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'कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि'

मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए शुरु ‌किए 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल'

दक्षता उन्नयन और कृषि तकनीकी प्रसार का एक अनूठा कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 10 June 2019 03:21:27 PM

chief minister yogi launches farmers school

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के एजेंडे पर कार्य कर रही है और अन्नदाता किसानों के परिश्रम, राज्य सरकार के समग्र प्रयास तथा केंद्रीय योजनाओं को योजनाबद्ध ढंग से लागू करने से राज्य की धरती सोना उगल रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के किसान पाठशाला के चतुर्थ संस्करण ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल 3.0’ का शुभारंभ किया और कहा कि द मिलियन फार्मर्स स्कूल एक अभिनव कार्यक्रम है, जिसमें अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जागरुकता कार्यशालाएं संचालित की जाती हैं, इसमें किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक से परिचित कराकर कम लागत में अधिक उत्पादन की तरीकों के बारे में बताया जाता है। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं किसानों तक ईमानदारी से पहुंचे, इसके लिए जागरुकता जरूरी है और किसान पाठशाला इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प को साकार करने में प्रदेश के किसानों की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया है, किसानों को बड़े पैमाने पर स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सरलीकरण किया गया है, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया है और इस वर्ष के अंत तक 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों से सीधे उनकी उपज खरीदने के साथ ही आरटीजीएस के माध्यम से 72 घंटे के अंदर सीधे उनके खाते में भुगतान कर रही है। उन्होंने कहा कि गन्ना प्रदेश की महत्वपूर्ण कैश क्रॉप है, यह किसानों की आय का बड़ा साधन है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2 वर्ष में गन्ना किसानों को 68500 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है और अब राज्य में चीनी मिलें बंद नहीं होंगी, इसके लिए कोजेन चीनी मिलें एवं डिस्टलरियां बनाई जा रही हैं, गन्ने से आवश्यक मात्रा में चीनी उत्पादन के पश्चात अवशेष गन्ने से एथनॉल बनाया जाएगा, जिससे गाड़ियां संचालित होंगी, इस तरह की 3 चीनी मिलें तैयार हो रही हैं, आगे और भी चीनी मिलें इसी प्रकार विकसित की जाएंगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने मंडी अधिनियम में व्यापक संशोधन कर कृषकों के लिए बाजार को और व्यापक बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में मंडियों का प्रबंधन भी किसानों द्वारा ही किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रगतिशील किसान भारत भूषण त्यागी और रामशरण वर्मा को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है, यह किसान अन्य किसानों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे अनेक प्रगतिशील किसान हैं, जिन्हें सामने लाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से अपील की कि प्रदेश के सभी जनपदों में प्रगतिशील किसानी करने वाले किसानों को आगे लेकर आएं, इससे सभी किसानों को प्रेरणा मिलेगी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि किसान पाठशाला के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों के शोध को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है, अबतक किसान पाठशाला के हर संस्करण में 10 लाख से अधिक किसानों को खेती की तकनीकों के बारे में जागरुक किया गया है। इस दौरान किसानों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने, लागत कम करने सहित केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, उद्यान और पशुधन के विकास के सम्बंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग का कर्मचारी किसान के खेत तक पहुंच रहा है, यह विभाग की कार्यसंस्कृति में बड़ा बदलाव है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबल बुक कृषि कुम्भ-2018 तथा किसान पाठशाला के चतुर्थ संस्करण द मिलियन फार्मर्स स्कूल 3.0 की पत्रिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कृषि विभाग की प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान, उद्यान मंत्री दारासिंह चौहान, जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव गन्ना, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष डॉ विकास गुप्ता तथा कृषि विशेषज्ञ एवं कृषक उपस्थित थे। कृषि राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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