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'आत्‍मनिर्भर गांव आत्‍मनिर्भर भारत की शक्ति'

मिर्जापुर व सोनभद्र में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाएं शुरू

कोरोना से निपटने में मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय-प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 23 November 2020 11:28:15 AM

rural drinking water supply projects started in mirzapur and sonbhadra

मिर्जापुर/ सोनभद्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के विंध्‍याचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति की 23 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान ग्रामीण जल एवं स्‍वच्‍छता समिति और पानी समिति के सदस्‍यों से भी संवाद किया। मुख्यमंत्री जनपद सोनभद्र से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनसे 2995 गांवों में सभी घरों में जल-नल कनेक्‍शन पहुंचेंगे और इनसे इन जिलों की करीब 42 लाख की आबादी लाभांवित होगी। इन गांवों में ग्रामीण जल एवं स्‍वच्‍छता समितियों और पानी समितियों का गठन किया गया है, जो इसके परिचालन और रखरखाव की जिम्‍मेदारी संभालेंगी। पेयजल परियोजनाएं 24 महीने में पूरी कर देने की योजना है। इनकी कुल अनुमानित लागत 5,555.38 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री ने कहा कि माँ विंध्यवासिनी की विशेष कृपा है, जो यहां लाखों परिवारों के लिए शुद्ध पेयजल की योजना का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘नल से जल हर घर’ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी टीम के साथ सोनभद्र के धंधरौल बांध के करमांव गांव में उपस्थित होकर जो प्रयास किया है वह प्रशंसनीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर कहा कि जल जीवन मिशन की शुरूआत के बाद पिछले डेढ़ साल में दो करोड़ 60 लाख से ज्‍यादा परिवारों को पेयजल कनेक्‍शन मुहैया कराए गए हैं, इनमें उत्तर प्रदेश के कई लाख परिवार भी शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कारण माताओं और बहनों का जीवन आसान हुआ है, क्‍योंकि उन्‍हें अपने घर में आसानी से पानी मिलने लगा है। उन्‍होंने कहा कि इसका एक ओर बहुत बड़ा फायदा यह हुआ है कि गंदे पानी के प्रयोग की वजह से ग़रीब परिवारों में हैजा, टायफाइड, इंसिफिलाइटिस जैसी जलजनित बीमारियों में बहुत कमी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रचुर संसाधन होने के बावजूद विंध्‍याचल और बुंदेलखंड क्षेत्र अभावग्रस्‍त क्षेत्र बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी यह क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा, जबकि यहां पर प्रकृति की असीम कृपा है। उन्होंने कहा कि बहुत सी नदियां होने के बावजूद इस क्षेत्र की पहचान सूखे के रूपमें ही रही है, इन क्षेत्रों को जलाभाव वाला और सूखा प्रभावित क्षेत्र माना जाता है, इसी वजह से यहां के बहुत से निवासियों को यह क्षेत्र छोड़कर अन्‍यत्र चले जाना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि अब इन परियोजनाओं से जल संकट और सिंचाई जैसे मुद्दों का समाधान हो जाएगा जो‍ कि तीव्र विकास का सूचक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से कोरोना से सचेत रहने की भी अपील की, क्‍योंकि इसका खतरा अभी भी मंडरा रहा है। उन्‍होंने कहा कि वे पूरी ईमानदारी से इसके लिए तय सावधानियां बरतें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से निपटने में मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि जब विंध्‍याचल के हजारों गांवों में पाइप के जरिए पेयजल पहुंच जाएगा तो क्षेत्र के बच्‍चों की सेहत में सुधार होगा और उनका बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होगा। उन्‍होंने कहा जब किसीको गांव के विकास के लिए निर्णय लेने और उन निर्णयों पर काम करने की आजादी मिलती है तो उससे गांवों में हर किसी का आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है। उन्‍होंने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत को आत्‍मनिर्भर गांवों से शक्ति मिलती है। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस बात के लिए प्रशंसा की कि उसने महामारी के समय में भी एक प्रभावी सुशासन दिया और सुधारों की गति को बनाए रखा। नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की भी जानकारी दी। उन्‍होंने एलपीजी गैस सिलेंडर, बिजली आपूर्ति, मिर्जापुर में सौर संयंत्र, सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने और बंजर भूमि पर सौर परियोजनाएं लगाकर किसानों को लगातार अतिरिक्‍त आय मुहैया कराने के प्रावधानों की ओर संकेत किए।
स्‍वामित्‍व योजना का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भूमि के मालिकों को रिहायशी और खेती योग्‍य भूमि के सत्‍यापित स्‍वामित्‍व पट्टे प्रदान किए गए हैं, इससे समाज के ग़रीब तबके के लोगों की संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगी है और इस संपत्ति के बदले में ऋण लेने की संभावना में सुधार हुआ है। क्षेत्र की जनजातीय आबादी के उन्‍नयन के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ विशेष परियोजनाओं के तहत यह योजनाएं जनजातीय क्षेत्रों तक भी ले जाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय युवाओं को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश समेत सभी जनजातीय क्षेत्रों में सैकड़ों एकलव्‍य मॉडल स्‍कूल्‍स खोले गए हैं, हमारा लक्ष्‍य हर जनजातीय बहुल ब्‍लॉक में शिक्षा सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि वनोपज आधारित परियोजनाएं भी लागू की गई हैं, एक जिला स्‍तरीय खनिज कोष भी स्‍थापित किया गया है, इसके पीछे यह विचार है कि इन इलाकों से प्राप्‍त संसाधनों का एक हिस्‍सा स्‍थानीय तौर पर निवेश किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस कोष के तहत 800 करोड़ रुपए एकत्रित किए गए हैं और 6000 से ज्‍यादा परियोजनाओं की मंजूरी दी गई।
शिलान्यास कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया और उत्तर प्रदेश में सरकार में विकास और कार्ययोजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र में विकास की इतनी बड़ी परियोनजाएं पहले कभी नहीं आईं, कोरोना कालखंड में भी यह क्षेत्र विकास से वंचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह धरती योगीराज मत्स्ययेंद्र नाथ की साधना स्थली रही है, यहां का विकास करके ही व्यापक स्तर पर रोज़गार उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जनपद सोनभद्र में हवाई पट्टी का विस्तार किया जा रहा है, जिससे लोगों को हवाई यात्रा की बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी, बिजली की पर्याप्त व्यवस्था करने के उद्देश्य से यहां सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक ही दिन में 3 हजार गांवों को शुद्ध पेयजल से जोड़ने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड तथा विंध्य क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, इन परियोजनाओं से यहां का जनजीवन खुशहाल होगा और गंदे पानी की बीमारियों से निजात मिलेगी। उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को ग्रामीण आजीविका समूह द्वारा तैयार की गई टोपी तथा धनुष-बाण भेंटकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने धधरौल बांध पर जलाभिषेक तथा पूजा-अर्चना भी की। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह उपस्थित भी थे। उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल इस कार्यक्रम में मुरादाबाद से वर्चुअल माध्यम से शामिल हुईं।

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