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राहुल गांधी का बयान शर्मनाक-भाजपा

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लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं का आचरण बेहद संदिग्ध है और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री राहुल गांधी ने अमरीकी राजदूत के साथ भारत के आंतरिक मामलों में जिस तरह की गैर जिम्मेदाराना बात की वह देश की एकता और सुरक्षा के लिए भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा है कि देश के बारे में राहुल गांधी का ज्ञान उनकी कमियों और अपरिपक्वता को दर्शाता है, उनकी राजनैतिक अकुशलता और नासमझी को भी यह एक प्रमाण है।

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यह क्षोभ का विषय है कि संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरू को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद कांग्रेस उसे फांसी से बचा रही है और मुम्बई आतंकी हमले में पकड़े गए अजमल कसाब की सजा को गंभीरता से न लेकर उस पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह का बयान सोची समझी रणनीति के तहत है क्योंकि इस प्रकार के बयानों से जहां तुष्टीकरण करके एक वर्ग विशेष का वोट बैंक अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं मंहगाई भ्रष्टाचार, कुशासन और कांग्रेस के शासन में हुए घोटालों से आम जनता का ध्यान हटाने के लिये इस प्रकार के वक्तव्य दिए गए हैं। उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बारे में विकीलीक्स के रहस्योद्घाटन का जिक्र किया और राहुल गांधी के हिंदुओं को आतंकी कहने वाले बयान को शर्मनाक बताया। शाही ने कहा कि राहुल गांधी को अपने इस वक्तव्य के लिए देश से मांफी मांगनी चाहिए।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्र ने कहा है कि अमेरिकी राजदूत ने राहुल गांधी से लश्कर-ए-तैयबा से भारत को खतरा के बारे में पूछा था, जिस पर राहुल ने जवाब में देश को हिंदू आतंकवाद से बड़ा खतरा बताया। मनोज मिश्र ने कहा कि इस तरह राहुल गांधी एवं उनकी कांग्रेस आखिर किसे संतुष्ट करना चाहती है? राहुल गांधी को टिमोथी जे रोमर से बातचीत का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करना चाहिए और अन्य किन विदेशी राजनयिकों से उनकी क्या-क्या बातें हुईं और होती हैं इसकी जानकारी भी देश के समक्ष आनी चाहिए। विकीलीक्स के खुलासे से जाहिर होता जा रहा है कि देश के अंदर कांग्रेस साम्प्रदायिकता की राजनीति कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी हिंदू आतंकवाद की बात करते हैं तो दूसरी तरफ सन् 2006 में इन्हीं खुलासों में भारत को साम्प्रदायिक सौहार्द के मामले में बेजोड़ बताया है। डॉ० मिश्र ने प्रश्न किया कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं?

डॉ मिश्र ने बताया कि विकीलीक्स के खुलासों से यह बात सिद्ध होती है कि मुम्बई हमलों के बाद कांग्रेस ने धर्म की राजनीति खेली है। कांग्रेस के अंतुले और बाद में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी शहीद हेमन्त करकरे की शहादत को मालेगांव से जोड़ने की बात कहकर अपना और अपने दल के एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिये सोचा समझा बयान दिया था। डॉ मिश्र ने नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने की राहुल की बातचीत को निहायत गैर जिन्मेदाराना और निंदा के योग्य माना है। सभी गुजरात के विकास की चर्चा कर रहे हैं। गुजरात की जनता भी कांग्रेस को ठुकरा चुकी है और मोदी को भारी समर्थन दे चुकी है। इसलिए राहुल गांधी का नरेन्द्र मोदी के बारे में दिया बयान गुजरात के मतदाताओं के साथ-साथ देश के विकास के समर्थकों का अपमान भी है।

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