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रेशम उत्पादन में 2020 तक कई गुना वृद्धि-स्मृति

कैबिनेट में रेशम उद्योग विकास हेतु एकीकृत योजना मंजूर

रेशम प्रक्षेत्र में कार्यरत लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 23 March 2018 01:30:32 PM

textile minister smriti irani

नई दिल्ली। केंद्रीय वस्त्रमंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने नई दिल्ली में एक बैठक में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा है कि भारत 2020 तक रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने बताया ‌कि कैबिनेट ने रेशम उद्योग के विकास के लिए एकीकृत योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे 2020 तक उच्चस्तरीय रेशम के उत्पादन में 62 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। वस्त्रमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य रेशम प्रक्षेत्र में कार्यरत 85 लाख लोगों की संख्या को बढ़ाकर अगले तीन वर्ष में एक करोड़ करना है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 50,000 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत संबंधित मंत्रालयों की एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की जाएगी, जो शोध और विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि संवितरित करेगी।
वस्त्रमंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि बीज उत्पादन इकाइयों को उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी और उन्हें सुदृढ़ किया जाएगा, उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी, ताकि वे भविष्य में रेशम की बढ़ती मांग को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि डिज़िटल इंडिया के अंतर्गत बीज उत्पादन तथा अन्य गतिविधियों में संलग्न किसानों को वेब आधारित समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे, किसान और बीज उत्पादकों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए सब्सिडी का सीधा भुगतान किया जाएगा। वस्त्रमंत्री स्मृति इरानी ने बताया कि बाज़ार विकास एक बहुत महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है और देश के प्रमुख रेशम उत्‍पादक राज्‍यों में 21 कोकून परीक्षण केंद्रों की स्‍थापना की जा रही है। इसके अतिरिक्‍त, उन्‍नत किस्‍मों के लिए 19 मूलभूत रेशम बीज प्रक्षेत्रों, 20 रेशम कीट बीज उत्‍पादन केंद्रों, 131 चॉकी पालन केंद्रों और 500 एकड़ भूमि अलग से रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि एकल किसानों एवं रेशम उत्‍पादकों की अवसंरचना विकास की केंद्र सरकार वित्तीय रूपसे सहायता करेगी, जो लागत का 50 प्रतिशत वहन करेगी और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित लाभार्थियों के लिए केंद्र सरकार लागत का 65 प्रतिशत वहन करेगी।
स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि पूर्वोत्‍तर राज्‍यों, जम्‍मू एवं कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के लाभार्थियों के मामले में केंद्र सरकार लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी। उन्होंने बताया कि शिकायतों के समय पर समाधान एवं लोकसंपर्क कार्यक्रमों के लिए एक हेल्‍पलाइन की स्‍थापना की जाएगी। स्मृति इरानी ने बताया कि राज्‍य सरकारों से योजना के कार्यांवयन में भाग लेने का आग्रह किया गया है, क्‍योंकि देश में रेशम उत्‍पादन को बढ़ाने में उनकी महत्‍वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि 26 रेशम उत्‍पादक एवं उपभोग राज्‍यों में से केवल 17 के पास ही अलग विभाग या रेशम कीट पालन निदेशालय है।

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