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ऋषिकेश-धरासू-गंगोत्री मार्ग पर चंबा सुरंग शुरु

चारधाम योजना के तहत बीआरओ ने बनाई 440 मीटर की सुरंग

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉंफ्रेंस‌ से किया उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 26 May 2020 04:35:49 PM

chamba tunnel started on rishikesh-dharasu-gangotri road

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग पर आवागमन की शुरुआत करते हुए वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि सीमा सड़क संगठन ने ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग एनएच 94 पर अति व्यस्त चंबा शहर के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग बनाकर प्रमुख उपलब्धि हासिल की है। बीआरओ ने कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन में सुरंग खोदने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया। सुरंग का निर्माण कार्य दरअसल कमजोर मिट्टी, पानी के निरंतर रिसने, शीर्ष पर भारी निर्मित क्षेत्र रहने के कारण मकानों के ढहने की आशंका, भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, लॉकडाउन में विभिन्‍न प्रतिबंधों को देखते हुए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में ऋषिकेश-धरासू-गंगोत्री मार्ग की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से अत्‍यंत महत्वपूर्ण भूमिका है और इस सुरंग के खुलने से चंबा शहर के रास्‍ते में भीड़-भाड़ कम हो जाएगी एवं शहर से गुजरने में पहले के तीस मिनट की तुलना में अब केवल दस मिनट ही लगेंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दुर्गम इलाकों में काम करने और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यांवयन को सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें इस परियोजना के निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही यानी अक्टूबर 2020 तक पूरा हो जाने के बारे में सूचित किया गया है। सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि बीआरओ ने इस सुरंग के उत्तर पोर्टल पर काम जनवरी 2019 में शुरु कर दिया था, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और मुआवजे के मुद्दे के कारण स्थानीय लोगों की ओर से किए गए व्‍यापक प्रतिरोध की वजह से दक्षिण पोर्टल पर काम अक्टूबर 2019 के बाद ही शुरु करना संभव हो पाया था। उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई करने के लिए दिन-रात की पालियों में काम करने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करने से ही यह सफलता संभव हो पाई है। गौरतलब है कि बीआरओ प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना में एक महत्वपूर्ण हितधारक है और इस सुरंग को खोदने में सफलता टीम शिवालिक ने हासिल की है। इसके निर्माण में नवीनतम ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है।
चंबा सुरंग पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से लगभग तीन महीने पहले ही इस साल अक्टूबर तक यातायात के लिए खोल दी जाएगी। लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत एवं तकरीबन 889 किलोमीटर की अनुमानित लंबाई वाली प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना के तहत बीआरओ 250 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रहा है, जो पवित्र तीर्थस्थल गंगोत्री और बद्रीनाथ की ओर ले जाएगा। अधिकतर कार्य निर्धारित समय से पहले ही जोर-शोर से प्रगति पर हैं और बीआरओ द्वारा चार परियोजनाओं को इस साल अक्टूबर तक पूरा कर लेने की उम्मीद है। बीआरओ को लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत वाले 251 किलोमीटर लंबे खंड सौंपे गए हैं, जिनमें 28 किलोमीटर से 99 किलोमीटर तक की लंबाई वाले ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच-94), 110 किलोमीटर की लंबाई वाले धरासू-गंगोत्री राजमार्ग (एनएच-108) और 42 किलोमीटर की लंबाई वाले जोशीमठ से माना राजमार्ग (एचएच-58) पर 17 परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से 151 किलोमीटर लंबी सड़क वाली 10 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है, जिनपर 1702 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इनपर काम प्रगति पर हैं-ऋषिकेश-धरासू (एनएच-94) 99 किलोमीटर लंबाई (पांच परियोजनाएं)। धरासू-गंगोत्री राजमार्ग (एनएच-108) 22 किलोमीटर लंबाई (दो परियोजनाएं)। बीईएसजेड की पांच परियोजनाओं को मंजूरी मिलना अभी बाकी है। जोशीमठ से माना राजमार्ग (एनएच-58) 32 किलोमीटर लंबाई (तीन परियोजनाएं)। दो परियोजनाओं को मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
बीआरओ ने अभी जारी 10 परियोजनाओं में से 53 किलोमीटर की लंबाई वाली इन चार परियोजनाओं को पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से पहले ही पूरा करने की आशा व्यक्त की है, इनमें-धरासू-गंगोत्री राजमार्ग (एनएच-108) 110-123 किलोमीटर जून 2020 तक। ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच-94) 28-59 किलोमीटर जुलाई 2020 तक। ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच-94, चंबा सुरंग सहित 59-65 किलोमीटर अक्‍टूबर 2020 तक। ऋषिकेश- धरासू राजमार्ग (एनएच-94) पर चिन्यालीसौड़ बाईपास अक्टूबर 2020 तक। इन 10 परियोजनाओं में से 440 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण व्यस्त चंबा शहर में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए किया जा रहा है। यह घोड़े की नाल जैसी सुरंग है, जिसमें 10 मीटर चौड़ा कैरेजवे (गाड़ी का रास्‍ता) और 5.5 मीटर की ऊर्ध्वाधर निकासी (क्‍लीयरेंस) है। इस सुरंग की स्वीकृत लागत 107.07 करोड़ रुपये है। ठेके पर दी गई लागत 86 करोड़ रुपये है, जिसमें सुरंग के लिए 43 करोड़ रुपये और सुरंग तक जाने वाले 4.2 किलोमीटर लंबे पहुंच मार्गों के लिए 43 करोड़ रुपये शामिल हैं।

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