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'प्राथमिकता से आर्थिक असंतुलन निपटाएं'

नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में बोले मोदी

'भारत में क्षमताओं व संसाधनों की कोई कमी नहीं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 17 June 2018 04:25:48 PM

meeting of the governing council of the policy commission

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक में उद्घाटन टिप्पणियां की हैं। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों एवं शिष्टमंडलों का स्वागत करते हुए दोहराया कि शासी परिषद एक ऐसा मंच है, जो ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी, जो वर्तमान में देश के विभिन्न भागों को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शासी परिषद ने सहकारिता, प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के साथ टीम इंडिया के रूपमें अभिशासन के जटिल मुद्दों का समाधान किया है। उन्होंने जीएसटी के सुगम आरंभ एवं क्रियांवयन को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल लेनदेन एवं कौशल विकास जैसे मुद्दों पर उपसमूहों एवं समितियों के जरिए नीति निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इन उपसमूहों की सिफारिशों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने अपने यहां सम्मिलित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2017-18 की चौथी तिमाही में 7.7 प्रतिशत की स्वस्थ दर से बढ़ी है और अब चुनौती इस विकास दर को दो अंकों में ले जाने की है, जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि 2022 तक नए भारत का विजन अब हमारे देश के लोगों का एक संकल्प है। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने, आकांक्षापूर्ण जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, पोषण मिशन एवं महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के समारोहों सहित कई मुद्दों का उल्लेख किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत 1.5 लाख स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग 10 करोड़ परिवारों को प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख रुपये के बराबर का हेल्थ बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना, जनधन योजना एवं स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाएं बेहतर वित्तीय समावेश में सहायता कर रही हैं। उन्होंने प्राथमिकता देकर आर्थिक असंतुलनों से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव विकास के सभी पहलुओं एवं मानकों पर ध्यान दिए जाने एवं 115 आकांक्षापूर्ण जिलों में बेहतरी लाई जाने की भी आवश्यकता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक नए मॉडल के रूप में उभरकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी तक आकांक्षापूर्ण जिलों के 45,000 गांव में इसे विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा कि सात महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं उज्जवला, सौभाग्या, उजाला, जनधन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना एवं मिशन इंद्रधनुष में सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य लगभग 17,000 गांवों में अभी हाल में हासिल किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में क्षमताओं, सामर्थ्यों एवं संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष के दौरान राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हो रहे हैं, जो पिछली सरकार के अंतिम वर्ष की तुलना में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां एकत्रित समूह भारत के लोगों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि यहां एकत्रित लोगों की भी यह जिम्मेदारी है कि वे उनकी उम्मीदों को पूरी करने का हरसंभव प्रयास करें। इस दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मुख्यमंत्रियों एवं शिष्टमंडलों का स्वागत किया। विचार-विमर्शों का सभापतित्व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

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