कहा कि स्कूल की छवि बिगाड़ने की कोशिश हुई स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
देहरादून। सेलाकुई इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने अपने यहां एक छात्र के अभिभावक की शिकायत के  आधार पर क्रीड़ा अध्यापक को स्कूल से हटा दिया है। क्रीड़ा अध्यापक पर आरोप लगाया  गया था कि उसने छात्र के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया है। स्कूल प्रबंधन ने कहा  है कि इस घटना को लेकर स्कूल को बदनाम किया जा रहा है जबकि ऐसा किसी भी प्रकार का  स्कूल की नीति के विरूद्ध है और स्कूल प्रबंधन सदैव ऐसी घटनाओं के प्रति सजग रहता  है और स्कूल में स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए सतत् कार्य करता है। स्कूल प्रबंधन  ने स्कूल के बारे में मीडिया रिपोर्टों पर खेद प्रकट करते हुए उन्हें एक पक्षीय और  स्कूल की छवि बिगाड़ने की कोशिश बताया है। 
  सेलाकुई  इंटरनेशनल स्कूल के वाइस चेयरमैन (सेवानिवृत्त  मेजर जनरल) वसंत सिंह ने बृहस्पतिवार को  यहां के होटल मधुवन में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें उन्होंने इस घटना के  संबंध में स्कूल प्रबंधन का पक्ष रखा और कहा कि विगत कुछ दिनों में यहां के एक  छात्र के अविभावक अपार सिंह ने स्कूल के क्रीड़ा अध्यापक पर उनके पुत्र के साथ  मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था, स्कूल  प्रबंधन ने इस मामले को बड़ी गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी  अध्यापक को स्कूल से हटा दिया गया है। वसंत सिंह ने कहा है कि विगत कुछ दिनों से  कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए मीडिया में भ्रामक समाचार फैला रहे हैं जो कि  सही नहीं हैं, उनको बढ़ा-चढ़ा कर पेशकर संस्था को बदनाम करने का प्रयास किया गया  है, जबकि क्रीड़ा अध्यापक ने केवल दैहिक  सजा दी थी जो कि विद्यालय के नियमों के विरूद्ध है। इसी नियम के तहत विद्यालय ने  क्रीड़ा अध्यापक से तत्काल त्यागपत्र की मांग की,  और क्रीड़ा-अध्यापक ने उसी समय  अपना त्याग पत्र स्कूल को सौंप दिया। 
  वसंत  सिंह ने स्पष्ट किया कि इसके अतिरिक्त किसी भी अध्यापक ने किसी छात्र के साथ कोई  दुर्व्यवहार, शारीरिक शोषण, कोई प्रताड़ना का कृत्य नहीं किया है, जैसाकि छात्र के पिता के कथन के आधार पर कुछ समाचार  पत्रों में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्र के पिता अपार सिंह ने विद्यालय  में आकर इस संदर्भ में वाइस-चैयरमैन के साथ तीन बैठकें कीं और विद्यालय के  प्रधानाध्यापक व अन्य अध्यापकों को विद्यालय से निकालने की मांग की, उन्होंने विद्यालय प्रशासन को धमकाया भी कि यदि उनकी  मांग पूरी नहीं की गयी तो वे मीडिया और अन्य साधनों का प्रयोग करके विद्यालय को  बदनाम कर देंगे। वसंत सिंह ने कहा कि विद्यालय प्रशासन ने उन्हें इस घटना की जांच  का आश्वासन दिया, किंतु विद्यालय प्रशासन  को खेद है कि कुछ समाचार पत्रों ने अपार सिंह के कथन को ही सत्य मानकर उसे प्रकाशित  कर दिया। 
वसंत  सिंह ने अपने विद्यालय की व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि सेलाकुई इंटरनेशनल  स्कूल देहरादून, सेलाकुई में स्थित एक सर्वोत्तम  सह-शिक्षण सहित छात्रावास स्कूल है, जो  अक्टूबर 2002 से स्थापित है। स्कूल को सीआईएससीई (काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल  सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन) नई दिल्ली आईबीओ (इंटरनेशनल बैकलाउरेट ऑर्गनाइजेशन  जेनेवा) और आईसीएसई/आईएससी से मान्यता प्राप्त है और स्कूल कक्षा-10 और कक्षा-12 के  छात्रों को उनके निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा उपलब्ध कराता है। छात्रों  की इच्छानुसार उन्हें कक्षा-10 के बाद आईबीडी (इंटरनेशनल बैकलाउरेट डिप्लोमा)  प्रोग्राम के लिये पंजीकृत करते हुए उनको उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान की जाती है।  शिक्षण-सत्र 2012 से इस स्कूल में दो वर्षीय इंटीग्रेटेड गुरूकुल आईआईटी जेईई  प्रोग्राम आरंभ कराया गया है। यह स्कूल अंतर्राष्ट्रीय देशों से आये  छात्रों को उनकी आवश्यकतानुसार उनकी पारंपरिक  संस्कृति और भारतीय संस्कृति के अनुरूप शिक्षा और अन्य सभी सुविधाएं प्रदान कराता  है।
उन्होंने  कहा कि सेलाकुई विद्यालय के चेयरमैन ओम पाठक एक प्रतिष्ठित सेवा निवृत आईएएस ऑफिसर  हैं,साथ ही वह डीपीएस गाजियाबाद के चेयरमैन हैं और विगत वर्षो से पूर्ण छात्रावास  स्कूल चला रहे हैं। वह इस घटनाक्रम से बहुत आहत और दुखी हैं, उनके  अनुसार किसी भी प्रकार की दैहिक एवं शारीरिक सजा देना विद्यालय नियमों के विरूद्ध  है। वसंत सिंह ने समाज और छात्रों के अभिवावकों को विश्वास दिलाया है कि इस तरह की  घटनाओं को नजर अंदाज नहीं किया जायेगा और छात्रों के साथ किसी भी प्रकार की दैहिक  सजा के विरूद्ध, स्कूल प्रणाली के अनुसार संबंधित को दंडित किया जायेगा। प्रेस वार्ता में  वसंत सिंह के अलावा आरके तोमर प्रधानाध्यापक एवं जसबीर चौधरी उप प्रधानाध्यापक आदि  मौजूद थे।