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गीता ध्यान भवन अमर सत्य का प्रतीक-भाटकर

स्वामी विवेकानंद के स्वप्न‌ को साकार करने का अनोखा प्रयास

पुणे में विशाल श्रीमदभागवद् गीता ध्यान भवन का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 9 April 2019 02:41:26 PM

inauguration ceremony of shrimad bhagwad gita dnyan bhavan, mit pune

पुणे। पुणे के विश्वराजबाग के एमआईटी कैम्पस में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी और बौद्ध धर्मगुरुओं ने विशेष तौरपर आयोजित पवित्र यज्ञ में हिस्सा लिया और दुनिया के सबसे बड़े डोम में श्रीमदभागवद् गीता ध्यान भवन का उद्घाटन किया। पुणे के विश्वराजबाग में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी कैम्पस और विश्व का सबसे बड़ा डोम संत श्रीज्ञानेश्वर विश्व शांति प्रार्थना हॉल है, जहां विश्व शांति, आध्यात्मिकता और विज्ञान का यह अनोखा संगम हुआ। ध्यान भवन का उद्घाटन जाने-माने वैज्ञानिक, पद्म विभूषण और महाराष्ट्र भूषण डॉ विजय पी भाटकर ने किया, जो भारत की ओर से की गई राष्ट्रीय पहल सुपर कम्प्युटिंग के पुरोधा भी हैं।
श्रीमदभागवद् गीता ध्यान भवन की नींव कालजयी भारतीय परंपरा एकम् सत् विप्र बहुदा वेदांती पर रखी गई है, जिसका मतलब है कि सत्य सिर्फ एक है, लेकिन गुणीजन इसे भिन्न नामों से जानते हैं। इस अवसर पर पद्म विभूषण डॉ केएच संचेती, ऑर्थोपेडिक आरिफ़ मोहम्मद खान, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ फिरोज़ बख़्त अहमद, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के चांसलर डॉ बुधाजीराव मुलिक, कृषि विशेषज्ञ कलम किशोर कदम, महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षामंत्री दिलीप देशमुख, पुणे के ज्वाइंट चैरिटी कमिश्नर विट्ठलराव जाधव, पूर्व सांसद और शिक्षाविद् श्रीपाल सबनीस, मराठी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष और शिक्षाविद् प्रतापराव बोराडे, एचएच श्रीकृष्णा कर्वे गुरुजी, पंडित वसंतराव गाडगिल, स्पाइसर यूनिवर्सिटी के डॉ संजीव अरसुड, भांटे नागा घोष, ज्ञानी अमरजीत सिंह, डॉ आरएन शुक्ला, रामेश्वर शास्त्री, डॉ मेहर मास्टर मूस, डॉ इसाक मालेकर और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
गीता ध्यान भवन के उद्घाटन पर उच्च शिक्षाविद् यूनेस्को के सदस्य और वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष विश्वनाथ डी कराड ने 19वीं सदी‌ में स्वामी विवेकानंद के कथन कि 21वीं सदी में भारत दुनियाभर में विज्ञान का प्रमुख केंद्र कहलाएगा और शांति, आनंद का मार्ग दिखाते हुए भारत की पहचान विश्वगुरू के रूपमें होगी का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे में श्रीमदभागवद् गीता ध्यान भवन लोगों को एकजुट कर स्वामी विवेकानंद के स्वप्न‌ को साकार करने का एक अनोखा प्रयास है। डॉ विजय पी भाटकर ने कहा कि श्रीमदभागवद् गीता ध्यान भवन धार्मिक शास्त्रों में बताए गए अमर सत्य का प्रतीक है, ये ऐसे शास्त्र हैं, जो सिर्फ जीवन का ही मार्गदर्शन नहीं करते हैं, बल्कि विभिन्न धर्मों के रीति-रिवाज़ों के बारे में भी जानकारी प्रदान करते हैं। डॉ भाटकर आजकल भारत के लिए एक्सास्केल सुपर कम्प्युटिंग मिशन के विकास में व्यस्त हैं।

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