्षेत्र में कौशल की कमी के मुद्दे का समाधान होगा।
उपराष्ट्रपति ने एचएएल की एलसीए तेजस मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का दौरा किया तथा इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान के निर्माण केलिए एडीए और एचएएल के वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि 4+ पीढ़ी का यह विमान भारतीय वायुसेना की प्रचालनगत आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए एक सक्षम प्लेटफॉर्म होगा। उपराष्ट्रपति एचएएल की हेलीकॉप्टर फैसिलिटी से भी बहुत प्रभावित हुए, जिसमें स्वदेशी रूपसे विकसित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, ध्रुव, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और एक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर जो चीता हेलीकॉप्टरों की जगह लेगा प्रदर्शित किया गया था। उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एचएएल तथा डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के शानदार प्रदर्शन की सराहना की और विश्वास जताया कि एलसीए एमके2, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तथा ट्विन ईंजन डेक बेस्ड फाइटर जैसे अधिक शक्तिशाली विमानों की डिजाइनिंग के साथ देश को अब अपनी लड़ाकू विमान आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
वेंकैया नायडू ने कहा कि एचएएल का विकास भारत में एयरोनॉटिकल उद्योग के विकास का पर्याय रहा है। उन्होंने दोहराया कि एक समर्थ और सक्षम भारत का निर्माण करने केलिए रक्षा तथा एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एचएएल फैसिलिटिज के अपने इस दौरे के बाद वह गौरवांवित तथा भारतीय शोधकर्ताओं की क्षमताओं के प्रति आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग के डिजिटाइजेशन की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इससे एयरोस्पेस क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा तथा उन्होंने एचएएल से इंडस्ट्री 4.0 केलिए तैयार होने तथा अनुकूल होने की भी अपील की। उन्होंने उड्डयन क्षेत्र में एक वैश्विक कंपनी के रूपमें उभरने केलिए एचएएल द्वारा ग्राहक संतुष्टि सुनिश्चित किए जाने के महत्व को भी रेखांकित किया। वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारे आर्थिक विकास के एजेंडा को सामाजिक तथा आर्थिक रूपसे अधिक समावेशी, संतुलित तथा पर्यावरण की दृष्टि से अधिक टिकाऊ बनने की आवश्यकता है। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद्र गहलोत, एचएएल के अध्यक्ष आर माधवन, एचएएल एवं एडीए के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक भी उपस्थित थे। 

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