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पचास हजार का ईनामी हैदर खान गिरफ्तार

एसटीएफ पश्चिम को मिली उल्लेखनीय सफलता

हैदर खान के हैं अनेक हाईप्रोफाइल संबंध

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Sunday 2 April 2017 04:51:16 AM

haider khan and abdul wahid

गाजियाबाद। एसटीएफ उत्तर प्रदेश की एसटीएफ पश्चिम उत्तर प्रदेश ब्रांच ने पचास हजार रुपए के ईनामी कुख्यात अपराधी हैदर खान और उसके साथ अपराधों में सहयोगी और सगे भाई अब्दुल वाहिद को कल लोनी क्षेत्र में हुई एक साहसिक मुठभेड़ में धरदबोचा है। एसटीएफ के लिए यह उल्लेखनीय सफलता मानी जा रही है। हैदर खान का आपराधिक इतिहास लंबा है और इसके संरक्षणदाता भी हाईप्रोफाइल माने जाते हैं। हैदर खान और अब्दुल वाहिद पुत्र महताब जनपद सहारनपुर में थाना और कस्बा तिंतरौं के रहने वाले हैं और इन्होंने खासतौर से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, हरियाणा राज्य के यमुनानगर और दिल्ली को अपनी दहशत और अपराध का केंद्र बनाया हुआ था। यह तो सबकी जानकारी में है, लेकिन इसके अपराध और संपर्कों का दायरा और कितना है, इसके बारे में एसटीएफ जानकारी एकत्र कर रही है।
एसटीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि हैदर खान से मेड इन यूएसए .9 एमएम पिस्टल, सात जिंदा कारतूस एवं उसके 3 खोखे, एक सीएमपी 315 बोर और उसके 19 जिंदा कारतूस 2 खोखे, बिना नंबर की एक महिंद्रा एक्सयूवी गाड़ी, जिसको इन्होंने दिल्ली से लूटा जाना बताया है, दिल्ली पुलिस सब इंसपेक्टर की वर्दी मय शर्ट पैंट बैल्ट और पीक-कैप, 3 लाख 12 हजार रुपए नगद की बरामदगी हुई है। दिल्ली पुलिस की वर्दी और खतरनाक हथियारों की बरामदगी बता रही है कि इस अपराधी की पहुंच कहां तक होगी, जाहिर है कि इसे ऐसे लोगों का संरक्षण है, जिनकी दिल्ली पुलिस और राजनीतिक लोगों में गहरी पैंठ है। किसी सामान्य अपराधी की इतनी हिमाकत नहीं है कि वह दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनकर दिल्ली और सहारनपुर में निर्भय होकर अपना अपराध नेटवर्क चला सके। इसके अतीत की जानकारी पाकर आप हैरान होंगे कि हैदर खान कभी क्या था और आज उसकी कितनी बड़ी हैसियत है, यह अलग बात है कि वह अपराध और हाईप्रोफाइल संपर्कों के बल पर अपनी समृद्धि तक पहुंचा।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक के दिशा-निर्देशन में उत्तर प्रदेश में पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के फलस्वरूप हैदर खान पकड़ा जा सका है। एसटीएफ पश्चिम उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र के निर्देशन में विशेष टीमों का गठन किया गया था। एसटीएफ पश्चिमी गौतमबुद्धनगर के पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार मिश्रा के पर्यवेक्षण में उनकी टीमों ने क्षेत्र के ईनामी एवं छिपे हुए खतरनाक अपराधियों की अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारंभ की, जिसके दौरान सूचना प्राप्त हुई कि 1 अप्रैल 2017 को सहारनपुर का रहने वाला पचास हजार रुपए का ईनामी अपराधी हैदर खान अपने साथी और सगे भाई अब्दुल वाहिद के साथ गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के ऋषि मार्केट में इन्हीं के यहां के रहने वाले अब्दुल्ला सुपारी से मिलने आने वाला है, इस सूचना पर एसटीएफ निरीक्षक राकेश कुमार पालीवाल के नेतृत्व में ऋषि मार्केट के पास घेराबंदी की गई और ईदगाह रोड लोनी पर मुठभेड़ में इस ईनामी अपराधी हैदर खान एवं उसके सहयोगी एवं भाई अब्दुल वाहिद को गिरफ्तार कर लिया गया।
