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पाकिस्तान के गले में कुलभूषण जाधव का फंदा

कुलभूषण को रिहा करे या काउंसलर एक्सेस दे, क्या करे?

अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले से हुआ पाकिस्तान बेनकाब

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 July 2019 11:48:17 AM

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट यानी आईसीजे के फैसले पर संसद में बयान दिया और कहा कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को तुरंत रिहा करना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि 15-1 से इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने भारत के इस दावे को सही ठहराया कि पाकिस्तान कई मामलों में वियना कन्वेंशन का उलंघन कर रहा है। आईसीजे ने निर्देश दिया है कि पाकिस्तान बिना देरी के भारतीय दूतावास के अधिकारियों को वियना कन्वेंशन के अनुसार उनसे मिलने दे। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से एक बार फिर पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव को रिहा करने की मांग करेंगे।
कुलभूषण जाधव को बचाने में जुटी भारत सरकार को बड़ी जीत हासिल हुई है। आईसीजे ने जासूसी के आरोपों में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है, साथही पाकिस्तान को विएना समझौते का पालन नहीं करने पर फटकार भी लगाई है। आईसीजे पाकिस्तान को आदेश दिया है कि भारतीय राजनयिकों को कुलभूषण जाधव से मिलने की इजाजत दी जाए। गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव की रिहाई और कांसुलर एक्सेस को लेकर भारत सरकार ने और भी कई माध्यमों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव डाला। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आईसीजे के फैसले के बाद कहा कि वियना कन्वेंशन पर भारत का रुख साफ है, भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए काउंसलर एक्सेस मिल गई है। उन्होंने कहा कि आईसीजे में जाने का फैसला भारत का एकदम सही साबित हुआ है।
पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश सचिव एज़ाज़ अहमद चौधरी ने 25 मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बारे में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को सूचित किया था। पाकिस्तान ने भारत की इस बात का जवाब भी अबतक नहीं दिया कि आखिर गिरफ्तारी के बारे में भारतीय उच्चायुक्त को सूचित करने में उसे तीन हफ्ते का समय क्यों लग गया। इसके बाद भारत ने 8 मई 2017 को पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे से संपर्क किया। भारत ने पाकिस्तान पर काउंसलर एक्सेस न देकर वियना कन्वेंशन 1963 के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भारत ने पाकिस्तान पर वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 (1) (बी) के उल्लंघन का भी आरोप लगाया, जिसमें पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद बिना देरी के भारत को सूचित किया जाना था।

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