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अच्छी शिक्षा एक वैश्विक एजेंडा-सत्यपाल

फिजी के नादी में राष्ट्रकुल शिक्षामंत्रियों का सम्मेलन

डॉ सत्यपाल की राष्ट्रकुल शिक्षामंत्रियों से मुलाकात

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 26 February 2018 09:40:51 AM

dr. satyapal singh in conference of the commonwealth education ministers

फिजी/ नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह ने फिजी के नादी में राष्ट्रकुल शिक्षामंत्रियों के 20वें सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। सम्मेलन की थीम थी-अनुकूलता एवं लचीलापन: क्या शिक्षा कारगर हो सकती है? डॉ सत्यपाल सिंह ने फिजी के यूनिवर्सिटी ऑफ साऊथ पैसिफिक के कुलपति डॉ राजेश चंद्रा के '20 सीसीईएम विषयगत मुद्दों' पर प्रतिक्रिया वक्तव्य दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सतत विकास लक्ष्यों का मूल उद्देश्य हमारे शिक्षकों एवं छात्रों में सार्वभौमिक, मानवतावादी, नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को अंतर्निविष्ट करना एवं उनका पोषण करना है। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा को एक वैश्विक एजेंडा बन जाना चाहिए, क्योंकि जब तक सभी देशों के बच्चे अच्छी तरह से शिक्षित, कुशल नहीं हो जाते एवं रोज़गार से नहीं जुड़ जाते, विश्वशांति सुनिश्चित करने की संभावना अस्पष्ट बनी रहेगी।
राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह ने सतत विकास लक्ष्य पर विचार-विमर्श के दौरान 'वयस्क शिक्षा एवं अध्ययन' पर वक्तव्य दिया। उन्होंने प्रतिभागी राष्ट्रकुल सदस्यों को भारत सरकार की वयस्क शिक्षा के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन, साक्षर भारत, मतदाता साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, सीमांत वर्गों के लिए कानूनी साक्षरता और वयस्कों के लिए स्वरोज़गार प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों, मैसिव ओपेन ऑनलाइन लर्निंग कोर्सेस, राष्ट्रीय डिजिटल लाईब्रेरी आदि आरंभ की गई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी शिशु बिना शिक्षा के वयस्क के रूपमें विकसित नहीं हो सकता। उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री सेवानिवृत्त रियर एडमिरल जोसेइया वोरेक बैनीमारामा से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्होंने 11 मार्च 2018 को नई दिल्ली में होने वाले सौर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित किया। फिजी के प्रधानमंत्री ने धन्यवाद दिया एवं शिखर सम्मेलन में अपनी प्रतिभागिता की पुष्टि की। डॉ सत्यपाल सिंह ने फिजी के शिक्षामंत्री अयाज सैयद खैयूम के साथ भी विचार-विमर्श किया।
डॉ सत्यपाल सिंह की ब्रिटेन के शिक्षामंत्री डॉ निक गिब, ऑस्ट्रेलिया की सहायक शिक्षामंत्री केरेन एंड्रज एवं टोंगा के शिक्षामंत्री पेनिसीमनी इपेंसिया के साथ द्विपक्षीय बैठक हुईं। उन्होंने न्यूजीलैंड की सहायक शिक्षामंत्री जेनी सलेसा से भी मुलाकात की। उनकी बहुपक्षीय सहयोग पर राष्ट्रकुल के महासचिव पैट्रिसिया स्कॉटलैंड के साथ बातचीत हुई। डॉ सत्यपाल सिंह ने रामकृष्ण मिशन के संचालित विवेकानंद महाविद्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की। उन्होंने भारतीय उच्चायोग में भारतीय डायसपोरा के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए सुवा की यात्रा की, जहां विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया था। उन्होंने फिजी के तीन नागरिकों को पुरस्कार प्रदान किए, जो फिजर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने एवं प्रचार-प्रसार करने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने हिंदी भाषा एवं संस्कृति पर भारतीय डायसपोरा को संबोधित भी किया। डॉ सत्यपाल सिंह ने तवुवा में राबुलु सनातन के नए विद्यालय परिसर का उद्घाटन किया। यह विद्यालय 2016 के फरवरी महीने में कैट-5 तूफान विंस्टन के कारण बुरी तरह ध्वस्त हो गया था।
डॉ सत्यपाल सिंह ने लौटोका में गिरमिट सेंटर का दौरा किया, जहां उन्होंने केंद्र के पुस्तकालय को 100 किताबें उपहारस्वरूप भेंट कीं तथा गिरमिट सेंटर के अधिकारियों से मुलाकात की। फिजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रेम मिसिर की पुस्तक द सुबालटर्न इंडियन वूमेन के विमोचन में भी वे शामिल हुए। मॉरीशस की शिक्षामंत्री लीला देवी भी इन सामुदायिक मुलाकातों के दौरान उपस्थित थीं, उन्होंने भारतीय डायसपोरा से अगस्त 2018 में मॉरीशस में होने वाले विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने की अपील की। डॉ सत्यपाल सिंह ने संस्कृति, समाज एवं सभ्यता के विकास में महिलाओं की भूमिका एवं स्वास्थ्य, भाषा एवं संस्कृति का संरक्षण पर भाषण दिया।

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