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बाबासाहेब के आंदोलन का अगुवा बना लक्ष्य

बहुजन समाज एक हो और शोषण का सामना करे-लक्ष्य

सिद्धार्थनगर में लक्ष्य कैडर कैम्प में हुई बड़ी भागीदारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 17 October 2018 05:52:50 PM

siddhartha nagar, lakshy cadre camp

कानपुर। भारतीय समन्वय संगठन लक्ष्य एक तरह से बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के सामाजिक उत्‍थान आंदोलन का अगुवा बन रहा है। लक्ष्य के कार्यक्रमों में जमीनी स्तरपर बहुजन समाज के सभी वर्गों की विशाल भागीदारी देखकर तो ऐसा ही लगता है। लक्ष्य की कानपुर टीम ने लक्ष्य के बहुजन जनजागरण अभियान के तहत कानपुर जिले के सिद्धार्थनगर में एक कैडर कैम्प का आयोजन किया। लक्ष्य कमांडरों ने इस अवसर पर बहुजन समाज का आह्वान किया कि वह सामाजिक उत्‍थान के लिए बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के आंदोलन को ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाएं। उन्होंने अफसोस जताया कि बहुजन समाज के लोग ही आज भी बाबासाहेब के आंदोलन संदेश को अपने जीवन में लागू नहीं कर रहे हैं, परिणामस्वरूप संविधान में बहुजन समाज के लिए जो अधिकार हैं, उनका लगातार हनन हो रहा है और हमारे समाज के लोग चुपचाप इसे होता देख रहे हैं। लक्ष्य कमांडरों ने बेटियों की शिक्षा और सामाजिक ‌कुरीतियों को त्यागने पर जोर दिया।
लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम, रचना कुरील और विजयलक्ष्मी गौतम ने सामाजिक विकास और उसमें बाधाओं की चर्चा करते हुए कहा कि आज भी बहुजन समाज की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में कोई बहुत बड़ा सुधार नहीं दिखाई देता है और अगर समाज के कुछ लोगों का आर्थिक सुधार हुआ भी है तो उसके लिए बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने याद दिलाया कि आज जो भी अधिकार बहुजन समाज की महिलाओं और बहुजन समाज के लोगों को मिले हैं, वह केवल और केवल बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की वजह से ही मिले हैं, बाबासाहेब ने बहुजन समाज के लोगों को संदेश दिया था मैं इस कारवां को विपरीत परिस्थिति में बड़ी मुश्किल से बहुजन समाज के कल्याण तक लेकर आया हूं, अगर हो सके तो इसको आगे ही लेकर जाना, लेकिन किसी भी हालत में इसे पीछे नहीं जाने देना।
लक्ष्य कमांडर रागनी चौधरी, मुन्नी बौद्ध और मालती कुरील ने तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध मानवता के प्रतीक हैं, जहां अंधविश्वास और भेदभाव का दलदल नहीं है। उन्होंने बहुजन समाज से और विशेषतौर से महिलाओं से अपील की कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए तथागत गौतम बुद्ध की वैज्ञानिक सोच अपनाएं और अंधविश्वास के जंजाल से बाहर निकलें। उन्होंने उदाहरण दिया कि जिन्होंने भी तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारा है, उनके जीवन में उजाला दिखाई दिया है। लक्ष्य कमांडर प्रतिभा राव, अनीता गौतम और सुमिता संखवार ने बहुजन समाज की एकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस समाज में एकता नहीं होती है, उस समाज को हर प्रकार के शोषण का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज भी बहुजन समाज के लोगों के साथ अमानवीय घटनाएं हो रही हैं और अपवाद को छोड़कर कहीं से कोई आवाज़ नहीं आती है, जिसका एक ही कारण है कि हम लोगों में एकता नहीं है, इससे दूषित मानसिकता वाले बहुजन समाज का शोषण कर रहे हैं और हमारे समाज के चतुर नेता भी उसमें शामिल हैं।
लक्ष्य कमांडर मधुलता, शांति अम्बेडकर और शशिलता ने बालिकाओं की शिक्षा पर जोर दिया और बहुजन समाज के लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को अवश्य शिक्षित करें। उन्होंने कहा कि बेटियों की शिक्षा से ही बहुजन समाज का सम्पूर्ण विकास हो पाएगा। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज अशिक्षा और शोषण की जड़ों को उखाड़ फेंके। समाजसेवी रामसिंह यादव ने बहुजन भाईचारे की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें जातियों की दीवारों को तोड़ना होगा और एक मजूबत बहुजन भाईचारा बनाना होगा। उन्होंने लक्ष्य टीम के सामाजिक कार्यो की प्रशंसा की और ख़ुशी जाहिर की कि लक्ष्य महिलाओं को समाज के नेतृत्व के लिए तैयार कर रहा है, जिसके कार्य भी जमीन पर दिखाई दे रहे हैं। कैडर कैंप में बड़ी संख्या में बहुजन समाज की महिलाओं, लड़कियों, युवकों और पुरुषों ने भाग लिया और लक्ष्य के सामाजिक सुधार आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प व्यक्त किया।

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