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नीरज भारद्वाज का फ़िल्मों की ओर रुख़

फिल्म इंडस्ट्री में नीरज भारद्वाज को हुए पंद्रह वर्ष

अभिनय, पत्नी संबंध और राजनीति पर गंभीर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 8 April 2017 05:12:22 AM

neeraj bharadwaj

मुंबई। अभिनेता नीरज भारद्वाज को फिल्म इंडस्ट्री में 15 वर्ष हो गए हैं। दूरदर्शन पर चल रहे धारावाहिक, 'बंधन कच्चे धागों का' में उनका अभिनय दर्शकों ने काफी पसंद किया है और सुपरहिट हुआ है। आपको मालूम ही है कि इस धारावाहिक का प्रसारण प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार दोपहर दो बजे हो रहा है। त्रिशक्ति फिल्म्स के बैनर तले डीएन जोशी यानी धर्मानंद इसके निर्माता, भुवन जोशी एग्जीक्यूटिव निर्माता हैं और मनोज सिंह निर्देशक। नीरज भारद्वाज, हरमनप्रीत कौर, अरुण कुमार, हेरम्ब त्रिपाठी, अंजलि भदौरिया, अंतिमा शर्मा, सोमेश सिंह जैसे कई प्रतिभाशाली कलाकारों ने इस धारावाहिक को सुपरहिट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। 'बंधन कच्चे धागों का' में नीरज भारद्वाज, इंद्रजीत नाम से मुख्य निगेटिव करेक्टर है, जिसको दर्शकों की खूब गालियां मिलती हैं, यानी नीरज भारद्वाज इस चरित्र को निभाने में सफल रहे हैं।
बिहार कटिहार के रहने वाले नीरज भारद्वाज ने धारावाहिक 'साथ निभाना साथिया' में चिराग मोदी उर्फ़ मोटा भाई की भूमिका निभाई, लेकिन जो भी कारण रहा हो, नीरज भारद्वाज ने इस धारावाहिक को छोड़ दिया, जिसके कारण वे काफी चर्चा में भी रहे। इसके अलावा अभिनेत्री पत्नी उपासना सिंह यानि कपिल शर्मा शो की बुआ को तलाक देने को लेकर भी वे चर्चा में रहे हैं। कई हिंदी फिल्मों और कई भोजपुरी फिल्मों में बतौर हीरो काम करने वाले बहुमुखी प्रतिभाशाली एक्टर नीरज भारद्वाज दूरदर्शन और अन्य सेटेलाईट चैनलों के धारावाहिकों में करीब पंद्रह वर्ष से अभिनय कर रहे हैं।
नीरज भारद्वाज से एक दिन धारावाहिक 'बंधन कच्चे धागों का' के सेट पर बातें होने लगीं। इसी धारावाहिक से बात शुरू हुई तो बताए कि, 'बंधन कच्चे धागों का' में मैं इंद्रजीत नाम का चचेरा भाई हूं, जोकि पैसे और प्रोपर्टी के लिए कुछ भी करता है और मैं चाहता हूं कि मेरे भाई की प्रॉपर्टी मेरे बेटे को मिले, इसलिए में हर तरह की कोशिश करता हूं। वे कहते हैं कि मै एक कलाकार हूं और दूरदर्शन के धारावाहिकों में मेरा करेक्टर इतना बुरा है कि हर दर्शक मुझे गाली देता है, इसका मतलब मेरा करेक्टर सफल हुआ, जिसने मुझे लोकप्रिय बना दिया है और नेगेटिव करेक्टर में कलाकार को हमेशा कुछ नया करने को मिलता है, जबकि पॉजिटिव रोल कुछ समय करने के बाद उसमें नया करने को कुछ बचता नहीं है।
धारावाहिक 'साथ निभाना साथिया' के बाद दूसरे चैनलों के लिए कोई नया धारावाहिक नहीं करने पर बात हुई। उनका कहना है कि दूसरे चैनलों के धारावाहिक भी करूंगा, यदि कुछ अच्छा और चैलेंजिग रोल मिला। नीरज भारद्वाज की कुछ जगह बात चल रही है, जिसे वह समय आने पर बताएंगे, लेकिन वे इस विषय पर ज्यादा गंभीरता से बोलते हैं कि मैं केवल पैसे के लिए धारावाहिकों में खड़ा होकर तमाशा देखने और खानापूर्ति का काम नहीं करना चाहता, मैं ऐसी शादी में नहीं जाना चाहता जहां केवल फूल फेकना हो। वे कह रहे हैं कि आजकल धारावाहिकों में केवल महिलाओं को ही प्रमुखता दी जा रही है और पुरुषों को केवल शो पीस की तरह खड़ा रक्खा जा रहा है, कभी-कभार उनका ट्रैक आता है, वर्ना वे धारावाहिक में केवल खानापूर्ति के लिए होते हैं, ऐसे अभिनय क्या फायदा?
नीरज भारद्वाज का ध्यान आजकल केवल फिल्मों पर केंद्रित है, जिसके बारे में उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन हिंदी फिल्में, एक साउथ की और एक मराठी फिल्म साइन की हैं और कई लोगों के लिए फिल्मों और धारावाहिकों के लिए पूरे प्रोजेक्ट का सेटअप भी बना रहे हैं, वो हिसाब समझाते हैं कि यदि किसी फिल्म और धारावाहिक पर एक लाख खर्च हो रहा है तो वह उस प्रोजेक्ट को उससे भी अच्छा और केवल 75 प्रतिशत खर्चे में बनाकर दे सकते हैं। नीरज भारद्वाज को राजनीति में दिलचस्पी लेते देखा जाता है तो क्या इधर भी जाने का इरादा है? इसपर उनसे ज्ञात हुआ कि वह 2022 में राजनीति में जरूर जाएंगे। वे कहते हैं कि उनका ज्योतिष में बहुत विश्वास है और उनके जीवन में इसकी अहम भूमिका है, लाइफ पर ग्रहों का काफी असर होता है, उसीके अनुसार मैं राजनीति में जरूर जाऊंगा, फिलहाल वह अभिनेता हैं और फिलहाल उनका ध्यान श्रेष्ठ अभिनय की ओर है।
पत्नी उपासना सिंह से खट्टे-मीठे संबंधों, अभिनय और राजनीति पर नीरज भारद्वाज काफी गंभीर दिखाई दिए, जब फिल्मी परिवारों ‌की अंदरूनी चर्चाओं पर बात आई। उपासना सिंह से संबंधों पर वे काफी गंभीर हैं और कहते हैं कि इसमें मैं थोड़ा सा करेक्ट करना चाहूंगा और वो यह कि हमारे बीच के मतभेद संबंध विच्छेद के कगार पर पहुंचने वाले थे, जिसमें यह नहीं है कि मैं तलाक देनेवाला था या वह देनेवाली थीं। वे उपासना सिंह से वैवाहिक जीवन को गंभीर और सकारात्मक महत्व देते हुए कहते हैं कि अभी समुद्र शांत है, देखेंगे बाद में क्या होता है, मैं उपासना को समय देना चाहता हूं, क्योंकि ये जीवन के कठिन फैसले हैं और ऐसे फैसले बहुत सोच समझकर ही लेने चाहिएं, वह मेरे साथ रहना चाहती हैं तो बहुत अच्छा है, वर्ना उनकी मर्ज़ी है।

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