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'महाराष्ट्र के विकास पुरुष थे विखे पाटिल'

प्रधानमंत्री ने किया विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन

महाराष्ट्र में सहकारिता की सफलता में अनुकरणीय योगदान

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Wednesday 14 October 2020 05:00:07 PM

prime minister released the autobiography of vikhe patil

पुणे/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से डॉ बालासाहेब विखे पाटिल की ‘देह वीचवा करणी’ शीर्षक से आत्मकथा का विमोचन किया और प्रवरा रूरल एजुकेशन सोसाइटी को ‘लोकनेता डॉ बालासाहेब विखे पाटिल प्रवरा रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ का नाम दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में विखे पाटिल के जीवन की कहानियां मिल जाएंगी। उन्होंने कहा कि बालासाहेब पाटिल की आत्मकथा हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है और गांव के विकास के लिए, ग़रीबों के लिए, शिक्षा के लिए और महाराष्ट्र में सहकारिता की सफलता के लिए उनके अनुकरणीय योगदान भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ बालासाहेब विखे पाटिल ने विठ्ठलराव विखे पाटिल के पदचिन्हों पर चलते हुए अपने आपको महाराष्ट्र के विकास के लिए समर्पित कर दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्रामीणों, गरीबों, किसानों के जीवन को सुगम बनाना और उनके कष्टों को कम करना ही विखे पाटिल के जीवन का मूल आधार था, उन्होंने हमेशा समाज की बेहतरी के लिए काम किया और राजनीति को समाज में एक सार्थक परिवर्तन लाने का माध्यम बनाने और गरीबों एवं गांवों की समस्याओं को हल करने पर जोर दिया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि डॉ बालासाहेब विखे पाटिल के इस दृष्टिकोण ने उन्हें दूसरों से अलग कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि डॉ बालासाहेब विखे पाटिल ने गरीबों और किसानों के दुख और पीड़ा को समझा, इसलिए वे किसानों को एकसाथ एक मंच पर लाए और उन्हें सहकारी समितियों से जोड़ा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटलजी की सरकार में एक मंत्री के रूपमें उन्होंने महाराष्ट्र सहित देश के अनेक क्षेत्रों में सहकारिता को प्रोत्साहित किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब ग्रामीण शिक्षा के बारे में देश में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी तब डॉ बालासाहेब विखे पाटिल ने प्रवरा रूरल एजुकेशन सोसाइटी के माध्यम से गांव में युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम किया, इस सोसाइटी के माध्यम से उन्होंने गांव में युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास के लिए काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विखे पाटिल ने गांव में कृषि में शिक्षा के महत्व को समझा और आज किसानों को उद्यमिता की ओर ले जाने और उन्हें उद्यमी बनाने के अवसर पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद जब देश के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं था तो सरकार की प्राथमिकता फसलों की उत्पादकता बढ़ाने पर थी, लेकिन इस उत्पादन संबंधी चिंता में किसानों के लाभ के बारे में ध्यान नहीं दिया गया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दे रहा है, इन प्रयासों में न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का निर्णय, यूरिया को नीम कोटिंग बनाना तथा बेहतर फसल बीमा आदि शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना जैसी पहलों के कारण किसानों को अब छोटे-छोटे खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, इसके अलावा कोल्ड चेन, मेगा फूड पार्क और एग्रो-प्रोसेसिंग जैसे बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के बारे में अभूतपूर्व कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ज्ञान को संरक्षित रखना चाहिए और ज्ञान को कृषि में नए और पुराने तरीकों के साथ जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब उद्योगों को गन्ने से चीनी के साथ-साथ इथेनॉल निकालने के लिए भी स्थापित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ बालासाहेब विखे पाटिल ने हमेशा महाराष्ट्र के गांवों में पीने और सिंचाई के पानी की समस्याओं जैसी अनेक समस्याओं के समाधान किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत महाराष्ट्र में 26 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया गया, जो कई वर्षों से लंबित थीं, इनमें से 9 परियोजना पहले ही पूरी हो चुकी हैं, इन परियोजनाओं के पूरा होने से लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होगी।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसी प्रकार जुलाई 2018 में महाराष्ट्र में छोटी-बड़ी 90 सिंचाई परियोजनाओं पर काम शुरु हुआ था, जब अगले 2-3 साल में यह परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी तो लगभग 4 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल भू-जल योजना महाराष्ट्र के उन 13 जिलों में लागू की जा रही है, जहां भू-जल का स्तर बहुत नीचे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत महाराष्ट्र में गांवों के सभी परिवारों को नल द्वारा पीने का पानी उपलब्ध कराने का काम तेज गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष महाराष्ट्र के 19 लाख से अधिक परिवारों को नल द्वारा पीने के पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई, इनमें से 13 से अधिक ग़रीब परिवारों को कोरोना महामारी के दौरान यह सुविधा प्राप्त हुई।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना ने गांव में स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ा दिया है, देश में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 7 करोड़ से अधिक महिलाओं को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों और मछुआरों को बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्डों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लगभग ढाई करोड़ छोटे किसान परिवार जो पहले किसान क्रेडिट कार्ड से वंचित थे उन्हें अब यह सुविधा प्राप्त है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों और गांव में रहने वाले लोगों में आत्मविश्वास को बढ़ावा देने से आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि डॉ बालासाहेब विखे पाटिल भी गांवों में आत्मनिर्भरता के इस विश्वास को स्थापित करना चाहते थे। विमोचन कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, चंद्रकांत पाटिल, राधाकृष्ण पाटिल, सुजय विखे पाटिल और जनप्रतिनिधि ऑनलाइन जुड़े।

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