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'बुज़ुर्गों से संवाद 'शिक्षा' से भी बड़ी पूंजी'

समावेशन शिक्षण शास्र और नवाचार पर शोधपत्र पढ़े गए

'शिक्षा का नया रूप 2020: नवाचार में अभ्यास' संगोष्ठी

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Tuesday 23 March 2021 02:21:50 AM

the new face of education 2020: innovation in practice research seminar

नई दिल्ली। डायट केशवपुरम के तत्वावधान में ‘शिक्षा का नया रूप 2020: नवाचार में अभ्यास’ यानी द न्यू फेस ऑफ एजूकेशन 2020: इनोवेशन इन प्रैक्टिस विषय पर 19 मार्च को एक दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। चार सत्रों में हुई इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में विभिन्न शिक्षाविदों ने विचार रखे। संगोष्ठी के अतिथियों में डॉ केएस भंडारी संस्थापक निदेशक एससीईआरटी, प्रोफेसर एस मुखोपाध्याय पूर्व निदेशक एससीईआरटी, बीएन बाजपेई पूर्व निदेशक एससीईआरटी इत्यादि शामिल थे। डॉ अनामिका सिंह प्राचार्या डायट केशवपुरम ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषयक कार्यक्रम की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। संगोष्ठी की स्मारिका और डायट केशवपुरम की ई-पत्रिका ‘उत्कर्ष’ का विमोचन भी किया गया।
संगोष्ठी में डॉ केएस भंडारी ने एससीईआरटी की स्थापना से लेकर यूजीसी के आधार पर पुनर्गठित होने वाली देश की पहली एससीईआरटी बनाने तक की गौरवशाली यात्रा की चर्चा की। प्रोफेसर एस मुखोपाध्याय ने इसे आगे बढ़ाते हुए समावेशी शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि समावेशन केवल शिक्षा ही नहीं, यह तो हमारी सामाजिक जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। उद्घाटन सत्र के समापन पर डॉ नाहर सिंह संयुक्त निदेशक एससीईआरटी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने बुज़ुर्गों और वरिष्ठजनों से निरंतर संवाद कायम रखना चाहिए, यह संवाद ‘शिक्षा’ के दृष्टिकोण से भी एक बड़ी पूंजी है। उद्घाटन के पश्चात संगोष्ठी का संचालन मुकेश अग्रवाल और डॉ चंचल ने किया। यह सत्र शिक्षा के समावेशन पर केंद्रित था। सत्र की अध्यक्षता डॉ संजीव पूर्व प्रधानाचार्य डायट केशवपुरम ने की।
शिक्षा के समावेशन सत्र में डॉ अंजुल शर्मा, डॉ नवीन सिंह, डॉ सीमा श्रीवास्तव, डॉ अनामिका सिंह, डॉ जेपी सिंह और शिवम लूथरा ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। लंच के बाद संगोष्ठी सत्र का विषय ‘शिक्षण-शास्र’ (पेडागोजी) पर केंद्रित था। इसका संचालन डॉ सरोज मलिक और सविता जून ने किया। सत्र की अध्यक्षता डॉ अनीता रस्तोगी प्रोफेसर और अध्यक्ष शिक्षा विभाग जामिया मिलिया इस्लामिया तथा डॉ कुसुम शर्मा पूर्व प्रधानाचार्य डायट एससीईआरटी ने की। इसमें किरण गोयल, कमल, सुश्री कीर्ति, डॉ रसना सहरावत, डॉ धर्मेंद्र डागर, शिल्पा सूद और अदिति भसीन ने विविध मुद्दों पर शोध-पत्र प्रस्तुत किए। संगोष्ठी के अंतिम सत्र की अध्यक्षता डॉ नरेश गुप्ता तथा डॉ शारदा कुमारी पूर्व प्रधानाचार्य डायट ने किया। इस सत्र का संचालन डॉ सुधा और रीना ने किया। सत्र में मोहम्मद इकबाल, डॉ दिव्या मान, शादाब अहमद, स्वर्णाली दास, नीता रानी, जोगिंदर कुमार, डॉ रेखा रानी कपूर, डॉ शालिनी, स्वाति चावला और डॉ एसके शाहजवानी ने शिक्षा के नवाचारों से संबंधित शोध-पत्र प्रस्तुत किए। डॉ अनामिका सिंह ने विद्वानों और आमंत्रित श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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