स्वतंत्र आवाज़
word map

वन्य प्रा‌णियों के हत्यारे तस्कर से मिली पैंगोलिन

एसटीएफ को वन्य जीव संरक्षण में बड़ी सफलता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 April 2013 08:26:28 AM

pangolin

लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तर प्रदेश को वन्य जीव संरक्षण के प्रयास में उल्लेखनीय सफलता मिली है, उसकी टीम ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि के जंगलों में पैंगोलिन एवं अन्य संरक्षित वन्य प्राणियों का शिकार करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के 1 सदस्य को पैंगोलिन स्केल के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार मोहम्मद शकील पुत्र मोहम्मद शरीफ 80/1 कुली बाजार थाना अनवरगंज जनपद कानपुर नगर का रहने वाला है। उससे 11 किलोग्राम पैंगोलिन स्केल, 1 मोबाइल फोन, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, इटारसी से कानपुर का रेल टिकट मिला है।उसे कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर पकड़ा गया। वह संगठित गिरोह बनाकर संरक्षित वन्य जीवों का अवैध शिकार कर उनकी खाल, हड्डी एवं अन्य अंगों की तस्करी करता है।
स्पेशल टास्क फोर्स ने बताया कि विगत काफी समय से एसटीएफ को विभिन्न केंद्रीय तथा राज्य इकाइयों से यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश में संरक्षित वन्य जीवों का अवैध शिकार करके उनकी खाल और अन्य अंगों की तस्करी की जा रही है। इस क्रम में वाई सत्यम, मुख्य वन संरक्षक, शहडौल वृत्त, शहडौल (मध्य प्रदेश) ने दिसंबर 2012 में उनके क्षेत्र में हुई टाइगर की हत्या तथा उससे जुड़े हुए शिकारी, मध्यस्थ एवं वाइल्ड लाइफ ट्रेडर के संबंध में महत्वपूर्ण सूचना एसटीएफ को उपलब्ध कराई थी। डीके चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ ने इस सूचना को विकसित कर प्रभावी कार्रवाई करने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी को निर्देशित किया।
डॉ चतुर्वेदी ने अपनी टीम के साथ मुख्य वन संरक्षक, शहडौल वृत्त से प्राप्त सूचना को विकसित किया। जानकारी में आया कि महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न जनपदों के वन्य क्षेत्रों में स्थानीय शिकारी बड़े स्तर पर संरक्षित घोषित वन्य प्राणियों का शिकार कर रहे हैं। बैतूल, होशंगाबाद और इटारसी के कुछ ऐसे शिकारियों को चिन्हित किया गया, जिनका लगातार संपर्क उत्तर प्रदेश के कुख्यात वन्य जीव तस्करों से बना हुआ है। इस संबंध में वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, नई दिल्ली से संपर्क कर पूर्व में प्रकाश में आए शिकारियों और व्यापारियों का विवरण प्राप्त किया गया। ऐसे व्यक्तियों की निगरानी से यह तथ्य प्रकाश में आया कि विदेशों में टाइगर, चीता, भालू, पैंगोलिन आदि की खाल एवं अन्य अंगों की बेहद मांग होने के कारण संरक्षित वनों एवं आस-पास के क्षेत्रों से अवैध शिकार कर तस्करों के माध्यम से ऐसा माल उत्तर प्रदेश में जमा कर कोलकाता तथा पूर्वोत्तर राज्यों को भेजा जाता है, वहां से ऊंचे दामों पर इस राष्ट्रीय संपत्ति को पड़ोसी देशों में बेच दिया जाता है।
भारत सरकार ने इस अवैध तस्करी पर नियंत्रण पाने के लिए वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया है। एसटीएफ की टीम ने अत्यन्त परिश्रम एवं व्यवसायिक दक्षता के साथ काम करते हुए, इस अवैध व्यापार की एक महत्वपूर्ण कड़ी की निगरानी शुरू की। डॉ चतुर्वेदी ने प्राप्त सूचनाओं के आधार पर सूचना तंत्र विकसित किया तथा अन्य इकाइयों से समन्वय स्थापित किया। ऐसे अपराध में लिप्त व्यक्तियों की निगरानी, उनके क्रियाकलापों की जानकारी तथा पहचान का कार्य सफलतापूर्वक किया। संकलित अभिसूचना के आधार पर निरीक्षक पीके मिश्रा ने शकील को 11 किलोग्राम पैंगोलिन स्केल के साथ कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। पैंगोलिन को स्केली एंटीयेटर भी कहा जाता है। यह अकेला मामला है, जिसकी खालपर Keratin Scales होते हैं। यह 12 से 40 इंच लंबाई में पाया जाता है। इसका अवैध प्रयोग चीन तथा अन्य मध्य एशिया के देशों में शक्तिवर्धक दवा, जैकेट निर्माण आदि में किया जाता है।
पूछताछ पर शकील ने बताया कि वह काफी समय से इटारसी, बैतूल के जंगलों में शिकार करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में है और पैंगोलिन स्केल तथा अन्य संरक्षित वन्यजीव पदार्थों का अवैध व्यापार कर रहा है। उसने इस संबंध में अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं, जिन पर एसटीएफ टीम काम कर रही है। बरामद पैंगोलिन स्केल का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मूल्य 2 से 2.5 हजार डॉलर प्रति किलोग्राम है। थाना हरवंश मोहाल जनपद कानपुर नगर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। शकील से प्राप्त जानकारियों को विकसित कर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश एवं कार्रवाई की जा रही है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]