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भारत और मिस्र की दोस्ती में नई जान

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Tuesday 19 March 2013 10:13:15 AM

dr. mohamed morsy and manmohan singh

नई दिल्ली। मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी के साथ बैठक के बाद भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि दोनों के बीच बहुत व्यापक और उपयोगी विचार विमर्श हुआ है, जो दोनों देशों के प्रगाढ़ और मैत्रीपूर्ण संबंधों की विशिष्ट प्रकृति को दर्शाता है। मिस्र के बेहद महत्वूपर्ण दौर में हुई उनकी भारत यात्रा दोनों के संबंधों में नई जान डालने तथा संपर्क और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि व्यापक सद्भावना, विश्वास तथा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों ने भारत और मिस्र के लोगों को जोड़ रखा है, दोनों देशों के बीच सशक्त और द्विपक्षीय संबंध और अंतर्राष्ट्रीय संबंध बनाने की आधारशिला रख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों इस बात पर सहमत हैं कि भारत और मिस्र में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, हमारी आर्थिक भागीदारी की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं, सूचना प्रौद्योगिकी, सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक्स, छोटे और मझौले उद्यम, विनिर्माण, उर्वरक और अक्षय ऊर्जा सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शुमार हैं, मिस्र की अफ्रीका और एशिया के बीच पुल समान स्थिति उसे प्रमुख वैश्विक व्यापार मार्ग बनाती है, कुशल मानव संसाधनों के साथ वह भारत के लिए व्यापार का एक आर्कषक स्थल है। हमारे बीच सामाजिक और आर्थिक विकास के कार्यक्रमों, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य की देखभाल में रचनात्मक भागीदारी बनाने पर भी सहमति बनी है, हमने रक्षा संबंधी आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है।
आज जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं वे दोनों संबंधों को नई गतिशीलता प्रदान करने की इच्छा को स्पष्ट रूप से जाहिर करते हैं। राष्ट्रपति मोरसी और भारत के प्रधानमंत्री के बीच विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर भी विचार-विमर्श हुआ। खाड़ी, पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीकी क्षेत्र में शांति और स्थिरता दोनों के हित में मानी गई। भारत ने फिलीस्तीन के मसले पर दृढ़ समर्थन व्यक्त किया और फिलीस्तीनी संगठनों में एकता कायम करने तथा काफी समय से लंबित मसले को सुलझाने के प्रयासों में मिस्र कीभूमिका की सराहना की गई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीरिया की बिगड़ती हालत पर भी चर्चा की गई और वहां जारी हिंसा तथा मासूमों की मौतों की निंदा की गई। दोनों इस बात पर सहमत हुए कि सभी मसलों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए तत्काल बातचीत किए जाने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन, भोजन और ऊर्जा सुरक्षा तथा आतंकवाद जैसी समान चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के महत्व पर बल दिया गया। विकासशील देशों को प्रभावित करने वाले मसलों पर प्रयासों में तेजी लाने तथा संयुक्त राष्ट्र जी-77 तथा गुटनिपेक्ष आंदोलन सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग और तालमेल बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने जनवरी, 2011 के बाद से मिस्र में जारी ऐतिहासिक राजनीतिक बदलाव के बारे में भी चर्चा की। मिस्र में लोकतंत्र के नये युग का सूत्रपात करने की दिशा में मिस्रवासियों के साहस और बलिदानों की सराहना की। राष्ट्रपति मोरसी के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है और अपने अनुभव उपलब्ध कराने की पेशकश की है, जबकि वे लोकतंत्र, सामाजिक न्याय तथा समावेशी आर्थिक विकास के लिए सशक्त संस्थानों और रूपरेखा बनाने में अपने राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं, मैं समझता हूं कि मिस्र का सफल परिवर्तन क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मॉडल साबित होगा।

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