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'कोच्चि बनेगा वैश्विक जहाज मरम्मत का केंद्र'

कोचीन में जहाजरानी मंत्रालय का 'बिल्ड द शिप' सम्मेलन

भारत में वाणिज्यिक जहाज मरम्मत के बाज़ार का विस्तार

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Saturday 18 November 2017 04:35:14 AM

nitin gadkari unveiling the plaque to international ship repair facility

कोच्चि। केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन, राजमार्ग और जल संसाधन एवं नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कोचीन वैश्विक जहाज मरम्मत का केंद्र बनने के लिए तैयार है। नितिन गडकरी ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की 970 करोड रुपये की लागत से निर्मित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा की नींव रखी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा कोचीन पोर्ट ट्रस्ट में निर्मित की जा रही है, जहां सीएसएल ने 40 एकड़ भूमि पट्टे पर दी है। नितिन गडकरी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा केंद्र आधुनिकतम तकनीक से सुसज्जित होगा, जो छोटे और मध्यम आकार के जहाजों की अधिकांश संख्या को परिचालित करने में सक्षम होगा। उन्होंने बताया कि सीएसएल 130 मीटर x 25 मीटर की आकार वाले एक लिफ्ट प्रणाली का निर्माण करेगा, जो 6 हजार टन की भार क्षमता को उठाने में सक्षम होगा, इसमें 6 कार्य स्टेशन होंगे, इसमें 85 जहाजों को मरम्मत करने की सुविधा होगी और इस प्रकार सीएसएल अपनी मरम्मत क्षमता को दो गुना करने में सक्षम होगा।
जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक जहाज मरम्मत बाज़ार में भारत के हिस्से को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौरपर 6 हजार नौकरियों का सृजन होगा, इसके अतिरिक्त राज्य में कई अनुषांगिक इकाईयों की स्थापना होगी, इससे रोज़गार और अर्थव्यवस्था में गुणात्मक बदलाव आएगा। नितिन गडकरी ने कोचीन में जहाज मंत्रालय के ‘बिल्ड द शिप-2017’ सम्मेलन का भी उद्घाटन किया। यह सम्मेलन जहाज निर्माण, जहाज डिजाइन, जहाज मरम्मत और समुद्री सहायक उद्यमों के विकास के लिए किए गए एक अध्ययन की अनुसंशाओं पर आधारित है। सम्मेलन में उन्होंने समुद्री और जहाज निर्माण के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र सेंटर फॉर एक्सेलेंस इन मेरीटाइम एंड शिप बिल्डिंग यानी सीईएमएस की स्थापना की घोषणा की।
नितिन गडकरी ने कहा कि सीईएमएस के परिसर मुंबई और विशाखापट्टनम में भी होंगे, जिसे सीमेंस के सहयोग से जहाजरानी मंत्रालय सागरमाला कार्यक्रम के तहत निर्मित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीईएमएस, समुद्री क्षेत्र में छात्रों की इंजीनियरिंग एवं तकनीकी क्षमता का विकास करेगा, इन सुविधाओं से जहाजों के निर्माण, डिजाइन, परिचालन और प्रबंधन के क्षेत्र में घरेलू जरूरतों की मांग भी पूरी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह संस्थान दक्षिण एशिया में एक अंतरराष्ट्रीय नोडल केंद्र बनना चाहता है, जहां श्रीलंका, बांग्लादेश, थाईलैंड, मलेशिया जैसे देशों के छात्रों को आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पोर्ट और समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास से मेक इन इंडिया को भी बढ़ावा मिलेगा। कोचीन के लॉंच समारोह में नितिन गडकरी ने सीईएमएस के लोगो का भी अनावरण किया।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड सीएसएल और एचडीपीईएल-हुगली का एक संयुक्त उद्यम है। एचसीएल में सीएसएल और एचडीपीईएल की हिस्सेदारी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत है। सम्मेलन के दौरान सीएसएल और एचडीपीईएल के बीच एक समझौता भी हुआ, इसके तहत सीएसएल कोलकाता में एचडीपीईएल की निर्माण सुविधाओं का अधिग्रहण करेगा। इस प्रकार सीएसएल कोलकाता की समुद्री विरासत को पुर्नजीवित करेगा और उसे मजबूती प्रदान करेगा। नितिन गडकरी ने मन्नार का भी दौरा किया, जहां उन्होंने बोडेमट्टू से मन्नार तक एनएच 85 के नवीनीकरण की आधारशिला रखी। करीब 42 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की अनुमानित लागत 380.76 करोड़ रुपये है।

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