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मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री चयनित

इसरो अध्यक्ष ने उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी दी

चंद्रयान-3 मिशन के लिए एक लैंडर व रोवर की मंजूरी मिली

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 January 2020 04:15:18 PM

correspondent conference held at isro hq in bangalore

बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्‍यक्ष डॉ के सिवन ने बेंगलुरु में इसरो मुख्‍यालय में आयोजित संवाददाता सम्‍मेलन में पिछले एक साल की इसरो की उपलब्धियों और मौजूदा वर्ष की योजनाओं की विस्‍तार से जानकारी दी। भारत के पहले मानवयुक्‍त अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के बारे में डॉ सिवन ने कहा कि हमने मिशन की दिशा में अच्छी प्रगति की है, मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया गया है, जो व्यापक प्रशिक्षण से गुजरेंगे। उन्‍होंने बताया कि 2019 में इसरो ने छह प्रक्षेपण यानों का इस्‍तेमाल किया और सात उपग्रह अभियान पूरे किए हैं।
इसरो अध्‍यक्ष डॉ के सिवन ने कहा कि बीते वर्ष इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपणयान पीएसएलवी ने अपनी 50वीं उड़ान पूरी की, इसके दो नए संस्‍करण भी जारी किए गए और पहली बार आर्बिटल प्‍लैटफार्म पर प्रयोग के तौरपर पीएसएलवी के प्रक्षेपण के चौथे चरण को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया। डॉ के सिवन ने कहा कि पिछले वर्ष सेमी कंडक्‍टर प्रयोगशाला से स्‍वदेशी तकनीक से विकसित विक्रम प्रोसेसर का भी उड़ान परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन के लिए मानक तय करने वाली अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍था की तीसरी पीढ़ी की साझा परियोजना (3 जीपीपी) ने भारत के क्षेत्रीय उपग्रह प्रणाली को मान्‍यता दी, जिससे एनवीआईसी का इस्‍तेमाल मोबाइल फोन पर किए जाने का रास्‍ता आसान हो जाएगा। डॉ के सिवन ने क्षमता विकास के मोर्चे पर इसरो की तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि तमिलनाडु के थोथुकुडी जिले में खासतौर से छोटे उपग्रहों को ले जाने वाले उपग्रह प्रक्षेपणयानों के लिए अलग से एक दूसरा प्रक्षेपण केंद्र बनाने की योजना है, इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम प्रगति पर है।
डॉ के सिवन ने कहा कि प्रक्षेपणों की संख्‍या बढ़ाने के लिए श्रीहरिकोटा के सतीष धवन अंतरिक्ष केंद्र में एक दूसरा यान एसेंबली केंद्र बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी देने के लिए श्रीहरिकोटा में एक दर्शक दीर्घा बनाई गई है, जहां से आम जनता प्रक्षेपणों को सीधे देख सकेगी। डॉ के सिवन ने बताया कि समानांतर स्‍तर पर इसरो की गतिविधियों को बढ़ाने के प्रयासों के तहत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रकोष्‍ठ, अंतरिक्ष विज्ञान इनक्‍यूबेशन सेंटर और क्षेत्रीय अकादमिक केंद्र स्‍थापित किए गए हैं एवं इस वर्ष ऐसे और केंद्र स्‍थापित करने की योजना है। डॉ के सिवन ने बताया कि स्‍कूली बच्‍चों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष में इस्‍तेमाल होने वाली तकनीकों की जानकारी देने के लिए युवा विज्ञानी कार्यक्रम शुरु किया गया है।
इसरो अध्यक्ष डॉ के सिवन ने बताया कि अंतरिक्ष प्रणालियों के औद्योगिक उत्पादन को आगे बढ़ाने के लिए इसरो की ओर से अंतरिक्ष विभाग के तहत न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का गठन किया गया है और औद्योगिक रूपसे पीएएसएलवी को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। डॉ के सिवन ने इसरो के भविष्य के कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रमा से जुड़े चंद्रयान-3 मिशन के साथ एक लैंडर और एक रोवर को शामिल करने की सरकार ने मंजूरी दे दी है और इस दिशा में काम हो रहा है। आगामी वर्ष की योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि इसमें एसएसएलवी, जीएसएलवी में 4एमऑगिव पेलोड फेयरिंग अर्थात यान के बाहरी कवच के तौरपर लगाए जाने वाली तापरोधी टाइलों, स्वदेशी परमाणु घड़ियां युक्‍त एनएवीआईसी, जीसैट-20 उपग्रह, भारतीय उपग्रहों के जरिए डेटा प्रेषण प्रणाली, आदिल्‍य एनवन तथा एक्‍सपोसैट से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

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