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भारत की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध-राज्यमंत्री

राष्ट्रीय संग्रहालय के दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों का लोकार्पण

संग्रहालय रिसर्च बुलेटिन का प्रकाशन 16 वर्ष बाद हुआ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 18 September 2018 02:36:54 PM

minister of state for culture dr. mahesh sharma releasing a book

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा ने संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय संग्रहालय के दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों-सिंधु घाटी सभ्यताः एक परिचय (हिंदी) और राष्ट्रीय संग्रहालय रिसर्च बुलेटिन संख्या 10: विशेषांक का लोकार्पण किया। संस्कृति राज्यमंत्री ने इस अवसर पर रिसर्च बुलेटिन को पुर्नजीवित करने के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय को बधाई दी और कहा कि इससे राष्ट्रीय संग्रहालय के गतिविधियों के बारे में जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। डॉ महेश शर्मा ने कहा कि यद्यपि भारत विविधताओं वाला देश है, लेकिन भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण एकजुट है। उन्होंने कहा कि भारत के अतीत के बारे में निरंतर रूपसे खोज हो रही है और इतिहास में नए अध्याय जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन अध्यायों को लोगों, विशेषकर युवाओं के समक्ष लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में राष्ट्रीय संग्रहालय की बड़ी भूमिका है।
राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ बीआर मणि ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में राष्ट्रीय संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लोग रिसर्च बुलेटिन से नए ढंग से दिलचस्पी लेंगे और उन्हें संवाद की प्रेरणा भी मिलेगी। राष्ट्रीय संग्रहालय रिसर्च बुलेटिन संख्या 10: इस विशेषांक में अनेक शोध पत्र हैं, जो राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्रहण, प्रदर्शन और शिक्षा के पहलुओं को दिखाते हैं। रिसर्च बुलेटिन में रंगीन चित्रों के माध्यम से व्याख्या की गई है, कुछ रंगीन चित्र राष्ट्रीय संग्रहालय के आरक्षित संग्रह से जुड़े हैं, इस तरह बुलेटिन अधिक से अधिक लोगों के लिए आकर्षक है। राष्ट्रीय संग्रहालय रिसर्च बुलेटिन का प्रकाशन 16 वर्ष के अंतराल के बाद किया गया है। महानिदेशक डॉ बीआर मणि बुलेटिन के मुख्य संपादक हैं। सिंधु घाटी सभ्यताः एक परिचय ‘एन इंट्रोडक्शन टू इंडस वैली सिविलाईजेशन’ का हिंदी संस्करण है।
राष्ट्रीय संग्रहालय में ‘एन इंट्रोडक्शन टू इंडस वैली सिविलाईजेशन’ पुस्तक की काफी बिक्री है, इसके सहलेखक हैं उप अधीक्षण पुरातत्ववेत्ता एएसआई डॉ संजीव श्रीवास्तव और हिंदी अनुवादक राष्ट्रीय संग्रहालय राजेश कुमार। यह पुस्तक सिंधु घाटी सभ्यता की भव्यता पर प्रकाश डालती है। यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण योगदान है, क्योंकि इस विषय पर अधिकतर कार्य अंग्रेजी भाषा में किए गए हैं और इससे भाषाई पाठकों को विशेष रूपसे लाभ मिलेगा। दोनों प्रकाशनों की बिक्री राष्ट्रीय संग्रहालय के स्वागत काउंटर पर की जाएगी और इससे आम जनता के साथ-साथ विद्यार्थी, विद्वान, कलाकार, इतिहासकार, संग्रहालय क्षेत्र के पेशेवर लोग और कला प्रेमी लाभांवित होंगे।

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