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राजस्‍थान के रेलवे स्‍टेशनों पर कुल्हड़ में चाय

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का कुम्हारी कला को प्रोत्साहन

वाराणसी व रायबरेली रेलवे स्‍टेशनों का प्रयोग उत्‍साहवर्धक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 29 November 2019 01:53:52 PM

tea at kulhar at railway stations

नई दिल्ली। यद्यपि भारतीय रेलवे स्‍टेशनों और ट्रेनों में खान-पान का अधिकांश रेलयात्रियों का अनुभव बहुत कड़वा है और रेलवे के खान-पान प्रबंधन के दावे बहुत ही कमजोर पाए जाते हैं, तथापि रेलवे ने दावा किया है कि राजस्‍थान के अनेक रेलवे स्‍टेशनों पर ‘सोंधी खुशबू वाली कुल्‍हड़ की चाय’ जल्‍द मिलने वाली है। राजस्‍थान के जिन रेलवे स्‍टेशनों के यात्री इस चाय का लुत्‍फ उठा सकेंगे, उनमें बीकानेर, सिरसा, भिवानी, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चुरू, सूरतगढ़, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, भगत की कोठी, लूनी, जयपुर, झुंझुनूं, दौसा, गांधीनगर, दुर्गापुरा, सीकर, अजमेर, उदयपुर, सिरोही रोड और आबू रोड आदि रेलवे स्‍टेशन शामिल हैं।
केंद्रीय सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी के अनुरोध पर रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को इस संबंध में निर्देश जारी करने का आदेश दिया था। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्‍यक्ष वीके सक्‍सेना ने भी पिछले वर्ष रेलमंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया था कि एक पायलट परियोजना के तहत खान-पान में प्‍लास्टिक के बर्तनों के स्‍थान पर कुल्‍हड़ और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करने के लिए वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्‍टेशनों का इस्‍तेमाल करने की अनुमति दी जाए। इस परियोजना को अनुमति दे दी गई। बताया गया है कि इस संबंध में संबंधित डीआरएम की इन दो रेलवे स्‍टेशनों से जुड़ी 6 माह की रिपोर्ट अत्‍यंत उत्‍साहवर्धक पाई गईं। वीके सक्‍सेना ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर-पश्चिमी रेलवे का प्‍लास्टिक के उत्‍पादों के स्‍थान पर मिट्टी से बने उत्‍पादों का उपयोग करने का प्रयोग एक स्‍वागत योग्‍य कदम है। मिट्टी के बर्तनों के बाजार का अभाव होने के कारण देश के कुम्‍हारों को अपनी जीविका चलाने के लिए अन्‍य छोटे कार्यों को अपनाना पड़ रहा है। इसमें बड़ी संख्‍या में कामगार लगे हुए हैं।
केवीआईसी ने कुम्‍हार समुदाय को सशक्‍त बनाने के लिए पिछले वर्ष कुम्हार सशक्तिकरण योजना शुरू की थी और पत्‍थरों के पुराने चाकों के स्‍थान पर 10,000 इलेक्ट्रिक चाकों का वितरण किया था। देश के 400 रेलवे स्‍टेशनों की जरूरतों की पूर्ति के लिए केवीआईसी ने इस वर्ष देशभर में 30,000 इलेक्ट्रिक चाक वितरित करने की योजना बनाई है। इन इलेक्ट्रिक चाकों की मदद से प्रतिदिन लगभग 2 करोड़ कुल्‍हड़ तैयार किए जाएंगे। इससे न केवल संबंधित क्षेत्र के कुम्‍हार समुदाय का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा, बल्कि पर्यटकों की अच्‍छी सेहत बनाए रखने में भी मदद मिलेगी, यही नहीं ट्रैवल एवं पर्यटन उद्योग को अनूठे भारतीय स्‍वाद का आनंद भी मिलेगा। केवीआईसी देश भर में कुम्‍हारों को सशक्‍त बनाने के लिए अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। केवीआईसी ने अकेले राजस्‍थान में वर्ष 2018 से लेकर अब तक 1500 से भी अधिक इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए हैं। जानकारी दी गई है कि केवीआईसी ने ‘कुम्‍हार सशक्तिकरण योजना’ के तहत अब तक लगभग 6000 कुम्‍हारों को आजीविका प्रदान की है।

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