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देश में नैतिक कॉर्पोरेट प्रशासन जरूरी-वेंकैया

उपराष्ट्रपति का फरार आर्थिक अपराधियों की वापसी का आग्रह

गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का ऑनलाइन कार्यक्रम

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Saturday 6 March 2021 04:11:21 PM

venkaiah naidu interacting with the industrial and trade fraternity of south gujarat

सूरत। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सभी देशों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अन्य देशों से फरार होने वाले आर्थिक अपराधियों को तुरंत उन देशों को वापस कर दिया जाना चाहिए, जहां के वे वांछित अपराधी हैं। उन्होंने कहा कि कानून उन लोगों के साथ सख्त होना चाहिए, जो आम लोगों का पैसा लूटते हैं और विदेश में सुरक्षित ठिकाना चाहते हैं। सूरत में साउथ गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में दक्षिण गुजरात के उद्योगपतियों और कारोबारी बिरादरी के साथ बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने उद्योग जगत से अपील की कि वे ऐसे भ्रष्ट लोगों को अलग-थलग करें, जो पूरे कारोबारी समुदाय का नाम खराब करते हैं और देश में नैतिक कॉर्पोरेट प्रशासन की आवश्यकता पर जोर दिया।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वे लोगों और व्यवसायों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाएं, ईकोसिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित करें, जिससे वे बिना किसी बाधा के बढ़ सकें। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत भारतीय व्यवसायों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है, उन्होंने इस अवसर का लाभ उठाने और पीपीई किट की सफलता की कहानी को अन्य क्षेत्रों में भी दोहराने का आह्वान किया। उन्होंने कुछ ही समय में हम पीपीई किट के दूसरे सबसे बड़े निर्माता के रूपमें उभरे हैं, हम न केवल आज खुद की मांग को पूरा कर पा रहे हैं, बल्कि कई देशों को इन आवश्यक वस्तुओं का निर्यात भी कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा विदेशी आपूर्ति पर हमेशा के लिए निर्भर नहीं रह सकता है, बल्कि इस तरह की निर्भरता हमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी रुकावट या व्यवधान के प्रति संवेदनशील बनाती है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि महामारी ने हमें यह भी सिखाया है कि अगर हम अपने देश के भीतर इस तरह के सामान का उत्पादन करने की क्षमता विकसित करते हैं तो हम लागत को कम कर सकते हैं, इससे न केवल हमारे उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि वैश्विक बाजारों से इन सामानों की खरीद के लिए आवश्यक हमारी बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया। कोविड से पहले भारत की तेज आर्थिक विकास की गति को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने आशापूर्ण दृष्टि के साथ इस वर्ष के बजट में 11.5 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि दर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि निस्संदेह इस दर को दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा माना जा सकता है। उन्होंने भारत के व्यापार और वाणिज्य की समृद्ध परंपरा के बारे में याद दिलाया और कहा कि हम निश्चित रूपसे उस गौरव को पुनः प्राप्त कर सकते हैं और भारत को एकबार फिरसे 'सोने की चिड़िया' बना सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने उद्योग को इसके लिए तैयार रहने को कहा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का जनसांख्यिकी विभाजन हमें इसमें एक महत्वपूर्ण लाभ देता है और यह दर्शाता है कि हमारे युवा वांछित परिवर्तन ला सकते हैं, यदि उनको सही तरीके से कुशल बनाया जाए, प्रेरित किया जाए और सही अवसर मिले। युवाओं के कौशल प्रशिक्षण और नए उद्यमियों के मार्गदर्शन में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए उद्योग का आग्रह करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था की सफलता की कहानी की पटकथा में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने गुजराती व्यापार समुदाय को व्यापार जगत में नए बिजनेसमैन के लिए उनके समर्थन देने के लिए सराहा और सभी उद्यमियों को युवा उद्यमियों का समर्थन और सलाह देकर इसका अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया। वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारे युवाओं को केवल नौकरी मांगने वाला नहीं होना चाहिए और उन्हें नौकरी देने वाला बनना चाहिए। उन्होंने युवाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ाने लिए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को बढ़ाने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में निजी क्षेत्र की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हम न केवल अपनी विशाल जनसंख्या का टीकाकरण कर रहे हैं, बल्कि कई ग़रीब देशों को घरेलू रूपसे विकसित कोविड-19 टीकों की मुफ्त खुराक भी प्रदान कर रहे हैं। वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें नए सिरे से खोज और आविष्कार करना होगा। उन्होंने अकादमिक संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर फंडों को शुरू करने का भी आह्वान किया। उन्होंने निजी क्षेत्र से आरएंडडी पर अपना खर्च बढ़ाने के लिए अपील की। वेंकैया नायडू ने भारत के सीमित संसाधनों के उचित और न्यायसंगत बंटवारे के लिए प्रणालियों की व्यवस्था करने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कहा कि इस तरह की व्यवस्था लोकतंत्र में सबसे बेहतर तरीके से संभव है, जहां लोगों की इच्छा शासन को दिशा प्रदान करने में सर्वोच्च है।
वेंकैया नायडू ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में संवैधानिक पदों पर उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को रखा जाता है, जो लंबे समय तक सार्वजनिक भावनाओं की अवहेलना नहीं कर सकते। वेंकैया नायडू ने गुजरात की सफलता में को-ऑपरेटिव मूवेंट की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि देशभर में को-ऑपरेटिव मूवेंट को मजबूत करने का यह सही समय है। उपराष्ट्रपति ने सूरत को देश में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र और वाणिज्य केंद्र बनाने के लिए वहां के लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता की भावना को श्रेय दिया। इस अवसर पर गुजरात के मंत्री ईश्वर परमार, सांसद सीआर पाटिल, दर्शना जरदोश, एसजीसीसीआई के अध्यक्ष दिनेश नवदिया और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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