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जीएसटी करदाताओं को ई-चालान में राहत

सीजीएसटी अधिनियम-2017 की धारा 122 के तहत जुर्माने में छूट

वार्षिक कारोबार 500 करोड़ रुपये व उससे अधिक पर चालान जरूरी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 1 October 2020 04:09:53 PM

gst taxpayers relief in e-challan

नई दिल्ली। भारत सरकार ने दिसंबर 2019 में निर्धारित किया था कि उन जीएसटी करदाताओं को जिनका किसी भी पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार है, सभी व्यवसाय से व्यवसाय बी2बी आपूर्ति के लिए 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी सीजीएसटी नियम-2017 के नियम 48 (4) के तहत निर्धारित तरीके से ई-चालान जारी करना आवश्यक होगा। सीजीएसटी नियम-2017 के नियम 48 (5) के तहत भी यह अनिवार्य किया गया था कि बी2बी चालान या इस तरह के करदाता के किसी भी अन्य तरीके से जारी किए गए चालान को नहीं माना जाएगा।
जीएसटी करदाताओं के लिए मार्च 2020 में ई-चालान के कार्यांवयन की तारीख 1 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दी गई थी। लॉकडाउन से करदाताओं को होने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए जुलाई 2020 में यह निर्धारित किया गया था कि जिन करदाताओं का कुल वार्षिक कारोबार 500 करोड़ रुपये और उससे अधिक है, उन्हीं को 1 अक्टूबर 2020 से ई-चालान जारी करने की आवश्यकता होगी। यह बताया गया है कि इस संबंध में पहली अधिसूचना के 9 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 500 करोड़ और उससे अधिक के कुल कारोबार वाले कुछ करदाता अब भी तैयार नहीं हैं, जिसे देखते हुए अंतिम अवसर के रूपमें ई-चालान के कार्यांवयन के प्रारंभिक चरण में यह निर्णय लिया गया है कि नियम 48 (4) के तहत निर्धारित तरीके का पालन किए बिना ऐसे करदाताओं द्वारा अक्टूबर 2020 के दौरान जारी किए गए चालान को वैध माना जाएगा और प्रावधानों का इस तरह पालन नहीं करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम-2017 की धारा 122 के तहत लगने वाला जुर्माना छोड़ दिया जाएगा, अगर चालान की तारीख के 30 दिन के भीतर इस तरह के चालान संदर्भ संख्या चालान संदर्भ पोर्टल से ली जाती है।
एक उदाहरण के साथ इसे समझाया गया है कि यदि किसी पंजीकृत व्यक्ति ने आईआरएन प्राप्त किए बिना 3 अक्टूबर 2020 को एक चालान जारी किया है, लेकिन आईआरपी को ऐसे चालान का विवरण प्रस्तुत करता है और 2 नवंबर 2020 या उससे पहले चालान का आईआरएन प्राप्त करता है, तब यह माना जाएगा कि सीजीएसटी नियम-2017 के नियम 48 (5) के प्रावधानों का अनुपालन किया गया है और सीजीएसटी अधिनियम-2017 की धारा 122 के तहत लगाया जाने वाला जुर्माना भी माफ किया जाएगा। प्रासंगिक अधिसूचनाएं लागू होंगी। यहां यह ध्यान देना होगा कि 1 नवंबर 2020 से जारी किए गए चालान के लिए ऐसी कोई छूट उपलब्ध नहीं होगी और सीजीएसटी नियम-2017 के नियम 48 (4) का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए ऐसे चालान मान्य नहीं होंगे और उल्लंघन पर सीजीएसटी अधिनियम एवं नियमों के सभी प्रावधान लागू होंगे।

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