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'तेल उत्पादक देशों के बीच सहयोग अत्यंत जरूरी'

प्रधानमंत्री का वैश्विक विशेषज्ञों व सीईओ से गहन विचार-विमर्श

'कच्चे तेल के बढ़ते मूल्यों से उपभोक्ता देशों को भारी किल्लत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 16 October 2018 05:09:47 PM

pm narendra modi meeting with international experts and ceo of oil and gas sector

नई दिल्ली। तेल और गैस क्षेत्र के भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और सीईओ ने कारोबार में सुगमता, विशेषकर भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र सरकार के चार वर्ष में विभिन्न कदमों की सराहना की। विशेषज्ञों ने अपतटीय निवेश की दृष्टि से भारत की प्रतिस्पर्धी रैंकिंग में सुधार का उल्लेख किया जो 56वीं रैंकिंग से सुधरकर अब 44वीं रैंकिंग हो गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ अनेक विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें भारत में तेल व गैस क्षेत्र से जुड़े बुनियादी ढांचे का विस्तार करना, खोज एवं उत्पादन का दायरा बढ़ाना, सौर ऊर्जा एवं जैव ईंधनों में संभावनाएं ढूंढना और ऊर्जा क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की समग्र अवधारणा भी शामिल हैं।
तेल और गैस क्षेत्र के भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने नरेंद्र मोदी सरकार की इस तरह के संवाद की अनूठी पहल की सराहना की, क्योंकि इसकी बदौलत विभिन्न हितधारकों को नीतिगत विषयों पर एकजुट होने का मौका मिला। ऊर्जा क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने तेल एवं गैस बाज़ार में भारत की उल्लेखनीय हैसियत पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि तेल बाज़ार का संचालन उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है और इसकी मात्रा एवं मूल्य दोनों का ही निर्धारण तेल उत्पादक देश करते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो पर्याप्त उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन तेल क्षेत्र में विपणन के लिए अपनाए जाने वाले अनूठे तरीकों के कारण तेल के मूल्य बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री ने अन्य बाज़ारों की तर्ज पर तेल बाजार में भी उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच साझेदारी सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे बेहतरी के मार्ग पर अग्रसर वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी। उन्होंने भारत के लिए प्रासंगिक माने जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों की ओर विशेषज्ञों का ध्यान आकृष्ट किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर रोशनी डाली कि कच्चे तेल के बढ़ते मूल्यों के कारण उपभोक्ता देशों को संसाधनों की भारी किल्लत सहित कई अन्य आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस खाई को पाटने के लिए तेल उत्पादक देशों के बीच सहयोग अत्यंत जरूरी है। उन्होंने तेल उत्पादक देशों से अपनी निवेश योग्य अधिशेष राशि को विकासशील देशों के तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक दोहन में लगाने का अनुरोध किया। नरेंद्र मोदी ने उत्खनन अथवा खोज क्षेत्र का दायरा बढ़ाने का अनुरोध किया और इसके साथ ही विकसित देशों से प्रौद्योगिकी एवं विस्तार दोनों ही क्षेत्रों में सहयोग करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैस वितरण में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी का उल्लेख करते हुए उन क्षेत्रों में सहायता देने का अनुरोध किया, जहां उच्च दबाव एवं उच्च तापमान से जुड़े तकनीकी अनुप्रयोगों को प्राकृतिक गैस के वाणिज्यिक दोहन के लिए प्रासंगिक माना जाता है। उन्होंने भुगतान की शर्तों की समीक्षा करने का अनुरोध किया, ताकि स्थानीय मुद्रा को अस्थायी राहत मिल सके। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में अपनी सरकार की विभिन्न नीतिगत पहलों और विकास संबंधी विभिन्न उपायों का उल्लेख किया। उन्होंने गैस के मूल्य निर्धारण और विपणन में उदारीकरण पर प्रकाश डाला, क्योंकि विशेषकर इस मोर्चे पर भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इसके लिए उच्च दबाव तथा उच्च तापमान पर दोहन से जुड़ी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पड़ती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुली रकबा लाइसेंसिंग नीति, कोल बेड मिथेन का जल्द मुद्रीकरण करने, छोटे क्षेत्रों की खोज के लिए प्रोत्साहन देने और राष्ट्रीय स्तरपर भूकंपीय सर्वेक्षण किए जाने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने फिलहाल जारी वाणिज्यिक दोहन या उपयोग की चर्चा करते हुए विशेषकर उत्पादन साझेदारी अनुबंधों का विस्तार किए जाने का उल्लेख किया। इस अवसर पर सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री, विभिन्न संगठनों जैसेकि सऊदी अरामको, एडनॉक, बीपी, रोजनेफ्ट, आईएचएस मार्किट, पॉयनियर नेचुरल रिसोर्सेज कम्पनी, एमरसन इलेक्ट्रिक कम्पनी, तेलुरियन, मुबादाला इन्वेस्टमेंट कंपनी, श्लमबर्गर लिमिटेड, वुड मैकेंजी, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, एनआईपीएफपी और ब्रुकिंग्स इंडिया के सीईओ एवं विशेषज्ञ, तेल एवं गैस की खोज, उत्पादन तथा विपणन में संलग्न भारतीय कंपनियों के सीईओ, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, केंद्र सरकार एवं नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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