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दादी के बाद पोती का भी गायिकी में जलवा

आशा और ज़नाइ भोसले के श्रीश्री रविशंकर पर गीत

पसंदीदा पकवान भी बनाती है ज़नाइ-आशा भोसले

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 22 August 2019 05:35:37 PM

asha bhosle & zanai bhosle and rajita kulkarni

मुंबई। अंधेरी पश्चिम मुंबई के प्रख्यात पंचम स्टूडियो में महान गायिका और पद्मविभूषण आशा भोसले की पोती ज़नाइ भोसले एवं गीतकार रजिता कुलकर्णी के साथ नए गीतों की घोषणा की गई। आध्यात्मिक और मानवतावादी गुरू श्रीश्री रविशंकर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इन गीतों की रचना की गई है। इस दौरान दो गानों की घोषणा की गई, जिनमें से एक गाना आशा भोसले ने और दूसरा गाना ज़नाइ भोसले ने गाया है। श्रीश्री रविशंकर को इन गानों के विषय में पता है? इस प्रश्न पर आशा भोसले ने कहा कि मैंने गुरूदेव से इन गानों पर अभी तक बात नहीं की है, लेकिन मैं उनसे कई बार मिल चुकी हूं, उनके अन्य सभी अनुयायियों की तरह मैं भी उनकी प्रिय हूं।
आशा भोसले से जब पूछा गया कि इन गानों का निर्णय क्यों लिया तो उन्होंने कहा कि सभी गाने रोमांस या प्यार के बारे में नहीं होते हैं, गानों में अन्य भावनाएं भी होती हैं, विशेष रूपसे वे जो हमें ईश्वर से जोड़ती हैं। आशा भोसले ने बताया कि यह गीत गुरुदेव के प्रति आभार गीत हैं और हमें ईश्वर से भी जोड़ते हैं। आशा भोसले ने दोनों गानों को संगीतबद्ध भी किया है। ज्ञात हो कि यह पहली बार नहीं है, कि जब ज़नाइ भोसले ने गाने में अपनी दादी का साथ दिया है, बल्कि इससे पहले भी वह कई देशों में उनके साथ कॉन्सर्ट कर चुकी है। ज़नाइ भोसले ने इस गाने पर अपनी दादी के प्रति प्यार व्यक्त करते हुए कहा कि हम देशभर में प्रोफेशनली परफॉर्म करते हैं, लेकिन जब हम घर वापस आते हैं, तो मेरी वही दादी बन जाती है जो मेरे लिए मेरे पसंदीदा पकवान बनाती है।
ज़नाइ भोसले का कहना है कि यह गीत मेरे दिल के बहुत करीब है। इस प्रतिभावान गायिका ने भी श्रीश्री रविशंकर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा है कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे उनके लिए गाने का मौका मिला। दादी-पोती की जोड़ी ने इस तरह अपने स्नेहपूर्ण बंधन को भी साझा किया है। आशा भोसले कहती हैं कि ज़नाइ मुझे बिल्कुल परेशान नहीं करती है, वो बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है और मुझे बहुत प्यार से खिलाती भी है। आशा भोसले बताती हैं कि ज़नाइ हमारी सभ्यता से बड़ी अच्छी तरह से वाकिफ है, वह हमारे पूरे परिवार को एक साथ बांधती है। उन्होंने जानकारी दी कि ज़नाइ सात साल की आयु से ही भारतीय शास्त्रीय नृत्य और शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लेती आई है और अब वह पश्चिमी ओपेरा भी गाती है। आशा भोसले ने बताया कि ज़नाइ अभी वास्तव में केवल सत्रह वर्ष की है और संगीत प्रशिक्षण के साथ अच्छे से अपनी पढ़ाई भी कर रही है।

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