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गेहूं के जीनोम पर महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के इस दल में 18 वैज्ञानिक भारतीय हैं

अब किसी भी मौसम में गेहूं पैदा करने में मदद मिल सकेगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 19 August 2018 03:57:45 PM

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नई दिल्ली। वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने गेहूं के जटिल जीनोम को समझने में महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता प्राप्त की है। यह सफलता पाने वाले अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों में 18 भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं, जिनका इसमें उल्लेखनीय योगदान है। गौरतलब है कि गेहूं के जटिल जीनोम को समझना अभी तक बहुत जटिल और असंभव माना जा रहा था, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसपर भी सफलता प्राप्त करली है। इस जानकारी से उन जीनों की पहचान करने में मदद मिलेगी जो कि उत्पादन, अनाज की गुणवत्ता, बीमारियों और कीड़ों के प्रति प्रतिरोध के साथ-साथ सूखे, गर्मी, जलभराव एवं खारे पानी के प्रति गेहूं की सहनशीलता के लिए उत्तरदायी होते हैं।
विज्ञान एवं तकनीक मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि खाद्यान्न वाले गेहूं के जीनोम को समझने में मिली सफलता से मौसम की मार को सहन कर सकने योग्य गेहूं की प्रजातियों को विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को सीमित किया जा सकेगा। उन्होंने इस शोध में भाग लेने वाले भारतीय दल को बधाई देते हुए कहा कि इस खोज से यह प्रमाणित होता है कि किसी भी क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिक विश्व के श्रेष्ठतम वैज्ञानिकों से बराबरी करने में समर्थ हैं।
वैज्ञानिकों ने यह सफलता ऐसे समय हासिल की है, जब दुनिया में गेहूं की किल्लत होने की आशंका व्यक्त की जा रही है, भारी गर्मी पड़ने की वजह से रूस में भी गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ है और रूस ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है। वैज्ञानिक अब इस जानकारी के आधार पर गेहूं की अलग-अलग क़िस्मों के बारे अधिक जानकारी जुटा सकेंगे और उन्हें बेहतर बना सकेंगे। किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को इसके कई फ़ायदे हो सकते हैं, मिसाल के तौर पर वे फ़सल तैयार होने का समय कम कर सकते हैं, मौसम और जलवायु के अधिक अनुकूल नस्लें तैयार की जा सकती हैं और गेहूं का उत्पादन तो बढ़ाया ही जा सकता है।

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