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इसरो और भेल के बीच हुआ करार

लिथियम ऑयन बैटरी प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण

अंतरिक्ष कार्यों में ऊर्जा स्रेात के रूपमें होता है प्रयोग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 23 March 2018 05:08:34 PM

isro and bhel technology transfer agreement

बैंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान ने अंतरिक्ष कार्यों में प्रयोग होने वाली लिथियम ऑयन बैटरियों के उत्‍पादन के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्‍स लिमिटेड के साथ प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण का करार किया है, जिसपर कल इसरो के बैंगलुरु मुख्‍यालय में इसरो अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के सिवन और भेल के अध्‍यक्ष सहप्रबंध निदेशक अतुल सोबती की उपस्थिति में हस्‍ताक्षर किए गए। इसरो की ओर से लिथियम ऑयन बैटरियों का उपयोग उनके अत्‍याधिक ऊर्जा घनत्व, विश्वसनीयता और लंबी अवधि तक चलने के गुणों के कारण उपग्रह और अंतरिक्षयानों के प्रक्षेपण के लिए ऊर्जा स्रोतों के रूपमें किया जाता है।
इसरो के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने अंतरिक्ष संबंधी कार्यों में इस्‍तेमाल होने वाली लिथियम ऑयन बैटरियों के निर्माण की प्रौद्योगिकी को सफलतापूर्वक विकसित किया है, इसके साथ ही उसने विभिन्न तरह के परीक्षणों में इन बैटरियों की क्षमता का प्रदर्शन करके लंबी अवधि तक चलने वाले इसके गुणों को भी साबित किया है। इन बैटरियों का इस्‍तेमाल मौजूदा समय ऊर्जा स्रेात के रूपमें विभिन्न उपग्रहों और अंतरिक्षयानों के प्रक्षेपण के लिए किया जाता है। गौरतलब है कि लिथियम ऑयन बैटरी प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण से भेल ऐसी बैटरियों के विनिर्माण में सक्षम होगा, जिससे देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी। राष्‍ट्रीयस्‍तर पर अन्‍य कार्यों के लिए भी लिथियम ऑयन बैटरियों के विनिर्माण के लिए यह तकनीक अपनाई जा सकेगी।

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