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भारतीय विरासत अवसरों से ओत-प्रोत-स्मृति

टेक्सटाइल ग्रैंड चैलेंज 2019 के विजेताओं को पुरस्कार दिए

पर्यावरण और लागत अनुकूल वैकल्पिक विचार साझा किए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 28 August 2020 05:03:10 PM

textiles grand challenge'19

नई दिल्ली। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा है कि पर्यावरण अनुकूल और लागत अनुकूल वैकल्पिक विचारों को विकसित करने के लिए भारत की नवप्रवर्तनशील भावना को प्रतिष्‍ठापित करने की आवश्यकता है, जिसका उपयोग रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए भी किया जा सकता है। कपड़ा मंत्रालय के टेक्सटाइल ग्रैंड चैलेंज 2019 के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह में केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा कि प्रतिभागियों का नवप्रवर्तनशील विचारों का योगदान यह संकेत देता है कि भारत की विरासत सभी के लिए समान अवसरों से ओत-प्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस अपने भाषण में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का स्पष्ट आह्वान किया था, उसी को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने इसका आयोजन किया।
कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने विशेष रूपसे जूट क्षेत्र में कपड़ा मशीन प्रौद्योगिकी को उन्नत करने की आवश्यकता पर बल दिया और नई प्रौद्योगिकियों की ओर लोगों का ध्‍यान आकृष्‍ट करने के लिए वस्त्र क्षेत्र के लिए एक भव्य मशीनरी चैलेंज के आयोजन का प्रस्ताव रखा। कपड़ा मंत्रालय ने टेक्सटाइल ग्रैंड चैलेंज 2019 का आयोजन राष्ट्रीय कपास बोर्ड और उद्योग एवं औद्योगिक व्यापार संवर्धन विभाग की स्टार्टअप इंडिया टीम के सक्रिय सहयोग से किया था। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य प्‍लास्टिक बैगों को हटाने के लिए जूट बायोमास, जूट प्लांट आधारित बायो पोलिमर और कपास फाइबर के कचरे का उपयोग करके किफायती और कम वजन वाले कैरी बैग तैयार करने के लिए स्टार्ट-अप एवं व्‍यवसायियों के नवीन विचारों को आगे लाना था। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की दिशा में एक पहल है, जिसके अंतर्गत एक बार उपयोग में आने वाले प्‍लास्टिक बैगों का विकल्‍प और घरेलू रूपसे विकसित प्राकृतिक फाइबर यानी जूट और कपास का उपयोग करके वैकल्पिक और बहु-उपयोग वाले प्लास्टिक बैग के विकल्‍प के लिए नवीन समाधान मांगे थे।
टेक्सटाइल ग्रैंड चैलेंज के लिए कुल 67 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 3 प्रतिभागियों ने एकल उपयोग प्लास्टिक बैग के विकल्प पर अपनी राय दी और 1 ने बहु-उपयोगी प्लास्टिक बैग के लिए विकल्प पर अपनी राय दी थी। कपड़ा मंत्रालय ने इनका चयन किया और इन्‍हें नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। मैसर्स अवेगा ग्रीन टेक्नोलॉजीज पुणे, मैसर्स धृति बायोसोल्यूशंस मैसुरु और मैसर्स सक्ती नॉनवोवन्‍स चेन्नई से चयनित विजेता स्टार्ट अप्स हैं। प्रतियोगिता में किराने और खरीदारी की गई वस्तुओं को ले जाने के लिए किफायती, कम वजन वाले और मजबूत गैर-बुने कैरी बैग बनाने के लिए जूट बायो-मास, जूट स्‍टार्च आधारित बायो-पॉलिमर और कपास कचरा फाइबर का उपयोग करने के बारे में मत रखे गए। वस्‍त्र मंत्रालय में सचिव रवि कपूर और कपड़ा क्षेत्र के दिग्गजों ने वर्चुअल मोड में भाग लिया। रवि कपूर ने बताया कि स्मृति जुबिन ईरानी के मार्गदर्शन में मंत्रालय एक राष्ट्रीय स्तर के प्राधिकरण की कल्पना कर रहा है, जो कुदरती रूपसे श्रेष्‍ठ कपास, पटसन, रमी, सुतली, सफेद सुतली, केला और बांस के काफी हद तक विकास और संवर्धन के बारे में विचार करेगा, जो प्लास्टिक के विकल्प का केंद्र बन सकते हैं।
सचिव रवि कपूर ने कहा कि पुरस्‍कार देना नए स्टार्ट-अप को विकसित करने और उन्हें अगले स्तरतक ले जाने के शुरुआती बिंदु है, जिसमें उन्हें अपने उत्पादों के लिए आमदनी और बाजार प्राप्त करने में मदद करना शामिल है। उन्होंने सुझाव दिया कि कपड़ा मंत्रालय को दुनियाभर के मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने वाले ऐसे उद्यमियों को प्रमुखता से प्रदर्शन सुविधाएं दी जानी चाहिए, इससे भारत के इन उद्यमियों और उत्पादों को नए निर्यात बाजार खोजने में मदद मिलेगी। चैलेंज के प्रतिभागियों की तारीफ करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि नए हैकाथन की घोषणा जल्द ही की जाएगी। कपड़ा मंत्रालय ने उद्योग जगत के दिग्गजों से अपील की है कि वे इस तरह के नए विकसित विचारों और प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाएं, ताकि ऐसे बायोडिग्रेडेबल और गैर-प्रदूषणकारी बैगों के निर्माण के लिए नए उद्यम स्थापित करने में मदद मिल सके और इन नए स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा दिया जा सके और नए उत्‍पादों को बाज़ार मिल सके।

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