स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत को निरोगी राष्ट्र बनाएं-प्रधानमंत्री

देहरादून में मनाया चौथा अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस

संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय एवं देशों में योग की धूम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 June 2018 12:28:35 PM

international yoga day in dehradun

देहरादून/ न्यूयॉर्क। भारतवर्ष ने आज सवेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देहरादून में चौथा अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया। इसीके साथ संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय न्यूयॉर्क और संयुक्तराष्ट्र के नेतृत्व में दुनिया के अनेक देशों ने अपने-अपने यहां निरोगी काया के लिए अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया। उल्लेखनीय है कि संयुक्तराष्ट्र ने मानव के हष्ट-पुष्ट और स्वस्‍थ जीवन के लिए भारतीय ऋषि-मुनियों के शानदार उत्तरदान शारीरिक योगाभ्यास को मान्यता प्रदान की है और यह संयुक्तराष्ट्र में अधिसूचित है एवं प्रत्येक वर्ष 21 जून को भारत सहित संयुक्तराष्ट्र के देश योग दिवस मनाते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इसका श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिन्होंने संयुक्तराष्ट्र में इसकी मान्यता की पहल की और आज यह आयोजन एक राष्ट्रीय पर्व का रूप ले चुका है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और योग गुरू बाबा रामदेव के साथ योग संस्‍थाओं, स्कूलों, खेल परिसरों, विभिन्न सरकारी गैरसरकारी परिसरों एवं सार्वजनिक स्‍थानों पर योगाभ्यास किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमालय की गोद में उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून में वन अनुसंधान संस्‍थान के मैदान में हजारों योगाचार्यों, योगियों, स्‍वयंसेवियों के साथ योग आसन अभ्‍यास में शामिल हुए। अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर पूरे विश्‍व में योग से जुड़े अनेक आयोजन योग के सबसे आदर्श समय प्रातःकाल किए गए। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर पूरे विश्‍व के योग के प्रति समर्पित और स्वस्‍थ जीवन के लिए उत्‍साही लोगों को बधाई दी और सबसे आग्रह किया कि वे स्वस्‍थ शरीर के लिए योगा अपनाएं और भारत को निरोगी राष्ट्र बनाएं। उन्होंने कहा कि योग प्राचीन भारतीय ऋषि-मुनि संतों का मानवमात्र को दिया गया मूल्‍यवान उपहार है। उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए शारीरिक अभ्‍यास नहीं है, यह स्‍वास्‍थ्‍य आश्‍वासन का पासपोर्ट है, तंदरूस्‍ती और सेहत की कुंजी है। उन्होंने कहा कि योग केवल सुबह में किया जाने वाला शारीरिक अभ्‍यास नहीं है, परिश्रम और संपूर्ण जागरुकता के साथ की जाने वाली दैनिक गतिविधियां भी योग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि असंयम विश्‍व में योग नियंत्रण और संयम का विश्‍वास है। उन्होंने कहा कि मानसिक तनाव से गुजर रही दुनिया में योग शांति प्रदान करता है, विचलित विश्‍व में योग ध्‍यान में सहायता करता है, भय के विश्‍व में योग आशा, शक्ति और साहस का विश्‍वास कराता है।
अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के पहले प्रधानमंत्री ने विभिन्‍न योग आसनों की जटिलताओं को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्‍होंने विश्‍व के अनेक स्‍थानों पर योग आसनकर रहे लोगों की तस्‍वीरें भी साझा कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड से दुनियाभर के योग प्रेमियों को चौथे अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मां गंगा की इस भूमि पर जहां चारधाम स्थित हैं, जहां आदिशंकराचार्य आए, जहां स्वामी विवेकानंद कई बार आए, वहां योग दिवस पर हम सभी का इस तरह एकत्रित होना किसी सौभाग्य से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड तो वैसे भी दशकों से योग का मुख्य केंद्र है, यहां ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून से लेकर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो तक, जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक योग ही योग है। उन्होंने कहा कि हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या फिर धूप से तपता रेगिस्तान, योग हर परिस्थिति में हर जीवन को समृद्ध कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस आपाधापी और तेज़ भागती ज़िंदगी में योग मन, शरीर, बुद्धि और आत्मा को जोड़कर व्यक्ति के जीवन में शांति लाता है, योग व्यक्ति, परिवार, देश-समाज और विश्व एवं संपूर्ण मानवता को जोड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख किया कि जब संयुक्तराष्ट्र में योग के लिए प्रस्‍ताव रखा गया तो यह पहला ऐसा प्रस्‍ताव था, जिसको दुनिया के सर्वाधिक देशों ने स्वीकार किया, ये पहला ऐसा प्रस्‍ताव था, जो यूएन के इतिहास में सबसे कम समय में स्‍वीकृत हुआ और योग को आज विश्‍व का हर नागरिक, विश्‍व का हर देश अपना मानने लगा है, भारत के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान विरासत के धनी हैं, हम उन महान परंपरा की विरासत को संजोय हुए हैं, जिसे संपूर्ण राष्ट्र सहर्ष मान्यता देते हैं। उन्होंने कहा कि आज योग दुनिया के सबसे शक्तिशाली एकीकृत बल में से एक बन गया है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों में, पार्कों में, खुले मैदानों में, सड़कों के किनारे, दफ्तरों में, घरों में, अस्पतालों में, स्कूलों में, कॉलेजों में, ऐतिहासिक विरासतों के सानिध्य में, योग के लिए जुटते सामान्य लोग, आप जैसे लोग विश्वबंधुत्व के भाव और वैश्विक मैत्री को ऊर्जा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग ने दुनिया को बीमारी से कल्याण का रास्ता दिखाया है, यही वजह है कि दुनियाभर में योग की स्वीकार्यता इतनी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कॉवेंट्री यूनिवर्सिटी और रैडबाउड यूनिवर्सिटी के अध्ययन में भी सामने आया है कि योग सिर्फ शरीर को आराम ही नहीं देता, बल्कि ये हमारे डीएनए में होने वाली उन आणविक प्रतिक्रियाओं को भी उलट सकता है, जो हमें बीमार करती हैं और डिप्रेशन को जन्म देती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के प्रति अपने अनुभवों को प्रदर्शित और व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हम आसन और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करते हैं तो हम अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ अनेक रोगों से अपना बचाव भी कर सकते हैं, नियमित योग का सीधा प्रभाव किसी भी परिवार के मेडिकल खर्चों को कम करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण की हर प्रक्रिया से, हर गतिविधि से जुड़ने के लिए हम सभी का स्वस्थ रहना आवश्यक है और निश्चित तौर पर इसमें योग की बड़ी भूमिका है, हमारा संकल्प है कि हम अपने भारत राष्ट्र को निरोगी बनाएं। उन्होंने कहा कि आज के दिन मेरा राष्ट्र से आग्रह है कि जो लोग योग के साथ जुड़े हैं, वो नियमितता लाएं और जो अब भी योग से नहीं जुड़ पाएं हैं, वो योग से जुडे़ं। उन्होंने कहा कि योग के बढ़ते प्रसार ने विश्व को भारत के और भारत को विश्व के ज्यादा निकट ला दिया है, हम सभी के निरंतर प्रयासों से आज योग को दुनिया में जो स्थान मिला है, वो समय के साथ और मजबूत होगा, स्वस्थ और खुशहाल मानवता के लिए योग को और अधिक विकसित करना हमारी जिम्मेदारी है। देहरादून के साथ देश के प्रदेशों की राजधानियों, नगरों, कस्बों और गांवों तक में योग दिवस मनाने के लगातार समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]