अपराधी हैदर खान से की गई पूछताछ पर एसटीएफ को ज्ञात हुआ है कि वह केवल कक्षा आठ पास है और प्रारंभ में सहारनपुर के कस्बा तिंतरौं में ठेके पर बाग लेने तथा उससे तैयार फसल को बेचने का कार्य करता था। वर्ष 2011 में हैदर खान की मुलाकात उसके ही गांव के मुकीम काला गैंग के सक्रिय सदस्य सादर उर्फ खान साहब से हुई और वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया। वर्ष 2011 में सादर उर्फ खान साहब के साथ मिलकर हैदर खान ने ग्राम डूभर खड़लाना थाना झिंझाना जनपद शामली में मोटरसाईकिल लूट की घटना को अंजाम दिया और उसी दिन थानाक्षेत्र झिंझाना में वह पुलिस चैंकिग के दौरान पकड़ा भी गया। इस पर विभिन्न धाराओं के साथ गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया और लगभग एक वर्ष जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा होकर अपने गांव आ गया। इसके बाद इसने वर्ष 2012 में झिंझाना में ही दूध की डेरी के मालिक से अपने साथी सादर उर्फ खान साहब महताब उर्फ काना निवासी ग्राम गुजरांबलवा थाना शामली, वैसर निवासी ग्राम हाजीपुर थाना गंगोह जनपद सहारनपुर और मुनशाद निवासी ग्राम खंदरावली थाना कांधला जनपद शामली के साथ मिलकर लगभग दस लाख रुपए की लूट को अंजाम दिया, इस अभियोग में भी हैदर खान एवं सादर उर्फ खान साहब गिरफ्तार करके जेल भेज दिए गए।
मुजफ्फरनगर जेल में हैदर खान की मुलाकात मुकीम काला बदमाश से हुई और लगभग आठ महीने बाद वह जेल से छूट गया। एसटीएफ ने बताया कि वर्ष 2014 में मुकीम काला ने तिंतरौ के सुनार से दस लाख रुपए की रंगदारी मांग ली और सादर उर्फ खान साहब एवं मुकीम काला को हैदर खान के पुलिस का मुखबिर बन जाने का शक हो गया, इनमें रंजिश बढ़ गई और मुकीम काला एवं उसके साथियों ने 12 मार्च 2014 को हैदर खान के घर में घुसकर उसके पिता और चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी, तभी से हैदर एवं मुकीम काला के बीच में रंजिश चल रही है। वर्ष 2015 में वह नकुड़ में कैशलूट के अपराध में गिरफ्तार हुआ, फिर उसने अपने भाई के साथ थानाक्षेत्र सिटी यमुनानगर हरियाणा में एक फैक्ट्री के पंद्रह लाख चालीस हजार रुपए की लूट की। हैदर खान एवं उसका भाई अब्दुल वाहिद मौके से फरार हो गए और वांछित चल रहे थे। इन्होंने वर्ष 2016 में थानाक्षेत्र सिटी यमुनानगर सदर में ही एक और व्यापारी से कैश एवं लैपटाप लूटने की घटना को अंजाम दिया।
मुकीम काला से रंजिश के चलते वर्ष 2016 में झिंझाना में ग्राम बसी चुंगयारी के जंगल में उसने ग्राम बसी चुंगयारी के ही फैजान पुत्र हसमत की अपने सगे भाई वाहिद और एक और व्‍‌यक्‍ति मोबिन के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या कर दी। वर्ष 2016 में झिंझाना में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 12 लाख रुपए की डकैती की घटना कारित की, इस मामले में हैदर वांछित चल रहा था। इसके उपरांत वर्ष 2016 में ही गंगोह में उसने अपने ही साथी एवं सक्रिय अपराधी असजद पुत्र गुलाम रसूल, निवासी ग्राम बाहढ़ी माजरा की गोली मारकर हत्या कर दी। हैदर को शक था कि असजद भी मुकीम से मिल गया है। इस मामले में हैदर खान वह अभी वांछित चल रहा था और कल एक मुठभेड़ के बाद धरदबोचा गया।

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