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एनसीआरटीसी को ड्रोन उड़ाने की अनमुति

नागरिक उड्डयन मंत्रालय दे रहा ड्रोनों के उपयोग को बढ़ावा

आरआरटीएस के लिए जीआईएस मैपिंग पर यह सशर्त छूट है

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 17 October 2020 12:58:20 PM

drone

नई दिल्ली। भारत सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए वेब आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली प्लेटफार्म की मैपिंग एवं कार्यांवयन हेतु डाटा अधिग्रहण के लिए रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम की तैनाती के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को सशर्त छूट प्रदान कर दी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अम्बर दुबे ने इसपर टिप्पणी करते हुए कहा है कि ड्रोन निगरानी अनुमोदनों को प्राप्त करने के लिए बधाई, यह प्रभावी हवाई निगरानी एवं परियोजना विनियोजन में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि इन अनुमोदनों को प्रदान किया जाना नागरिक उड्डयन मंत्रालय के ड्रोनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
ड्रोन उपयोग की सशर्त छूट 31 दिसंबर 2020 तक या डिजिटल स्काई प्लेटफार्म के पूरी तरह प्रचालनगत होने तक, जो भी पहले हो प्रभावी रहेगी। रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम का उपयोग करते हुए दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए वेब आधारित जीआईएस प्लेटफार्म की मैपिंग एवं कार्यांवयन हेतु डाटा अधिग्रहण के लिए एनसीआरटीसी की शर्तें एवं सीमाएं हैं-मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली को सीएआर सेक्शन 3, सीरिज X, पार्ट 1 के संगत प्रावधानों से छूट नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एयरक्राफ्ट नियम-1937 के नियम 15ए से छूट के अध्यधीन है। मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम के प्रचालन से पूर्व स्थानीय प्रशासन, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय वायु सेना से वायु प्रतिरक्षा मंजूरी एवंभारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली केवल आरपीएएस का प्रचालन करेगी जिसे स्वैच्छिक रूपसे भारत सरकार को डिस्क्लोज किया गया है और एक वैध ड्रोन एकनालेजमेंट नंबर अर्थात स्पाईडेक्स-600 के लिए डीआईडीएओओयू2यू जारी किया गया है। मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली फ्लाइट स्टैंडर्ड्स डायरेक्टोरेट, डीजीसीए को प्रचालन की संभावना पर एक व्यापक विवरण तथा एसओपी की प्रति प्रस्तुत करेगी। रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम का प्रचालन केवल एसओपी की जांच या अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली डीजीसीए के विनियमन एवं सूचना महानिदेशालय से हवाई फोटो अगर लागू हो, के संबंध में आवश्यक अनुमति लेगी। फोटोग्राफ या वीडियोग्राफ, अगर आरपीएएस के जरिए लिए गए हैं तो केवल मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली के उपयोग में लाए जाएंगे। मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली आरपीएएस एवं आरपीएएस के जरिए संग्रहित डाटा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे।
आरपीएएस का प्रचालन विजुअल लाइन ऑफ साइट के भीतर दिन के दौरान किए जाने वाले प्रचलनों तक सीमित रहेगा। मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली इन प्रचालनों से उत्पन्न किसी कानूनी मामले या किसी अन्य मुद्दों के लिए डीजीसीए से क्षतिपूर्ति प्राप्त करेंगे। मेसर्स एनसीआरटीसी सुनिश्चित करेगी कि आरपीएएस कार्यशील स्थिति में हो और वह उपकरण की खराबी या भटकाव के कारण किसी आकस्मिक घटना के लिए जिम्मेदार होगी। उपकरण के साथ संपर्क में आने के कारण किसी व्यक्ति के घायल होने की स्थिति में मेसर्स एनसीआरटीसी चिकित्सा-कानूनी मुद्दों के लिए जिम्मेदार होगी। मेसर्स एनसीआरटीसी के पास आरपीएएस के प्रचालन के दौरान होने वाली दुर्घटना या घटना से उत्पन्न थर्ड पार्टी डैमेज को कवर करने के लिए बीमा कवर का पर्याप्त स्तर होगा। मेसर्स एनसीआरटीसी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परिस्थिति में आरपीए का उपयोग किए जाने के दौरान नुकसानदायक सामग्री या वैरियेबल पेलोड का उपयोग न किया जाए। मेसर्स एनसीआरटीसी आम लोगों, संपत्ति, ऑपरेटर आदि की हिफाजत, सुरक्षा एवं गोपनीयता सुनिश्चित करेगी, इसके अतिरिक्त किसी आकस्मिकता की स्थिति में डीजीसीए को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।
मेसर्स एनसीआरटीसी नई दिल्ली बिना संबंधित मंत्रालयों या प्राधिकरणों की मंजूरी के बिना सीएआर सेक्शन 3, सीरिज X, पार्ट 1 के पैरा 13.1 में विनिर्दिष्ट नो फ्लाई जोनों में आरपीएएस का प्रचालन नहीं करेगी। आरपीएएस सीएआर के प्रावधानों के अनुरूप हवाई अड्डों के सीमा क्षेत्र में प्रचालन नहीं करेगी, अगर हवाई अड्डे के निकट प्रचालन किया जाता है तो समय एवं आरपीएएस के प्रचालनों के क्षेत्र के संबंध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से अग्रिम रूपसे मंजूरी लेनी होगी। मेसर्स एनसीआरटीसी सुनिश्चित करेगी कि केवल प्रशिक्षित या अनुभवी योग्य कार्मिक ही आरपीएएस का प्रचालन करें। यह पत्र आरपीएएस पर अन्य सरकारी एजेंसियों के लगाए गए प्रतिबंधों या एसओपी का अधिरोहण नहीं करेगा। प्रचालन के किसी भी चरण के दौरान घटना की स्थिति में रिपोर्ट डीजीसीए के वायु सुरक्षा निदेशालय को प्रस्तुत की जाएगी।

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