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यूपी में नमामि गंगे कार्यक्रम की समीक्षा

गंगा की सहायक नदियों पर ध्‍यान दें-एनएमसीजी

'स्‍वच्‍छ गंगा हेतु प्रशिक्षित कार्यबल की जरूरत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 31 May 2018 06:12:18 PM

namami gange

लखनऊ। राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने उत्‍तर प्रदेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत विभिन्‍न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। राजीव रंजन मिश्रा ने उत्‍तर प्रदेश सरकार के मुख्‍य सचिव राजीव कुमार से गंगा संरक्षण के उद्देश्‍य से गठित की जाने वाली 26 जिला गंगा समितियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्‍चित करने का अनुरोध किया है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उत्‍तर प्रदेश में क्रियांवित की जा रही 30 सीवरेज परियोजनाओं की समीक्षा करने के दौरान एनएमसीजी ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से फिलहाल जारी 8-10 परियोजनाओं को दिसम्‍बर 2018 तक पूरा करने और शेष स्‍वीकृत परियोजनाओं पर जल्‍द से जल्‍द काम शुरू करने का अनुरोध किया है। उन्होंने उत्‍तर प्रदेश प्रशासन से मार्च 2019 तक 87 घाटों का मरम्‍मत, पुनर्वास और निर्माण कार्य पूरा करने को भी कहा है।
नमामि गंगे परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान इलाहाबाद में महाकुंभ मेला 2019 के लिए तैयारियों पर भी विस्‍तृत चर्चा हुई। राजीव रंजन मिश्रा ने महाकुंभ मेला शुरू होने से काफी समय पहले ही परियोजनाओं को क्रियांवित करने के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार से जैविक उपचार के जरिए इलाहाबाद के उन सभी 35 नालों की सफाई की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है, जिनका जुड़ाव गंगा नदी से है। एनएमसीजी ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से गंगा की सहायक नदियों पर ध्‍यान केंद्रित करने और मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, लखनऊ एवं जौनपुर के लिए प्रस्‍ताव भेजने को कहा है, ताकि सहायक नदियों जैसेकि हिंडन, राम गंगा, काली, गोमती इत्‍यादि की सफाई का कार्य जल्‍द से जल्‍द शुरू हो सके। एनएमसीजी ने नालों के जरिए गंगा नदी में गिरने वाले ठोस कचरे के महत्‍वपूर्ण मसले को भी उत्‍तर प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया और सरकार से अनुरोध किया कि वह गंगा नदी के आसपास स्थित शहरी स्‍थानीय निकायों को एक कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दे, ताकि नदी में गिरने वाले ठोस कचरे के दोहन के लिए उन नालों में पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की जा सके, जो नदी के संगम से कम से कम एक किलोमीटर तक फैले हुए हैं।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तत्‍वावधान में शुरू की गई समग्र पारिस्थितिक कार्यबल बटालियन की परियोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। गंगा संरक्षण से जुड़े प्रयासों में मदद के लिए तीन महत्‍वपूर्ण शहरों यथा इलाहबाद, वाराणसी और कानपुर में एक गंगा कार्यबल को तैनात किया जाएगा। प्रधान सचिव पर्यावरण एवं वन रेणुका कुमार ने उत्‍तर प्रदेश में जारी ‘गंगा हरीतिमा अभियान’ व्‍यापक हरित अभियान के बारे में बताते हुए एनएमसीजी को आश्‍वासन दिया कि पर्यावरण विभाग और उत्‍तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गंगा कार्यबल को आवश्‍यक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उन्‍होंने अधिकतम सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्‍चित करने के लिए गंगा कार्यबल और गंगा नदी से जुड़े स्‍वप्रेरित स्‍वयंसेवकों के समूह ‘गंगा प्रहरियों’ को कुछ खास प्रशिक्षण एवं उन्‍मुखीकरण मुहैया कराने का सुझाव भी दिया। एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक हितेश कुमार एस मकवाना, उत्‍तर प्रदेश के प्रधान सचिव (शहरी विकास) मनोज कुमार सिंह भी बैठक में उपस्थित थे।

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