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'जल परिवहन, परिवहन का नया भविष्य'

जलमार्ग मंत्री ने देश में क्रूज पर्यटन के विकास की बात दोहराई

सूरत के बंदरगाह से दीव के लिए पहली क्रूज सेवा की शुरुआत की

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 1 April 2021 11:39:09 AM

first cruise service starts from surat to div

नई दिल्ली। भारत सरकार में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख लाल मंडाविया ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से सूरत के हज़ीरा बंदरगाह से दीव के लिए पहली क्रूज सेवा को झंडी दिखाकर रवाना किया। मनसुख लाल मंडाविया ने इस अवसर पर भारत में क्रूज पर्यटन विकास की बात दोहराई और खुशी जाहिर की कि 2014 से पहले भारतीय बंदरगाहों पर केवल 139 क्रूज़ सेवा ही संचालित होती थी, लेकिन आज हमारे पास देश में कोविड-19 महामारी के बावजूद 450 क्रूज़ सेवाएं हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से क्रूज़ सेवा से यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, 2014 से पहले क्रूज़ सेवा से यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या एक लाख थी और 2019-20 में इन पर्यटकों की संख्या बढ़कर 4.5 लाख हो गई थी।
जलमार्ग मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने कहा कि भारतीय समुद्र तट पर क्रूज पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ी क्षमता है और भारत के पश्चिमी तट मुंबई, गोवा, कोच्चि और पूर्वी तट विशाखापट्टनम, कोलकाता, चेन्नई पर 6 अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनलों को स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। मनसुख लाल मंडाविया ने दक्षिण गुजरात और गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के बीच फेरी, रोरो और रोपैक्स सेवाओं के बारे में आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अत्याधुनिक नौका टर्मिनलों और क्रूज सेवा में आधुनिक सुविधाओं के साथ जल परिवहन, परिवहन का नया भविष्य है। उन्होंने कहा कि क्रूज़ सेवा से समुद्री यात्रा में एक तरफ का समय लगभग 13 से 14 घंटे का समय लगता है, क्रूज में 300 यात्रियों की क्षमता है और इसमें 16 केबिन हैं, यह क्रूज एक सप्ताह में दो चक्कर लगाएगा, इसमें खेलने का स्थान, वीआईपी लाउंज, डेक पर मनोरंजन और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मनसुख लाल मंडाविया ने कहा कि एक तरफ की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 900 रुपये और करों का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हज़ीरा-घोघा रोपैक्स सेवा का उद्घाटन किया था। चार महीने के भीतर एक लाख यात्रियों और हजारों वाहनों ने फेरी सेवा का उपयोग किया, इस दौरान उनके यात्रा के समय में बचत हुई और हजीरा (सूरत) से घोघा (भावनगर) तक यात्रा कर समय और पैसा दोनों की बचत की। उन्होंने कहा कि फेरी सेवा की सफलता ने गुजरात और पूरे भारत में जल परिवहन के कई और मार्गों के लिए द्वार खोल दिए हैं।

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