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भीमराव अम्बेडकर को याद किया गया

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भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि

नई दिल्ली/लखनऊ। संविधान निर्माता, भारत रत्न, डॉ भीमराव अम्बेडकर का देशभर में 54वां परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। कृतज्ञ राष्ट्र ने उन्हें बेहद आदर और सम्मान के साथ याद किया। नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल, उपराष्ट्रपति डॉ हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित अनेक नेताओं ने अम्बेडकर की प्रतिमा पर फूलमालाएं चढ़ाकर उन्हें अपनी औरराष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।

लखनऊ में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती, बीएसपी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और सर्वसमाज के सभी वर्गों के लोगों ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्यमंत्री मायावती ने डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर उनकी प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। इसके पश्चात अम्बेडकर पार्क पहुंचकर उनकी मूर्ति का अनावरण करते हुए पार्क का लोकार्पण किया।

मायावती नेडॉ भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1, खण्ड-2, खण्ड-3, खण्ड-4, डॉ भीमराव अम्बेडकर गोमती बुद्ध विहार पार्किंग स्थल, डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल के लिए नवीनीकृत गोमती ब्रिज, डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल के लिए ओवर ब्रिज और डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल के प्रशासनिक भवन-2 का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने डॉ भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1 में बाबा साहेब की चहुंमुखी प्रतिमा का अनावरण भी किया। उन्होंने लखनऊ नगर के गोमती बैराज से लक्ष्मण मेला मैदान मार्ग पर गोमती नदी के बन्धे पर निर्मित मान्यवर कांशीरामजी सेतु, लखनऊ में गोमती नगर में हेनीमैन चौराहे के पास पूर्वोत्तर रेलवे के सम्पार संख्या-2 एएमएल पर निर्मित गौतम बुद्ध सेतु, आगरा नगर में प्राचीन स्ट्रैची रेलवे पुल के निकट निर्मित डॉ अम्बेडकर सेतु और गाजियाबाद शहर में गाजियाबाद-सहारनपुर मार्ग पर एल्ट सेन्टर के निकट रेल सम्पार संख्या 4-सी पर निर्मित रेल उपरगामी सेतु का भी लोकार्पण किया।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए इन मौकों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सदियों से गैरबराबरी वाली जातिवादी व्यवस्था का शिकार रहे दलित और शोषित समाज को आत्म सम्मान के साथ जीने का अधिकार बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर ने ही दिलाया था, उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के लिए संविधान में आरक्षण का प्राविधान करके इन वर्गों के शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की शुरूआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बाबा साहेब के इस मिशन को दृष्टिगत रखते हुए अपना हर फैसला 'सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय' की नीति पर लेती है। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़े वर्गों को आज शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में जो आरक्षण की सुविधा मिली है, यह किसी और महापुरूष या पार्टी की देन नहीं, बल्कि बाबा साहेब की ही देन है जिन्होंने भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता के आधार पर रचना करके समाज के सभी धार्मिक मतावलम्बियों को बराबरी का मौका दिया।

मायावती ने कहा कि बाबा साहेब के कार्यों को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से लखनऊ में डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, डॉ भीमराव अम्बेडकर विहार, डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डॉ भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिम्ब स्थल और सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय और जनसुविधा परिसर की स्थापना करायी गयी। बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना शुरू की गयी है। डॉ अम्बेडकर निःशुल्क बोरिंग योजना और डॉ अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना शुरू किए जाने के अलावा उनकी सरकार ने उनके नाम पर अनेक योजनाएं चलाई हैं।

दिल्ली प्रदेश नेशनल पैंथर्स पार्टी ने भीमराव अम्बेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि कैंडल मार्च के रूप मेंदी। इस मौके पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बीएस साजन ने नेशनल दलित मोर्चा औरएंड्रूजगंज स्लम सोसाइटी, फेडरेफॉर सेपरेट स्टेट्स के साथ मिलकर प्रधानमंत्री और दिल्ली कीमुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।राष्ट्रीय दलित मोर्चा के महासचिव अशोक कुमार और स्लम सोसाइटी की अध्यक्ष रामवती ने अपनी सोसाइटी मेंशिक्षाप्राप्त कर रहे बच्चों के साथ कैंडल मार्च में हिस्सा लिया। फेडरेफॉर सेपरेट स्टेट्स के अध्यक्ष बाबा रामकिन तोमर ने भीमार्च में हिस्सा लिया।कैंडल मार्च में पीसीमेहता,विनोद सिन्हा, राजीव खोसला, सुनीताचौधरी, ओम किन, अजीतसिंह, छतरसिंह, प्रेमसिंह, प्रीतपालसिंह, विमल धारीवाल, कुलदीप वर्मा, मुरली, सरदार बाजसिंह, अनिल कुमारर्मा,तूफानसिंह औरअमित कुमार ने मार्च में हिस्सा लिया।

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