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'पुलिस बल विश्‍वास बहाली के लिए छवि सुधारे'

पुणे में पुलिस महानिरीक्षकों और महानिदेशकों का सम्‍मेलन

प्रधानमंत्री ने चर्चाओं में भाग लिया व मूल्यवान सुझाव दिए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 December 2019 12:57:45 PM

pm narendra modi

पुणे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पुलिस बलों को महिलाओं और बच्चों सहित समाज के सभी वर्गों में विश्‍वास बहाली के लिए अपनी छवि सुधारने का प्रयास करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि महिलाएं खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर सकें इसके लिए पुलिस को प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने देश में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बलों के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि हमें उनके परिवारों के योगदान को नहीं भूलना चाहिए जो उनके पीछे मजबूती से खड़े थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 54वें सम्‍मेलन में शिरकत करते हुए अहम चर्चाओं में भाग लिया और मूल्यवान सुझाव दिए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर खुफिया विभाग के अधिकारियों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्‍ट्रपति पुलिस पदक से सम्‍मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस विभागों के प्रमुखों से आग्रह किया कि वे सम्मेलन के परिणामों को राज्य से लेकर जिलास्‍तर के पुलिस थानों तक पहुंचाएं। विभिन्न राज्य पुलिस बलों की प्रस्तुतियों को सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सुझावों की एक व्‍यापक सूची बनाई जानी चाहिए, जिसे सर्वोत्तम प्रथाओं के रूपमें सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपना सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक एक ऐसा प्रभावी हथियार प्रदान करती है, जो आम आदमी से प्राप्‍त जानकारी के आधार पर पुलिस की पूर्व सक्रियता सुनिश्चित कर सकती है। उन्होंने पुलिस बलों के समक्ष कर्तव्‍य निर्वहन के दौरान आनेवाली कठिनाईयों का विशेष रूपसे उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि जब कभी उनके समक्ष ऐसी स्थिति आए और वे दुविधा में पड़ जाएं तो उन्‍हें उन आदर्शों और भावनाओं का स्‍मरण करना चाहिए, जिसे लेकर वे सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से समाज के सबसे कमजोर और ग़रीब तबकों के कल्‍याण को ध्यान में रखते हुए राष्‍ट्रहित में काम करते रहने का आग्रह किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विचारों और अनुभवों के सार्थक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए 2015 से पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस महानिदेशकों का सम्‍मेलन तीन दिन तक होने लगा है, जबकि इससे पहले यह एक दिवसीय आयोजन हुआ करता था, इसके अलावा यह सम्‍मेलन अब दिल्‍ली से बाहर देश के अन्‍य हिस्‍सों में भी आयोजित किया जाता है।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री की उपस्थिति के संदर्भ में सम्मेलन के प्रारूप में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। पुलिस महानिदेशकों की समितियां गठि‍त की गई हैं, जो सम्मेलन में दी जाने वाली प्रस्तुतियों की रूपरेखा तैयार करती हैं, इन प्रस्‍तुतियों का का विषय समकालीन सुरक्षा खतरों पर केंद्रित होता है। सम्‍मेलन के दौरान नीतिगत मुद्दों पर और अधिक प्रभावी तरीके से चर्चा करने के लिए मध्‍य सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के प्रमुख पहलुओं जैसे आतंकवाद, नक्सलवाद, तटीय सुरक्षा, साइबर खतरों तथा कट्टरपंथ और नशीले पदार्थों की तस्‍करी से उपजे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इसके लिए ग्‍यारह कोर समूह बनाए गए थे। नीति नियोजन और उनके कार्यांवयन के लिए अच्छे सुझावों के लिए प्रधानमंत्री ने सम्‍मेलन की सराहना की और इससे ठोस परिणाम प्राप्‍त करने की दिशा में प्रयासों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्‍यों के विकास पर अपनी विशेष रूचि व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि यह उनकी सरकार की लुक ईस्‍ट पॉलिसी के लिए बेहद जरूरी है। उन्‍होंने इन राज्‍यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों से विकास से जुड़े अहम कार्यक्रमों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्‍त प्रयास करने का आग्रह किया।

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