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सीमा सुरक्षा में हो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रयोग!

गृहमंत्री ने दिए सीमाओं पर निगरानी और सुरक्षा के कड़े निर्देश

तटीय और सीमाई परियोजनाओं के कामकाज की समीक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 25 May 2018 02:53:15 PM

rajnath singh at a review meeting of the border management division

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। गृहमंत्री एक समीक्षा बैठक में पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमाओं के साथ बाड़ लगाने और सड़कों एवं चौकियों के निर्माण में हुई प्रगति का जायजा ले रहे थे, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्‍तान सीमा के संबंध में इस बात पर संतोष जताया कि बाड़ लगाने का 97 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने अभौतिक बाधाओं के संदर्भ में व्‍यापक एकीकृत सीमा प्रबंध प्रणाली पर आधारित पायलट परियोजनाओं के कार्यांवयन की भी समीक्षा की। उन्‍होंने सीमा सुरक्षा पर पुलिस व्‍यवस्‍था को मजबूत बनाने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया।
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर कई संघर्ष और युद्ध हुए हैं। दोनों देशों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जो भारतीय राज्यों को पाकिस्तानी प्रांतों से अलग करती है, इनमें भारतीय सीमा के उत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलओसी, जो पाकिस्तान के नियंत्रित कश्मीर को भारतीय कश्मीर से अलग करती हुई वाघा तक जाती है और दक्षिण में गुजरात और राजस्थान को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करती है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर बल दिया कि तटीय सुरक्षा भी बहुत ज्यादा महत्‍वपूर्ण है, इस संदर्भ में उन्होंने 194 तटीय पुलिस स्‍टेशनों के संचालन के लिए राज्‍य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के कार्यों की प्रशंसा की। उन्‍होंने तटीय सुरक्षा के लिए विभिन्‍न एजेंसियों के बीच तालमेल की आवश्‍यकता को रेखांकित किया। उन्‍होंने कहा कि तटीय सुरक्षा के अगले चरण में नौसेना, तटरक्षक, राज्‍य सरकार जैसे हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। तटीय पुलिस स्‍टेशनों को नाव और कई अन्‍य उपकरण उपलब्‍ध कराए गए हैं।
भारत में वर्ष 2008 में हुई आतंकवादी घटना के पश्चात समुद्री सुरक्षा तंत्र में भी कई बड़े परिवर्तन किए गए हैं। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए निगरानी, आसूचना और विभिन्न एजेंसियों के मध्य सूचनाओं के आदान-प्रदान पर खास ध्यान दिया जाने लगा है। भारतीय तटरक्षक की तटीय सुरक्षा निगरानी प्रणाली स्थिर सेंसरों की एक श्रृंखला है, जो राडार, स्वचालित पहचान प्रणाली एवं दिन-रात कैमरों से सुसज्जित है, इन्हें द्वीपों एवं तटों पर लगाया गया है। भारतीय तटरक्षक समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए प्रभावी सुरक्षा प्रणाली विकसित करने और उसपर क्रियांवयन हेतु योगदान करती है। तटरक्षक की देखरेख में सुरक्षा ढांचा तमाम प्रकार की गतिविधियों को अंजाम देता है, जिनमें तटीय सुरक्षा, अपतटीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, जलदस्युता विरोधी एवं बंदरगाहों की सुरक्षा प्रमुख हैं। देश की समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भारतीय तटरक्षक भारतीय नौसेना के साथ मिलकर कार्य करती है। फरवरी 2009 में तटीय सुरक्षा का उत्तरदायित्व भारतीय तटरक्षक को सौंपा गया था।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण एक समस्‍या रही है, देश की पूर्वी सीमाओं पर भूमि अधिग्रहण में तेजी लाई जानी चाहिए। राजनाथ सिंह ने नए स्‍थापित 6 एकीकृत चेक पोस्‍ट के कामकाज पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए भारत-नेपाल, भारत-बांग्‍लादेश और भारत-भूटान की सीमाओं पर 13 आईसीपी निर्माण का निर्देश भी दिया है। उन्होंने कहा कि इन एकीकृत चेक पोस्‍टों के माध्‍यम से व्‍यापार और लोगों के आवागमन में सुविधा होगी। गृहमंत्री ने सीमा क्षेत्र विकास परियोजना के कामकाज की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी सीमावर्ती राज्‍य कोष के शीघ्र आवंटन के लिए वार्षिक कार्ययोजना गृह मंत्रालय को भेजें। उन्होंने कहा कि बीएडीपी के अंतर्गत सभी योजनाएं और कार्यक्रम तेजी से कार्यांवित किए जाने चाहिएं। समीक्षा बैठक में गृह सचिव राजीव गॉबा, विशेष सचिव सीमा प्रबंधन बीआर शर्मा, सीमा प्रबंधन के संयुक्‍त सचिव, गृह मंत्रालय और केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिसबल के वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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