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राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया-मंत्रिमंडल

अनंत कुमार के निधन पर केंद्रीय कैबिनेट में शोक व्यक्त

कर्नाटक में भाजपा के लोकप्रिय लीडर थे अनंत कुमार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 13 November 2018 06:34:19 PM

expressing condolences on the death of ananth kumar

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा संसदीयकार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है, जिनका कल बेंगलूरू में देहांत हो गया था। कैबिनेट की विशेष बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि उनके निधन से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार और समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। कैबिनेट ने दिवंगत नेता की स्मृति मे दो मिनट का मौन रखा और शोक प्रस्ताव पारित किया गया। कैबिनेट ने कहा है कि उनकी असामयिक मृत्यु से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया है, कैबिनेट समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।
अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलूरू में हुआ था। उन्होंने कर्नाटक विश्वविद्यालय हुबली से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक उपाधि और कर्नाटक विश्वविद्यालय के अंतर्गत जेएसएस लॉ कॉलेज से कानून में उपाधि प्राप्त की। अनंत कुमार ने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूपमें अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की, बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और भाजपा की कर्नाटक शाखा के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्ररी बने। वे कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष भी हुए और उनके नेतृत्व से कर्नाटक राज्य में भारतीय जनता पार्टी का विस्तार हुआ, भाजपा ने अंततः स्वयं के बलबूते पर सरकार बनाई। वे भाजपा केराष्ट्रीय महासचिव थे और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य सचिव थे। अनंत कुमार एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता थे और वे अपने स्वयंसेवी संगठनों के जरिए अनेक सामाजिक सेवा परियोजनाओं का संचालन करते थे।
अनंत कुमार 1996 में बेंगलूरू साउथ से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। वर्ष 1998 में जब वे दूसरी बार सांसद बने तो अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट में वे सबसे युवा मंत्री थे और और उन्हें नागर विमानन विभाग दिया गया था। उन्होंने लोकसभा की प्रतिष्ठित बेंगलूरू साउथ सीट से जीवन के अंतिम दिन तक छह बार प्रतिनिधित्व किया। अनंत कुमार ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में पर्यटन मंत्री, संस्कृति, युवा मामले और खेल, शहरी विकास और गरीबी उपशमन, ग्रामीण विकास मंत्री के रूपमें काम किया। वे कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य भी रहे।
अनंत कुमार के सामाजिक सेवा कार्यक्रमों में सरकार की मदद से उपेक्षित स्कूली बच्चों को पौष्टिक मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराना, बेंगलूरू की तंग बस्तियों में विभिन्न स्कूलों के लिए ऐसी मोबाइल यूनिट का संचालन करना जिसमें शैक्षिक उपकरण लगे होते थे, सरकारी स्कूलों को गोद लेना ताकि उनमेंपेयजल और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें तथा उपेक्षित वर्गों, विशेषकर लड़कियों और महिलाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन जैसे कार्यक्रम सदा याद किए जाएंगे। उन्होंने ग्रीन बेंगलूरू 1:1 अभियान शुरू किया, जिसका लक्ष्य 1 करोड़ पौधे लगाते हुए बेंगलूरू का हरित क्षेत्र बढ़ाना था। शोक प्रस्ताव में कैबिनेट ने अनंत कुमार की राष्ट्र के प्रति सेवाओं की सराहना की।

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